शिमला: हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विकास निगम के निदेशक मंडल की बैठक में पांच साल पहले के 50 हजार और उससे कम राशि के ऋण माफ करने संबंधी विषय पर सहमति बन गई है. इसके अलावा निगम में रिक्त पड़े पदों को भरने की भी मंजूरी मिल गई है.
बैठक में निगम की अधिकृत पूंजी को मौजूदा 90 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 110 करोड़ रुपये करने, स्वरोजगार योजना के तहत निर्धारित आय सीमा 35 हजार रुपये और ऋण सीमा 50 हजार रुपये को बढ़ाने, दलित वर्ग व्यावसायिक प्रशिक्षण योजना के तहत मानदेय में वृद्धि, निगम के प्रशासनिक कार्यों पर हुए अतिरिक्त व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए सहायता अनुदान (ग्रांट-इन-ऐड) संबंधी मामले सरकार के समक्ष रखने पर सहमति बनी.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति से संबंध रखने वाले लोगों के जीवन में आर्थिक और सामाजिक स्तर में और सुधार लाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राज्य अनुसूचित जाति और जनजाति विकास निगम इन वर्गों के कल्याण के लिए बेहतर कार्य कर रहा है, लेकिन सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए निगम को अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है.
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डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि इन वर्गों के कल्याण के लिए और अधिक योजनाएं बनाने के लिए सरकार प्रयास करेगी. उन्होंने कहा कि युवाओं को शिक्षा और अपने अधिकारों के प्रति अधिक जागरूक होना होगा, जिसमें निगम भी जागरूकता शिविर लगाकर उनकी सहायता कर सकती है. साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि निगम की त्रैमासिक बैठक आयोजित करना सुनिश्चित करें.