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प्राकृतिक खेती को शिखर तक पहुंचाने में योगदान देंगे आढ़ती और कारोबारी, मंडियों में बिकेंगे नेचुरल फार्मिंग प्रोडक्ट

प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए हिमाचल सरकार प्रयास (natural farming in himachal ) कर रही है. मंगलवार को शिमला में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की स्टेट एग्जिक्यूटिव कमेटी (Prakritik Kheti Khushhal Kisan Yojana in himachal) ने मार्केटिंग बोर्ड और आढ़तियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान मार्केटिंग बोर्ड के एमडी नरेश ठाकुर ने कहा कि मार्केटिंग बोर्ड ने प्राकृतिक खेती किसानों के उत्पादों के लिए प्रदेश की 10 मंडियों मेंहदली, टापरी, धर्मपुर, नम्होल, पालमपुर, भुंतर, धनोटू, ऊना और पांवटा साहिब में स्थान चिन्हित कर लिया है.

Meeting organized in Shimla regarding Prakritik Kheti Khushhal Kisan Yojana
शिमला में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना को लेकर शिमला में बौठक
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Published : Apr 19, 2022, 8:04 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती से पैदा हुए उत्पाद बेचने में अब आढ़ती और कारोबारी भी सहयोग करेंगे. प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए हिमाचल सरकार प्रयास (natural farming in himachal ) कर रही है. नेचुरल फार्मिंग से जुड़े किसानों को अपने उत्पाद बेचने में दिक्कत ना हो इसके लिए भी सरकार प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है. मंगलवार को शिमला में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की स्टेट एग्जिक्यूटिव कमेटी (Prakritik Kheti Khushhal Kisan Yojana in himachal) ने मार्केटिंग बोर्ड और आढ़तियों के साथ बैठक की.

कृषि सचिव एवं प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी हितधारकों ने प्राकृतिक खेती उत्पादों को बाजार में बढ़ावा देने में सहयोग करने में अपनी सहमति प्रदान की. इस मौके पर कृषि सचिव ने कहा प्रदेश में अभी तक 1,71,063 किसान-बागवान इस खेती से जुड़ चुके हैं और अब इनके उत्पादों के लिए बाजार की आवश्यकता देखी जा रही है. इसलिए योजना के तहत इन किसान-बागवानों के उत्पादों को उचित बाजार मुहैया करवाने के लिए प्रदेश की 10 मंडियों में स्थान अलॉट करने का काम किया जा रहा है.

इसके अलावा किसानों के उत्पादों की ब्रांडिंग का काम भी योजना के तहत किया जा रहा है. उन्होंने आढ़तियों और व्यापारियों को भरोसा दिलाया की प्राकृतिक खेती उत्पादों को पूरी पारदर्शिता, विश्वसनीयता, प्रमाणिकता और ब्रांडिंग के साथ मंडियों में पहुंचाया जाएगा, जिससे व्यापारियों को इन्हें आगे बेचना आसान होगा.

बैठक के दौरान मार्केटिंग बोर्ड के एमडी नरेश ठाकुर ने प्राकृतिक खेती की जानकारी देते हुए कहा कि जब यह योजना प्रदेश में शुरू की गई थी, तब इसे लागू करने से पहले हमने दूसरे राज्यों का भ्रमण किया था और वहां सीखने के बाद ही इसे यहां लागू किया था, लेकिन आज साढ़े तीन साल के बाद हम उन राज्यों से भी आगे निकल गए हैं और प्रधानमंत्री बड़े-बड़े मंचों पर हिमाचल प्रदेश की सराहना कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि मार्केटिंग बोर्ड ने प्राकृतिक खेती किसानों के उत्पादों के लिए प्रदेश की 10 मंडियों मेंहदली, टापरी, धर्मपुर, नम्होल, पालमपुर, भुंतर, धनोटू, ऊना और पांवटा साहिब में स्थान चिन्हित कर लिया है.

बैठक के दौरान उन्होंने 8 जिलों के मंडी सचिवों को प्राकृतिक खेती के उत्पादों को प्राथमिकता के आधार पर बिक्री के लिए व्यवस्था तैयार करने के निर्देश दिए. बैठक के दौरान विभिन्न जिलों से आए अधिकारियों, किसानों, व्यापारियों और आढ़तियों ने प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए मार्केट व्यवस्था को तैयार करने में बहुमूल्य सुझाव दिए. आढ़तियों ने सुझाव दिया कि प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए अलग से मार्का और पैकेजिंग होनी चाहिए. वहीं, कई व्यापारियों ने प्राकृतिक खेती उत्पादों को सभी मंडियों में स्थान देने की बात कही.

ये भी पढ़ें: इस जिले की शिमला मिर्च पर आया था मोदी का दिल, प्राकृतिक खेती की उपज की खासियत के कायल हुए थे पीएम

शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती से पैदा हुए उत्पाद बेचने में अब आढ़ती और कारोबारी भी सहयोग करेंगे. प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए हिमाचल सरकार प्रयास (natural farming in himachal ) कर रही है. नेचुरल फार्मिंग से जुड़े किसानों को अपने उत्पाद बेचने में दिक्कत ना हो इसके लिए भी सरकार प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है. मंगलवार को शिमला में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की स्टेट एग्जिक्यूटिव कमेटी (Prakritik Kheti Khushhal Kisan Yojana in himachal) ने मार्केटिंग बोर्ड और आढ़तियों के साथ बैठक की.

कृषि सचिव एवं प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी हितधारकों ने प्राकृतिक खेती उत्पादों को बाजार में बढ़ावा देने में सहयोग करने में अपनी सहमति प्रदान की. इस मौके पर कृषि सचिव ने कहा प्रदेश में अभी तक 1,71,063 किसान-बागवान इस खेती से जुड़ चुके हैं और अब इनके उत्पादों के लिए बाजार की आवश्यकता देखी जा रही है. इसलिए योजना के तहत इन किसान-बागवानों के उत्पादों को उचित बाजार मुहैया करवाने के लिए प्रदेश की 10 मंडियों में स्थान अलॉट करने का काम किया जा रहा है.

इसके अलावा किसानों के उत्पादों की ब्रांडिंग का काम भी योजना के तहत किया जा रहा है. उन्होंने आढ़तियों और व्यापारियों को भरोसा दिलाया की प्राकृतिक खेती उत्पादों को पूरी पारदर्शिता, विश्वसनीयता, प्रमाणिकता और ब्रांडिंग के साथ मंडियों में पहुंचाया जाएगा, जिससे व्यापारियों को इन्हें आगे बेचना आसान होगा.

बैठक के दौरान मार्केटिंग बोर्ड के एमडी नरेश ठाकुर ने प्राकृतिक खेती की जानकारी देते हुए कहा कि जब यह योजना प्रदेश में शुरू की गई थी, तब इसे लागू करने से पहले हमने दूसरे राज्यों का भ्रमण किया था और वहां सीखने के बाद ही इसे यहां लागू किया था, लेकिन आज साढ़े तीन साल के बाद हम उन राज्यों से भी आगे निकल गए हैं और प्रधानमंत्री बड़े-बड़े मंचों पर हिमाचल प्रदेश की सराहना कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि मार्केटिंग बोर्ड ने प्राकृतिक खेती किसानों के उत्पादों के लिए प्रदेश की 10 मंडियों मेंहदली, टापरी, धर्मपुर, नम्होल, पालमपुर, भुंतर, धनोटू, ऊना और पांवटा साहिब में स्थान चिन्हित कर लिया है.

बैठक के दौरान उन्होंने 8 जिलों के मंडी सचिवों को प्राकृतिक खेती के उत्पादों को प्राथमिकता के आधार पर बिक्री के लिए व्यवस्था तैयार करने के निर्देश दिए. बैठक के दौरान विभिन्न जिलों से आए अधिकारियों, किसानों, व्यापारियों और आढ़तियों ने प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए मार्केट व्यवस्था को तैयार करने में बहुमूल्य सुझाव दिए. आढ़तियों ने सुझाव दिया कि प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए अलग से मार्का और पैकेजिंग होनी चाहिए. वहीं, कई व्यापारियों ने प्राकृतिक खेती उत्पादों को सभी मंडियों में स्थान देने की बात कही.

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