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1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन में मेंटेनेंस कार्य शुरू, हर साल खर्च होता 70 से 80 करोड़ - हाइड्रो पावर स्टेशन में मेंटेनेंस वर्क शुरू

1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के परियोजना प्रमुख रवि चन्द्र नेगी ने बताया कि इस बार क्षेत्र में बारिश कम होने के कारण आए दिन सतलुज नदी में पानी का स्तर कम हो चुका है. नेगी ने बताया कि सतलुज नदी में सिल्ट की मात्रा अधिक होने के कारण हर साल इकाइयों की मेंटेनेंस करनी पड़ती है. इसमें हर साल 70 से 80 करोड़ के बीच में मेंटेनेंस पर खर्च होता है.

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Published : Mar 15, 2021, 12:42 PM IST

Updated : Mar 15, 2021, 1:02 PM IST

रामपुरः प्रदेश में इस बार बर्फबारी व बारिश कम होने के कारण आए दिन सतलुज नदी का जलस्तर कम हो रहा है. जिस कारण रामपुर व आसपास के क्षेत्रों में लगे हाइड्रो प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.

वहीं, 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के परियोजना प्रमुख रवि चन्द्र नेगी ने बताया कि इस बार क्षेत्र में बारिश कम होने के कारण आए दिन सतलुज नदी में पानी का स्तर कम हो चुका है.

70 से 80 मेंटेनेंस का खर्चा

इस दौरान रवि चन्द्र नेगी ने बताया कि सतलुज नदी में सिल्ट की मात्रा अधिक होने के कारण हर साल इकाइयों की मेंटेनेंस करनी पड़ती है. इसमें हर साल 70 से 80 करोड़ के बीच में मेंटेनेंस पर खर्च होता है.

405 क्यूमेक्स पानी की आवश्यकता

इससे विद्युत उत्पादन भी कम हो रहा है. उन्होंने बताया कि आए दिन 70 क्यूमेक्स पानी ही प्रोजेक्ट के कार्य में लग रहा है. उन्होंने बताया कि 6 इकाइयों को चलाने के लिए उन्हें लगभग 405 क्यूमेक्स पानी की आवश्यकता रहती है.

वीडियो रिपोर्ट.

सतलुज नदी में जलस्तर घटा

लेकिन आए दिन सतलुज नदी में बहुत कम पानी आने के कारण बिजली उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि पहले वे पानी को स्टोर करते हैं, उसके बाद ही सुबह शाम इसे चलाने का कार्य करते हैं, ताकि दूसरे राज्यों में विद्युत आपूर्ति बाधित ना हो इसके लिए उनकी टीम प्रयासरत है.

पांच इकाइयों का कार्य पूरा

इस दौरान उन्होंने बताया कि हाइड्रो पावर स्टेशन में मेंटेनेंस का कार्य प्रगति पर चल रहा है. उन्होंने बताया कि पांच इकाइयों का कार्य पूरा कर दिया गया है और अब छटी इकाई का कार्य चल रहा है. जैसे ही इसका काम पूरा हो जाएगा, वैसे ही छह की छह इकाइयां काम करना शुरू कर देगी.

ये भी पढ़ेंः पहले मोदी को शिव बताया, अब जयराम को कृष्ण, राठौर बोले: भाजपा कर रही हिन्दू धर्म का अपमान

रामपुरः प्रदेश में इस बार बर्फबारी व बारिश कम होने के कारण आए दिन सतलुज नदी का जलस्तर कम हो रहा है. जिस कारण रामपुर व आसपास के क्षेत्रों में लगे हाइड्रो प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.

वहीं, 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के परियोजना प्रमुख रवि चन्द्र नेगी ने बताया कि इस बार क्षेत्र में बारिश कम होने के कारण आए दिन सतलुज नदी में पानी का स्तर कम हो चुका है.

70 से 80 मेंटेनेंस का खर्चा

इस दौरान रवि चन्द्र नेगी ने बताया कि सतलुज नदी में सिल्ट की मात्रा अधिक होने के कारण हर साल इकाइयों की मेंटेनेंस करनी पड़ती है. इसमें हर साल 70 से 80 करोड़ के बीच में मेंटेनेंस पर खर्च होता है.

405 क्यूमेक्स पानी की आवश्यकता

इससे विद्युत उत्पादन भी कम हो रहा है. उन्होंने बताया कि आए दिन 70 क्यूमेक्स पानी ही प्रोजेक्ट के कार्य में लग रहा है. उन्होंने बताया कि 6 इकाइयों को चलाने के लिए उन्हें लगभग 405 क्यूमेक्स पानी की आवश्यकता रहती है.

वीडियो रिपोर्ट.

सतलुज नदी में जलस्तर घटा

लेकिन आए दिन सतलुज नदी में बहुत कम पानी आने के कारण बिजली उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि पहले वे पानी को स्टोर करते हैं, उसके बाद ही सुबह शाम इसे चलाने का कार्य करते हैं, ताकि दूसरे राज्यों में विद्युत आपूर्ति बाधित ना हो इसके लिए उनकी टीम प्रयासरत है.

पांच इकाइयों का कार्य पूरा

इस दौरान उन्होंने बताया कि हाइड्रो पावर स्टेशन में मेंटेनेंस का कार्य प्रगति पर चल रहा है. उन्होंने बताया कि पांच इकाइयों का कार्य पूरा कर दिया गया है और अब छटी इकाई का कार्य चल रहा है. जैसे ही इसका काम पूरा हो जाएगा, वैसे ही छह की छह इकाइयां काम करना शुरू कर देगी.

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Last Updated : Mar 15, 2021, 1:02 PM IST
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