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शिमला रेप केस: कथित लापरवाही के आरोप में मजिस्ट्रियल जांच पूरी, सरकार को सौंपी 30 पन्नों की रिपोर्ट - शिमला रेप केस

सूत्रों की मानें तो मजिस्ट्रियल जांच में यह सामने आया है कि युवती पुलिस चौकी में करीब 20 मिनट तक रही और पुलिस से छेड़छाड़ करने की शिकायत भी की थी. मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट से लक्कड़बाजार चौकी के कर्मियों पर कथित लापरवाही करने के मामले में गाज गिर सकती है.

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Published : May 3, 2019, 9:35 PM IST

Updated : May 3, 2019, 10:55 PM IST

शिमला: शिमला में हरियाणा की युवती का अपहरण कर दुष्कर्म मामले में लक्कड़बाजार पुलिस चौकी पर लगे कथित लापरवाही के आरोपों की मजिस्ट्रियल जांच पूरी हो गई है. एडीएम कानून-व्यवस्था शिमला प्रभा राजीव ने 30 पन्नों की जांच रिपोर्ट शुक्रवार को अतिरिक्त गृह सचिव को सौंप दी है. सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में हालांकि खुलासा तो नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो मजिस्ट्रियल जांच में पुलिस कर्मियों की कथित लापरवाही भी सामने आई है.

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सूत्रों के अनुसार पीड़िता के पुलिस पर लगाए गए आरोप काफी हद तक सही पाए गए हैं. घटना से पहले युवती लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी गई थी. मजिस्ट्रियल जांच में सामने आया कि युवती चौकी में करीब 20 मिनट तक रही और पुलिस से छेड़छाड़ करने की शिकायत भी की थी.

ये भी पढ़ें: शिमला रेप केस: CCTV फुटेज ने खड़े किए कई सवाल, आरोपियों ने 15 मिनट में दिया वारदात को अंजाम ?

सूत्रों की मानें तो पुलिस चौकी में युवती ने ये भी शिकायत की थी कि बीते 17 अप्रैल को जब उसने एक गाड़ी में लिफ्ट ली थी तो गाड़ी का वो चालक उसे मल्याणा ले गया जहां पर उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की थी. पुलिस को यह भी बताया था कि अब उसे डर सता रहा है कि कहीं वही चालक उसके साथ फिर ये हरकत न करे. युवती की शिकायत को पुलिस ने हल्के में लिया और उसे आश्वास्त कर गुड़िया हेल्प लाइन नंबर देकर कहा कि जब भी कभी ऐसा लगे तो इस नंबर पर काल करना पुलिस हाजिर हो जाएगी.

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पुलिस की यह लापरवाही ही पुलिस कर्मियों के लिए गले की फांस बन गई है. मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट से लक्कड़बाजार चौकी के कर्मियों पर कथित लापरवाही करने के मामले में गाज गिर सकती है. इसके अलावा रिपोर्ट में कुछ और भी कथित लापरवाही के भी खुलासे किए गए हैं. जिसे अभी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है. सरकार ही अब इस मामले में अंतिम फैसला लेगी. बहरहाल अभी तक सरकार की तरफ से एसपी शिमला को इस मामले में कोई भी एक्शन लेने के आदेश जारी नहीं हुए हैं.

ये भी पढ़ें: उम्र के शतक के बाद भी नॉट आउट हैं ये मतदाता, हिमाचल में 100 साल के 999 वोटर्स

शिमला में अपहरण के बाद दुष्कर्म का शिकार हुई पीड़िता ने लक्कड़बाजार पुलिस पर आरोप लगाया था कि वह घटना से पहले चौकी गई थी, मगर इसके बावजूद उसकी मदद नहीं की गई. उसे एफआईआर दर्ज करने के लिए ढली थाने भेजा गया. पुलिस की एसआईटी इस अपहरण के बाद दुष्कर्म करने के मामले की जांच कर रही है. टेक्निकल एक्सपर्ट टीम युवती की कॉल डिटेल खंगाल रही है. टीम पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जिस जगह आरोपियों ने युवती को फेंका वहां कितने लोगों के फोन सक्रिय थे.

ये भी पढ़ें: राजधानी में वायरल फीवर की चपेट में नौनिहाल, रोजाना दर्जनों बच्चे पहुंच रहे IGMC

मोबाइल डाटा खंगालने पर भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा. पुलिस सिर्फ घटना वाले रोज युवती के फोन पर कॉल करने वालों से पूछताछ कर रही है. इसके बावजूद भी अपहरण और दुष्कर्म से कोई भी कड़ी नहीं जुड़ पा रही है. सीसीटीवी फुटेज से भी पुलिस के हाथ ऐसे कोई तथ्य नहीं लगे हैं जिसके आधार पर एसआईटी आरोपियों तक पहुंच सके. एसआईटी ने अब अपहरण और दुष्कर्म की इस अनसुलझी पहेली को सुलझाने के लिए युवती के बताए गए हुलिए पर आरोपी का स्कैच तैयार कर लिया है, जिसकी पुलिस ने सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी है.

शिमला: शिमला में हरियाणा की युवती का अपहरण कर दुष्कर्म मामले में लक्कड़बाजार पुलिस चौकी पर लगे कथित लापरवाही के आरोपों की मजिस्ट्रियल जांच पूरी हो गई है. एडीएम कानून-व्यवस्था शिमला प्रभा राजीव ने 30 पन्नों की जांच रिपोर्ट शुक्रवार को अतिरिक्त गृह सचिव को सौंप दी है. सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में हालांकि खुलासा तो नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो मजिस्ट्रियल जांच में पुलिस कर्मियों की कथित लापरवाही भी सामने आई है.

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सूत्रों के अनुसार पीड़िता के पुलिस पर लगाए गए आरोप काफी हद तक सही पाए गए हैं. घटना से पहले युवती लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी गई थी. मजिस्ट्रियल जांच में सामने आया कि युवती चौकी में करीब 20 मिनट तक रही और पुलिस से छेड़छाड़ करने की शिकायत भी की थी.

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सूत्रों की मानें तो पुलिस चौकी में युवती ने ये भी शिकायत की थी कि बीते 17 अप्रैल को जब उसने एक गाड़ी में लिफ्ट ली थी तो गाड़ी का वो चालक उसे मल्याणा ले गया जहां पर उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की थी. पुलिस को यह भी बताया था कि अब उसे डर सता रहा है कि कहीं वही चालक उसके साथ फिर ये हरकत न करे. युवती की शिकायत को पुलिस ने हल्के में लिया और उसे आश्वास्त कर गुड़िया हेल्प लाइन नंबर देकर कहा कि जब भी कभी ऐसा लगे तो इस नंबर पर काल करना पुलिस हाजिर हो जाएगी.

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पुलिस की यह लापरवाही ही पुलिस कर्मियों के लिए गले की फांस बन गई है. मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट से लक्कड़बाजार चौकी के कर्मियों पर कथित लापरवाही करने के मामले में गाज गिर सकती है. इसके अलावा रिपोर्ट में कुछ और भी कथित लापरवाही के भी खुलासे किए गए हैं. जिसे अभी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है. सरकार ही अब इस मामले में अंतिम फैसला लेगी. बहरहाल अभी तक सरकार की तरफ से एसपी शिमला को इस मामले में कोई भी एक्शन लेने के आदेश जारी नहीं हुए हैं.

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शिमला में अपहरण के बाद दुष्कर्म का शिकार हुई पीड़िता ने लक्कड़बाजार पुलिस पर आरोप लगाया था कि वह घटना से पहले चौकी गई थी, मगर इसके बावजूद उसकी मदद नहीं की गई. उसे एफआईआर दर्ज करने के लिए ढली थाने भेजा गया. पुलिस की एसआईटी इस अपहरण के बाद दुष्कर्म करने के मामले की जांच कर रही है. टेक्निकल एक्सपर्ट टीम युवती की कॉल डिटेल खंगाल रही है. टीम पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जिस जगह आरोपियों ने युवती को फेंका वहां कितने लोगों के फोन सक्रिय थे.

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मोबाइल डाटा खंगालने पर भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा. पुलिस सिर्फ घटना वाले रोज युवती के फोन पर कॉल करने वालों से पूछताछ कर रही है. इसके बावजूद भी अपहरण और दुष्कर्म से कोई भी कड़ी नहीं जुड़ पा रही है. सीसीटीवी फुटेज से भी पुलिस के हाथ ऐसे कोई तथ्य नहीं लगे हैं जिसके आधार पर एसआईटी आरोपियों तक पहुंच सके. एसआईटी ने अब अपहरण और दुष्कर्म की इस अनसुलझी पहेली को सुलझाने के लिए युवती के बताए गए हुलिए पर आरोपी का स्कैच तैयार कर लिया है, जिसकी पुलिस ने सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी है.

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लक्कड़बाजार चौकी में 20 मिनट तक रही युवती, पुलिस से की थी छेड़छाड़ की शिकायत
कथित लापरवाही के आरोप में मेजिस्ट्रियल जांच पूरी, सरकार को सौंपी 30 पन्नों की रिपोर्ट 
सरकार को भेजी रिपोर्ट में किए गए है कई अहम खुलासे, अब सरकार लेगी फैसला
लक्कड़बाजार चौकी के कर्मियों पर गिर सकती है कथित लापरवाही करने की गाज
शिमला।
शिमला में हरियाणा की युवती के अपहरण कर दुष्कर्म मामले में लक्कड़बाजार पुलिस चौकी पर लगे कथित लापरवाही के आरोपों की मेजिस्ट्रियल जांच पूरी हो गई है। एडीएम कानून- व्यवस्था शिमला प्रभा राजीव ने 30 पन्नों की जांच रिपोर्ट अतिरिक्त गृह सचिव को सौंप दी है। सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में हालांकि खुलासा तो नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों की माने तो मेजिस्ट्रियल जांच में पुलिस कर्मियों की कथित लापरवाही भी सामने आई है। पीडि़ता के पुलिस पर लगाए गए आरोप काफी हद तक सही पाए गए है। घटना से पहले युवती लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी गई थी। मेजिस्ट्रियल जांच में सामने आया कि युवती चौकी में करीब 20 मिनट तक रही और पुलिस से छेड़छाड़ करने की शिकायत भी की थी।


Body:पुलिस चौकी में युवती ने ये भी शिकायत की थी कि बीते 17 अपै्रल को जब उसने एक गाड़ी में लि ट ली थी तो गाड़ी का वो चालक उसे मल्याणा ले गया जहा पर उसके साथ जबरदस्ती करने का प्रयास किया गया था। पुलिस को यह भी बताया था कि अब उसे डर सता रहा है कि कही वही चालक उसके साथ फिर ये हरकत न करे। युवती की शिकायत को पुलिस ने हल्के में लिया और उसे आश्वास्त कर गुडिय़ा हैल्प लाईन नंबर देकर कहा कि जब भी कभी ऐसा लगे तो तुरंत गुडिय़ा हैल्पलाईन नंबर पर काल करना पुलिस तुरंत हाजिर हो जाएगी। पुलिस की यह लापरवाही ही पुलिस कर्मियों के लिए गले की फांस बन गई है। मेजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट से लक्कड़बाजार चौकी के कर्मियों पर कथित लापरवाही करने के  मामले में गाज गिर सकती है। इसके अलावा रिपोर्ट में कुछ और भी कथित लापरवाही के भी खुलासे किए गए है जिसे अभी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। सरकार ही अब इस मामले में अंतिम फैसला लेगी। बहराल अभी तक सरकार की तरफ से शिमला पुलिस अधीक्षक को इस मामले में कोई भी कार्रवाई करने के आदेश जारी नहीं हुए है। शिमला में अपहरण के बाद दुष्कर्म का शिकार हुई हरियाणा की 19 साल की युवती ने लक्कड़बाजार पुलिस पर आरोप लगाया था कि वह घटना से पहले चौकी गई थी, मगर इसके बावजूद उसकी मदद नहीं की गई। उसे एफआईआर दर्ज करने के लिए ढली थाने भेजा गया। पुलिस की एसआईटी इस अपहरण के बाद दुष्कर्म करने के मामले की जांच कर रही है। टेक्निकल एक्सपर्ट टीम युवती की कॉल डिटेल खंगाल रही है। टीम पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जिस जगह आरोपियों ने युवती को फेंका वहां कितने लोगों के फोन सक्रिय थे। शिमला में हरियाणा के युवती के अपहरण कर दुष्कर्म मामले की जांच पुलिस के लिए गले की फांस बन गई है। भले ही इस मामले में जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है, लेकिन एसआईटी भी अभी तक पीडि़ता युवती के ब्यान और जांच में मिल रहे तथ्य के बीच उलझ कर रह गई है। सीसीटीवी फुटेज से भी पुलिस के हाथ ऐसे कोई तथ्य नहीं लगे जिसक आधार पर एसआईटी आरोपियों तक पहुंच सके और न ही पीडि़ता युवती आरोपी के बारे में कुछ बता रही है। मोबाईल डाटा खंगालने पर भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लग रहा है पुलिस सिर्फ घटना वाले रोज पीडि़ता युवती के फोन पर काल करने वालों से पूछताछ कर रही है, बावजूद इसके भी अपहरण और दुष्कर्म से किसी की कोई कड़ी नहीं जुड़ पा रही है। एसआईटी अब अपहरण और दुष्कर्म की इस अनसुलझी पहेली को सुलझाने के लिए पीडि़ता युवती के बताए गए  हुलिए पर एसआईटी ने एक आरोपी का स्कैच तैयार कर लिया है, जिसकी पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है।
यहा बताते चले कि हरियाणा की 19 वर्षीय युवती ने ढली पुलिस में शिकायत दी थी कि रविवार देर रात जब वह मॉल रोड से भट्टाकुफर अकेली जा रही थी, तब ढली टनल के आगे अज्ञात कार सवारों ने उसका अपहरण किया। एक कार सवार ने उसके साथ दुष्कर्म भी किया। इसके बाद कार सवार उसे बाहर धकेल कर फरार हो गए। अंधेरा होने के कारण वह कार का रंग नहीं देख पाई। ढली पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धाराओं 376ए, 366ए, 506 और 354ए के तहत केस दर्ज किया है। वहीं मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य सरकार ने इस पूरे मामले की पड़ताल के लिए एसआईटी का गठन किया है। पीडि़ता का यह भी आरोप था कि घटना से पहले रविवार शाम वह छेडख़ानी के एक अन्य मामले की शिकायत करने लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी गई थी, लेकिन चौकी में तैनात पुलिस वालों ने उसकी शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया था।


Conclusion:इस घटना से राजधानी में हड़कंप मच गया था। कई संगठनों ने इस घटना का कड़ा विरोध करते हुए आरोपियों की गिर तारी की मांग की, तो चुनावी बेला में पुलिस के सुरक्षा प्रबंधों पर भी सवाल खड़े किए।
Last Updated : May 3, 2019, 10:55 PM IST
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