किन्नौर: जिले के कानम गांव मे इन दिनों नव वर्ष के रूप में मनाए जाने वाले लोसर मेले की (Kinnaur new year) शुरुआत बुधवार से हो गई है. इस मेले में सभी ग्रामीण अपने घर के कामकाज छोड़कर स्थानीय देवी देवताओं के मन्दिर प्रांगण में मेला (Traditional dance of Kinnaur) करते है. इस दौरान बाहर से आए लोगों की घर में मेहमान नवाजी भी की जाती है. लोसर मेले में ग्रामीण घरों में पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं.
किन्नौर जिले के कानम गांव को भी बौद्ध धर्मगुरुओं की धरती व सोने की मिट्टी में बसा हुआ पवित्र गांव माना जाता है. यहां देव संस्कृति के साथ बौद्ध धर्म की झलक भी देखी जा सकती है. लोसर मेले में देवी-देवताओं समेत बौद्ध धर्मगुरु भी आने वाले पूरे वर्ष भर के लिए गांव मे अच्छी सफल व सुख समृद्धि की कामना करते हैं.
कानम गांव मे मनाए जा रहे लोसर मेले में सभी ग्रामीणों को मन्दिर प्रांगण में आना भी अनिवार्य रहता है और शहरों में रहने या पढ़ाई करने वाले लोगों को भी लोसर मेले में गांव मे हाजिरी लगानी पड़ती है. इस मेले में सभी महिलाएं, पुरुष पारंपरिक वेशभूषा में ही मंदिर के अंदर प्रवेश कर सकते हैं और लोसर मेले में पारंपरिक नृत्य (Traditional dance of Kinnaur) कर देवी देवताओं से सुख समृद्धि की कामना करते हैं.
बता दें कि किन्नौर जिले में पिछले दो दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है. ऐसे में तापमान में भी काफी गिरावट देखने को मिल रही है. वहीं, पहाड़ों की चोटी पर बसे होने के कारण कानम गांव में भी बर्फबारी का सिलसिला जारी है. इस कड़कड़ाती ठंड में भी ग्रामीणों का उत्साह कम होता नजर नहीं आ रहा है. लोग काफी धूमधाम से लोसर मेला में शिरकत कर रहे हैं.