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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने देश की सभी विधानसभाओं में शून्यकाल पर दिया जोर, शिमला में कही ये बात - One Nation One Legislative

अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन (All India Presiding Officers Conference) के समापन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने कहा कि देश की विधानसभाओं में शून्य काल की परंपरा लागू करने के वे पक्षधर हैं. शिमला में लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इसके लिए विधानमंडल प्रदेश की सरकारों से चर्चा कर वहां की लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए नियमावली बनाएगा.

Press conference of Lok Sabha Speaker Om Birla.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की प्रेस कॉन्फ्रेंस.
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Published : Nov 18, 2021, 7:42 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आयोजित 82वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन (All India Presiding Officers Conference) के समापन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने कहा कि वह देश की विधान सभाओं में शून्य काल (Zero Hour in Legislative Assemblies) की परंपरा लागू करने के पक्षधर हैं. उन्होंने कहा कि देश में विधान मंडलों की कार्यप्रणाली में समरूपता लाने के उद्देश्य से आदर्श नियमावली बनाने का प्रयास किया जाएगा. यह नियमावली संसद में चर्चा के बाद बनाई जाएगी.

आदर्श नियमावली को देश की विधान सभाओं को भेजा जाएगा. देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं पंचायतों से लेकर नगर निगम तक इनके संसद को सुचारू रूप संचालित हो और वहां भी जनता की अपेक्षाएं पूरी हो इसके लिए संसद एक नियमावली बनाएगा, लेकिन इसके लिए वहां के विधानमंडल प्रदेश की सरकारों से चर्चा कर वहां की लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए नियमावली बनाएगा. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सम्मेलन में यह संकल्प भी पारित किया गया कि संसद और विधानमंडल जो सदन की कार्यवाही (proceedings of the house) को सार्वजनिक करते हैं उनको वन नेशन वन लेजिस्लेटिव (One Nation One Legislative) के तहत एक प्लेटफॉर्म पर जारी किया जाएगा. ताकि संपूर्ण देश की जनता एक प्लेटफॉर्म पर तमाम विधानमंडलों की चर्चा एक प्लेटफॉर्म पर देख सके.

ओम बिड़ला ने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से होगा. सत्र को सुचारू संचालन के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा की जाएगी. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल सरकार प्रदेश से विधानसभा को वित्तीय स्वायत्तता प्रदान करने के लिए सैद्धांतिक तौर पर मंजूर हो गई है. उन्होंने कहा कि विधान मंडलों में समयानुसार बदलाव की आवश्यकता है. समय के मुताबिक इसके नियमों में बदलाव होना चाहिए. नियमों में बदलाव का नेतृत्व संसद करेगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल का एक ऐसा सरकारी स्कूल, जहां बच्चों को मिली 'मिनी सिनेमाघर' की सुविधा

उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन (presiding officers conference) में एक राष्ट्र एक व्यापी मंच के मुद्दे पर चर्चा के बाद इसकी कार्य योजना बनाने पर सहमति बनी है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और राज्यपाल के संबोधन के दौरान संसद व विधानसभाओं में व्यवधान को समाप्त करने के अलावा, प्रश्नकाल के दौरान भी व्यवधान खत्म करने के मसले पर पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में चर्चा हुई है. चर्चा के बाद पीठासीन अधिकारियों में सहमति बनी है कि वह अपने अपने प्रांतों में राजनीतिक दलों से चर्चा के बाद इस पर फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि देश में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विधानसभा को पुरस्कृत करने बारे भी सदन में चर्चा हुई है. पुरस्कार का निर्णय करने को लेकर पीठासीन अधिकारियों की एक समिति बनेगी.

हिमाचल में ई-विधान अकादमी (e Vidhan in Himachal academy) खोलने बारे फैसला लेना लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. वह इसे लेकर संसदीय कार्य मंत्रालय (ministry of parliamentary affairs) को सिफारिश करेंगे. अभी तक लोकसभा से बाहर कही भी विधान अकादमी नहीं है. दल बदल कानून को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बिड़ला ने कहा कि सम्मेलन में इस पर चर्चा हुई है. चर्चा के बाद सहमति नहीं बन पाई है. पीठासीन अधिकारी दोबारा दल बदल कानून को लेकर गठित सीपी जोशी कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए बैठक करेंगे.

ये भी पढ़ें: मनरेगा के तहत जारी की गई धनराशि, जल्द ही पैसों का होगा भुगतान : पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आयोजित 82वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन (All India Presiding Officers Conference) के समापन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने कहा कि वह देश की विधान सभाओं में शून्य काल (Zero Hour in Legislative Assemblies) की परंपरा लागू करने के पक्षधर हैं. उन्होंने कहा कि देश में विधान मंडलों की कार्यप्रणाली में समरूपता लाने के उद्देश्य से आदर्श नियमावली बनाने का प्रयास किया जाएगा. यह नियमावली संसद में चर्चा के बाद बनाई जाएगी.

आदर्श नियमावली को देश की विधान सभाओं को भेजा जाएगा. देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं पंचायतों से लेकर नगर निगम तक इनके संसद को सुचारू रूप संचालित हो और वहां भी जनता की अपेक्षाएं पूरी हो इसके लिए संसद एक नियमावली बनाएगा, लेकिन इसके लिए वहां के विधानमंडल प्रदेश की सरकारों से चर्चा कर वहां की लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए नियमावली बनाएगा. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सम्मेलन में यह संकल्प भी पारित किया गया कि संसद और विधानमंडल जो सदन की कार्यवाही (proceedings of the house) को सार्वजनिक करते हैं उनको वन नेशन वन लेजिस्लेटिव (One Nation One Legislative) के तहत एक प्लेटफॉर्म पर जारी किया जाएगा. ताकि संपूर्ण देश की जनता एक प्लेटफॉर्म पर तमाम विधानमंडलों की चर्चा एक प्लेटफॉर्म पर देख सके.

ओम बिड़ला ने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से होगा. सत्र को सुचारू संचालन के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा की जाएगी. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल सरकार प्रदेश से विधानसभा को वित्तीय स्वायत्तता प्रदान करने के लिए सैद्धांतिक तौर पर मंजूर हो गई है. उन्होंने कहा कि विधान मंडलों में समयानुसार बदलाव की आवश्यकता है. समय के मुताबिक इसके नियमों में बदलाव होना चाहिए. नियमों में बदलाव का नेतृत्व संसद करेगी.

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उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन (presiding officers conference) में एक राष्ट्र एक व्यापी मंच के मुद्दे पर चर्चा के बाद इसकी कार्य योजना बनाने पर सहमति बनी है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और राज्यपाल के संबोधन के दौरान संसद व विधानसभाओं में व्यवधान को समाप्त करने के अलावा, प्रश्नकाल के दौरान भी व्यवधान खत्म करने के मसले पर पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में चर्चा हुई है. चर्चा के बाद पीठासीन अधिकारियों में सहमति बनी है कि वह अपने अपने प्रांतों में राजनीतिक दलों से चर्चा के बाद इस पर फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि देश में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विधानसभा को पुरस्कृत करने बारे भी सदन में चर्चा हुई है. पुरस्कार का निर्णय करने को लेकर पीठासीन अधिकारियों की एक समिति बनेगी.

हिमाचल में ई-विधान अकादमी (e Vidhan in Himachal academy) खोलने बारे फैसला लेना लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. वह इसे लेकर संसदीय कार्य मंत्रालय (ministry of parliamentary affairs) को सिफारिश करेंगे. अभी तक लोकसभा से बाहर कही भी विधान अकादमी नहीं है. दल बदल कानून को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बिड़ला ने कहा कि सम्मेलन में इस पर चर्चा हुई है. चर्चा के बाद सहमति नहीं बन पाई है. पीठासीन अधिकारी दोबारा दल बदल कानून को लेकर गठित सीपी जोशी कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए बैठक करेंगे.

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