शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में जहां मरीज दूर दराज से इलाज के लिए आते हैं वहीं, पर सरकार की अनदेखी मरीजों पर भारी पड़ती जा रही है. बता दें कि
अस्पताल में 24 करोड़ की लागत से लीनियर एक्सीलेटर मशीन (Linear Particle Accelerator Machine) स्थापित होनी है, लेकिन इसको खरीदने के लिए सरकार ने अभी अनुमति नहीं दी है. जिस कारण मशीन के स्थापित ना होने से मरीजों को बाहरी राज्यों में इलाज करवाने जाना पड़ रहा है. हालांकि मशीन की खरीदारी के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. प्रशासन ने काफी समय पहले टेंडर प्रक्रिया का ब्यौरा सरकार को भेज दिया है लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.
इस मशीन से ऐसे होता है इलाज: लीनियर एक्सीलेटर मशीन से सीधे ट्यूमर वाले हिस्से पर रेडिएशन डाला जाता है, जो दूसरे सेल को खत्म करने की बजाय केवल कैंसर सेल को खत्म करता है. इसमें दूसरी मशीनों के मुकाबले ज्यादा रेडिएशन निकलता है, इसलिए (Linear Particle Accelerator Machine) मशीन को चलाने के दौरान रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट का होना जरूरी है. इससे जहां मरीजों को रेडिएशन दी जाती है, वहीं मरीजों के चेस्ट एक्स-रे, सीटी स्कैन, आईएमआरटी व आईबीपी करवाए जाते हैं.
क्या बोले कैंसर अस्पताल के एचओडी: इस संबंध में कैंसर अस्पताल के एचओडी डॉ. मनीष ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया का सारा ब्यौरा सरकार को भेजा गया है. जैसे ही सरकार से अनुमति मिलती है तो तुरंत मशीन को खरीद लिया जाएगा. अभी सरकार से (Linear Accelerator Machine In IGMC) मशीन को खरीदने के लिए कोई जबाव नहीं आया है. वहीं, इस मशीन को जिस जगह पर स्थापित किया जाना है उस भवन का भी जून तक कार्य पूरा हो जाएगा ऐसे में मशीन आने के बाद जल्द ही इसका भी उद्घाटन करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि मशीन के स्थापित होने से कैंसर के मरीजों को पीजीआई या अन्य राज्यों में इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा.