शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में ओल्ड पेंशन की बहाली को लेकर प्रदेश भर के कर्मचारी पहुंचे हैं, लेकिन कर्मचारियों को चौड़ा मैदान तक भी आने से रोक दिया गया है. जिस पर विपक्ष ने निशाना साधा है और सरकार पर कर्मचारियों को के आंदोलन को कुचलने के आरोप लगाए हैं.
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जयराम सरकार तानाशाही पर उतराई कर्मचारी हिमाचल प्रदेश की रीढ़ की हड्डी हैं. विकास और कल्याण में इनकी बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. सरकार को इनसे बातचीत करनी चाहिए, लेकिन मुख्यमंत्री ने इंकार कर दिया और उन्हें धमकी दी कि हम झुकने वाले नहीं हैं और बात करने वाले नहीं हैं और जो भी ओल्ड पेंशन को लेकर जो भी बात करने आएगा उन्हें कुचल देंगे धरना प्रदर्शन करने नहीं देंगे.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम (old pension scheme in himachal) लाखों कर्मचारियों की मांगें है और अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने बंद किया. अटल बिहारी वाजपेई ने अपने जीवन का सबसे बड़ा गलत फैसला लिया है. जिसके बाद कर्मचारियों ने फैसला लिया कि किस तरीके से अपनी बात रखनी है और आज हजारों कर्मचारी अपनी बात रखने आ रहे थे, लेकिन सरकार ने कर्मचारियों से टकराव की स्थिति पैदा कर दी है.
पहले भी भाजपा ने ही काम नहीं तो वेतन नहीं का (Ops in himachal) फरमान जारी किया था और कर्मचारियों पर डंडे बरसाए थे. अब जयराम सरकार भी उसी राह पर चल पड़े हैं. जयराम ने कर्मचारियों को धमकाने के लिए बारी-बारी से पत्र जारी किए गए. प्रदर्शन को कुचलने के लिए आज पूरा शिमला छावनी बना दिया है. पुलिस की पूरी बटालियन यहां बुला ली है यहां पूरी फोर्स बुलाकर कर्मचारियों पर लगा दिए हैं उनके रास्ते रोक दिए हैं.
ये भी पढ़ें- शिमला में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सड़क पर उतरे कर्मचारी, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात