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दिवाली के शुभ अवसर पर करें मां लक्ष्मी का पूजा, जानें शुभ मुहूर्त - himachal hindi news

दिवाली के दिन लोग घरों में दीप जलाकर मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं जिससे कि घर में मां लक्ष्मी का वास बना रहे और उनके घर में सुख समृद्धि बनी रहे. दीपावली के दिन महालक्ष्मी के पूजन का भी विशेष महत्व है. यही वजह है कि लोग शाम के समय अपने घरों में मां लक्ष्मी की पूजा आराधना करते हैं.

Lakshmi Puja timing on diwali
मां लक्ष्मी का पूजन
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Published : Nov 14, 2020, 2:29 PM IST

शिमला: देशभर में आज दिवाली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. दिवाली को दीपों का पर्व कहा जाता है और हिंदू धर्म में इस पर्व का बहुत महत्व है. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन प्रदोष काल में दीपावली का त्योहार मनाया जाता है.

इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या वापस लौटे थे. राम के लौटने के बाद पूरे अयोध्या को दीपों से सजाया गया था.

दिवाली के दिन लोग घरों में दीप जलाकर मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जिससे कि घर में मां लक्ष्मी का वास रहे और उनके घर में सुख समृद्धि बनी रहे. दिवाली के दिन महालक्ष्मी के पूजन का भी विशेष महत्व है. यही वजह है कि लोग शाम के समय अपने घरों में मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं. मां लक्ष्मी की आराधना के लिए शुभ मुहूर्त स्थिर लग्न का होता है. शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी की पूजा करना बेहद फलदाई माना जाता है.

वीडियो रिपोर्ट

इस बार दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजन के लिए वैसे तो दिन में कई मुहूर्त है लेकिन महालक्ष्मी की संध्याकालीन पूजा के लिए की शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो सभी लोग शाम 5:30 बजे से लेकर 7 बजकर 20 मिनट तक मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं. इस समय स्थिर लग्न वृख लग्न रहेगा जिसमें मां लक्ष्मी के निमित पूजा आराधना की जा सकेगी.

इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

पंडित वासुदेव शर्मा ने बताया कि दिवाली के पर्व को आज प्रदेश भर में मनाया जाएगा. इस दिन पर मां लक्ष्मी के निमित पूजा अर्चना की जाती है और दीपक जलाया जाता है. वैसे तो लोग त्योहार के दिन किसी भी समय मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं लेकिन संध्याकालीन पूजा का दिवाली के दिन विशेष महत्व रहता है और इस पूजा को स्थिर लग्न में किया जाता है जिसके लिए शाम साढ़े 5 बजे से लेकर 7 बजकर 20 मिनट तक का मुहूर्त शुभ है.

शुभ मुहूर्त में लोग किसी भी प्रकार से मां लक्ष्मी की पूजा आराधना कर सकते हैं. स्थिर लग्न में पूजा करने का विशेष फल मिलता है और लक्ष्मी सदा के लिए घर पर वास करती हैं. बता दें कि दिवाली के इस पर्व के लिए लोगों ने बाजारों में भी जमकर खरीददारी की है. दिवाली पर प्रदेश में लोग अपने घरों में दीये जलाने के साथ ही कई तरह के पकवान भी बनाते है. अलग-अलग तरीके से रोशनी के इस पर्व को लोग मानते है और परिवार के साथ पर्व की खुशियां साझा करते है.

ये भी पढ़ें- पांवटा साहिब में दिवाली पर सजे बाजार, इस बार स्वदेशी साजो-सामान की हो रही मांग

ये भी पढ़ें- चाइना का 'दिवाला' निकालेगी ये दिवाली! इस बार सिर्फ स्वदेशी...नो चाइनीज

शिमला: देशभर में आज दिवाली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. दिवाली को दीपों का पर्व कहा जाता है और हिंदू धर्म में इस पर्व का बहुत महत्व है. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन प्रदोष काल में दीपावली का त्योहार मनाया जाता है.

इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या वापस लौटे थे. राम के लौटने के बाद पूरे अयोध्या को दीपों से सजाया गया था.

दिवाली के दिन लोग घरों में दीप जलाकर मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जिससे कि घर में मां लक्ष्मी का वास रहे और उनके घर में सुख समृद्धि बनी रहे. दिवाली के दिन महालक्ष्मी के पूजन का भी विशेष महत्व है. यही वजह है कि लोग शाम के समय अपने घरों में मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं. मां लक्ष्मी की आराधना के लिए शुभ मुहूर्त स्थिर लग्न का होता है. शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी की पूजा करना बेहद फलदाई माना जाता है.

वीडियो रिपोर्ट

इस बार दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजन के लिए वैसे तो दिन में कई मुहूर्त है लेकिन महालक्ष्मी की संध्याकालीन पूजा के लिए की शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो सभी लोग शाम 5:30 बजे से लेकर 7 बजकर 20 मिनट तक मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं. इस समय स्थिर लग्न वृख लग्न रहेगा जिसमें मां लक्ष्मी के निमित पूजा आराधना की जा सकेगी.

इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

पंडित वासुदेव शर्मा ने बताया कि दिवाली के पर्व को आज प्रदेश भर में मनाया जाएगा. इस दिन पर मां लक्ष्मी के निमित पूजा अर्चना की जाती है और दीपक जलाया जाता है. वैसे तो लोग त्योहार के दिन किसी भी समय मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं लेकिन संध्याकालीन पूजा का दिवाली के दिन विशेष महत्व रहता है और इस पूजा को स्थिर लग्न में किया जाता है जिसके लिए शाम साढ़े 5 बजे से लेकर 7 बजकर 20 मिनट तक का मुहूर्त शुभ है.

शुभ मुहूर्त में लोग किसी भी प्रकार से मां लक्ष्मी की पूजा आराधना कर सकते हैं. स्थिर लग्न में पूजा करने का विशेष फल मिलता है और लक्ष्मी सदा के लिए घर पर वास करती हैं. बता दें कि दिवाली के इस पर्व के लिए लोगों ने बाजारों में भी जमकर खरीददारी की है. दिवाली पर प्रदेश में लोग अपने घरों में दीये जलाने के साथ ही कई तरह के पकवान भी बनाते है. अलग-अलग तरीके से रोशनी के इस पर्व को लोग मानते है और परिवार के साथ पर्व की खुशियां साझा करते है.

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