शिमला: मंदिर भले ही कोविड-19 के चलते बंद हैं, लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर भगवान कृष्ण के जन्म उत्सव का आयोजन बंद कपाटों के पीछे किया जा रहा है. शिमला के राधाकृष्ण मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी का उसत्व मनाया जा रहा है. मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है. बंद दरवाजे के पीछे ही पुजारी मंदिरों में कान्हा जी की पूजा अर्चना कर रहे हैं.
बता दें कि जन्माष्टमी के पावन पर्व पर गंज बाजार स्थित राधाकृष्ण मंदिर को हर साल की तरह फूलों से सजाया और लाइट लगाकर रोशन किया गया है. मंदिर के पट बंद होने पर भी भक्त माथा टेकने के लिए मंदिर आ रहे हैं.
ऐसे में मंदिर प्रशासन द्वारा गर्भ गृह में रखी कान्हा जी की मूर्ति की फोटो मंदिर परिसर में रखी गई है, ताकि लोगों को मंदिर बंद होने पर भी कृष्ण के दर्शन हो सकें. हालांकि पुजारियों ने मंदिर के गर्भ गृह में रखी कृष्ण की मूर्ति का श्रृंगार किया है और पूजा-अर्चना करके उन्हें माखन मिश्री का भोग लगाया है.
राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी पंडित सुशील चंद ने बताया कि हर साल जन्माष्टमी का पर्व जिस उल्लास के साथ मनाया जाता है, वैसे ही इस बार भी मनाया जा रहा है. इस बार फर्क बस इतना है कि मंदिर के कपाट नहीं खोले जाएंगे और लोग भगवान कृष्ण के दर्शन नहीं कर पाएंगे.
उन्होंने कहा कि कान्हा की पूजा पूरे विधान से की जा रही है और रात 12 बजे कृष्ण का जन्म का उसत्व मनाया जाएगा और पुजारी द्वारा कथा व पाठ मंदिर के अंदर किया जाएगा.
सुशील चंद ने बताया कि सनातन धर्म सभा की ओर से मंदिर में पूरी व्यवस्था की गई है और मंदिर परिसर में पुलिस बल भी तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि जो भी लोग मंदिर में आ रहे हैं, वो बाहर से ही भगवान कृष्ण के दर्शन करके आशीर्वाद ले रहे हैं, क्योंकि कोरोना के कारण कपाट न खोलने पर उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं है.
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