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बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे माता-पिता! डॉक्टर से जानिए कोरोना वायरस से कैसे रखें सुरक्षित

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Published : Jul 23, 2021, 1:39 PM IST

Updated : Jul 23, 2021, 1:44 PM IST

हिमाचल सरकार ने 2 अगस्त से 10वीं से 12वीं तक की कक्षाएं एसओपी के हिसाब से शुरू करने का फैसला लिया है. ऐसे में अभिभावकों में स्कूल खुलने को लेकर ज्यादा चिंता है. अभिभावकों को इस बात की चिंता है कि अभी तक बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है. अगर उनके बच्चों को संक्रमण हो जाए, तो वह क्या करेंगे.

फोटो
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शिमला: हिमाचल सरकार ने 2 अगस्त से 10वीं से 12वीं तक की कक्षाएं एसओपी के हिसाब से शुरू करने का फैसला लिया है. यह एसओपी शिक्षा विभाग जारी करेगा. इसके अलावा 5वीं और 8वीं की कक्षाएं नियमित रूप से शुरू नहीं होंगी, लेकिन अगर किसी छात्र को पढ़ाई में कोई परेशानी है तो वह स्कूल आ सकता है. वहीं, प्रदेश में 26 जुलाई से सभी कोचिंग संस्थान खोल दिए जाएंगे.

अभिभावकों में स्कूल खुलने को लेकर ज्यादा चिंता है. अभिभावकों को इस बात की चिंता है कि अभी तक बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है. अगर उनके बच्चों को संक्रमण हो जाए, तो वह क्या करेंगे. बच्चों को संक्रमण से बचाए रखना अभिभावकों के लिए बड़ी चुनौती है. इस मुद्दे पर ईटीवी हिमाचल प्रदेश ने सूबे के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सक से बात की.

वीडियो

आईजीईमसी में पेडियाट्रिक्स विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सुरेंदर सिंह का कहना है कि हमें डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतने की आवश्यकता है. बच्‍चों को मास्‍क, सोशल डिस्‍टेंसिंग और सेनिटाइजर आदि के इस्‍तेमाल के लिए प्रेरित करें. मास्क लगा कर रखें और हाथों को सेनिटाइज करते रहें. स्कूल में बच्चों को पूरी सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

ईटीवी हिमाचल प्रदेश से खास बातचीत में डॉ. सुरेंदर सिंह ने कहा कि किसी भी तरह से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है. आने वाले कुछ दिनों में बच्चों का भी वैक्सीनेशन हो जाएगा. अभिभावकों को डरने की नहीं, बल्कि सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें: जयराम कैबिनेट का बड़ा फैसला: हिमाचल में 2 अगस्त से शुरू होंगी 10वीं से 12वीं तक की कक्षाएं

शिमला: हिमाचल सरकार ने 2 अगस्त से 10वीं से 12वीं तक की कक्षाएं एसओपी के हिसाब से शुरू करने का फैसला लिया है. यह एसओपी शिक्षा विभाग जारी करेगा. इसके अलावा 5वीं और 8वीं की कक्षाएं नियमित रूप से शुरू नहीं होंगी, लेकिन अगर किसी छात्र को पढ़ाई में कोई परेशानी है तो वह स्कूल आ सकता है. वहीं, प्रदेश में 26 जुलाई से सभी कोचिंग संस्थान खोल दिए जाएंगे.

अभिभावकों में स्कूल खुलने को लेकर ज्यादा चिंता है. अभिभावकों को इस बात की चिंता है कि अभी तक बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी है. अगर उनके बच्चों को संक्रमण हो जाए, तो वह क्या करेंगे. बच्चों को संक्रमण से बचाए रखना अभिभावकों के लिए बड़ी चुनौती है. इस मुद्दे पर ईटीवी हिमाचल प्रदेश ने सूबे के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सक से बात की.

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आईजीईमसी में पेडियाट्रिक्स विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सुरेंदर सिंह का कहना है कि हमें डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतने की आवश्यकता है. बच्‍चों को मास्‍क, सोशल डिस्‍टेंसिंग और सेनिटाइजर आदि के इस्‍तेमाल के लिए प्रेरित करें. मास्क लगा कर रखें और हाथों को सेनिटाइज करते रहें. स्कूल में बच्चों को पूरी सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

ईटीवी हिमाचल प्रदेश से खास बातचीत में डॉ. सुरेंदर सिंह ने कहा कि किसी भी तरह से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है. आने वाले कुछ दिनों में बच्चों का भी वैक्सीनेशन हो जाएगा. अभिभावकों को डरने की नहीं, बल्कि सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

ये भी पढ़ें: जयराम कैबिनेट का बड़ा फैसला: हिमाचल में 2 अगस्त से शुरू होंगी 10वीं से 12वीं तक की कक्षाएं

Last Updated : Jul 23, 2021, 1:44 PM IST
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