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दत्तनगर में पशुपालकों ने किया धरना-प्रदर्शन, विधायक राकेश सिंघा भी हुए शामिल - Kissan Sabha protest shimla

दत्तनगर में दूध पालकों ने सरकार की नीति से परेशान होकर धरना प्रदर्शन किया. ठियोग से विधायक राकेश सिंघा ने दूध उत्पादकों के साथ दत्त नगर स्थित मिल्क प्लांट पर आयोजित प्रदर्शन में भाग लिया.

Kissan Sabha protest in Rampur, रामपुर किसान सभा प्रदर्शन
रामपुर किसान सभा प्रदर्शन
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Published : Dec 3, 2019, 3:27 PM IST

रामपुर: एक ओर प्रदेश में जहां दूध के दामों में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, दूसरी ओर पशुपालकों को दूध के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं. दूध के न्यूनतम दाम में बढ़ोतरी नहीं करने पर हिमाचल किसान सभा ने नाराजगी जाहिर की है. पशुपालकों ने सरकार की नीति से परेशान होकर दुग्ध उत्पादन केंद्र में धरना प्रदर्शन भी किया.

ठियोग से विधायक राकेश सिंघा ने दूध उत्पादकों के साथ दत्त नगर स्थित मिल्क प्लांट पर आयोजित प्रदर्शन में भाग लिया. बता दें कि एक ओर जहां पानी की बोतल करीब 15-20 रुपये है, वहीं हिमाचल में पशुपालकों को एक लीटर दूध के 16-22 रुपये दिए जा रहे हैं जिससे पशुपालक नाराज हैं. पशुपालकों ने मांग की है कि दूध का न्यूनतम दाम 30 रुपये दिया जाए. साथ ही किसानों को पशु चारा सस्ती कीमत पर दिया जाए ताकि लागत को कम किया जा सके.

वीडियो रिपोर्ट

दूध कलेक्शन सेंटर पर दूध की गुणवत्ता जांचने के लिए मशीनें दी जानी चाहिए, जिससे दूध उत्पादकों को कलेक्शन में उत्पाद की गुणवत्ता का पता चल सके और सही मूल्य भी पशुपालकों को मिल पाए. वहीं, पशु चिकित्सालय में पूरे स्टाफ की तैनाती की जानी चाहिए जिससे पशुधन की सही देखभाल की जा सके. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में किसानों ने धरना-प्रदर्शन में भाग लिया.


ये भी पढ़ें: भीमसेन फिर बने जिला कुल्लू बीजेपी के अध्यक्ष, भाजपा कार्यकर्ताओं ने बांटे लड्डू

रामपुर: एक ओर प्रदेश में जहां दूध के दामों में बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, दूसरी ओर पशुपालकों को दूध के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं. दूध के न्यूनतम दाम में बढ़ोतरी नहीं करने पर हिमाचल किसान सभा ने नाराजगी जाहिर की है. पशुपालकों ने सरकार की नीति से परेशान होकर दुग्ध उत्पादन केंद्र में धरना प्रदर्शन भी किया.

ठियोग से विधायक राकेश सिंघा ने दूध उत्पादकों के साथ दत्त नगर स्थित मिल्क प्लांट पर आयोजित प्रदर्शन में भाग लिया. बता दें कि एक ओर जहां पानी की बोतल करीब 15-20 रुपये है, वहीं हिमाचल में पशुपालकों को एक लीटर दूध के 16-22 रुपये दिए जा रहे हैं जिससे पशुपालक नाराज हैं. पशुपालकों ने मांग की है कि दूध का न्यूनतम दाम 30 रुपये दिया जाए. साथ ही किसानों को पशु चारा सस्ती कीमत पर दिया जाए ताकि लागत को कम किया जा सके.

वीडियो रिपोर्ट

दूध कलेक्शन सेंटर पर दूध की गुणवत्ता जांचने के लिए मशीनें दी जानी चाहिए, जिससे दूध उत्पादकों को कलेक्शन में उत्पाद की गुणवत्ता का पता चल सके और सही मूल्य भी पशुपालकों को मिल पाए. वहीं, पशु चिकित्सालय में पूरे स्टाफ की तैनाती की जानी चाहिए जिससे पशुधन की सही देखभाल की जा सके. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में किसानों ने धरना-प्रदर्शन में भाग लिया.


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Intro:रामपुर बुशहर


Body:किसान व पशुपालन में भारी खर्च के बाद भी किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं। आज जहां पानी 1 लीटर का मूल्य 20 रूपए से भी ज्यादा है वह किसानों को दूध के 1 लीटर के 20 रूपए भी नहीं दिए जा रहे हैं ।
हिमाचल किसान सभा वह भाजपा सरकारों द्वारा दूध का न्यूनतम दाम 20 भी नहीं दिया जा रहा है । आज दत्तनगर में किसान नेता ठियोग से विधायक राकेश सिंघा ने दूध उत्पादकों के साथ दत्त नगर स्थित मिल्क प्लाट पर आयोजित धरने में यह बात कही ।
उन्होंने बताया कि शिमला जिला सतलुज घाटी के 6 ब्लॉक के दूध उत्पादक गत वर्षों से लगातार दूध के दाम
के बढ़ोतरी के लिए अपनी आवाज उठा रहे हैं हिमाचल किसान सभा के बैनर तले लगातार संगठित होते हुए अपनी जायज मांगों के लिए लगातार आंदोलन कर रहा है । आंदोलन के फलस्वरूप भी हिमाचल सरकार ने दूध के दाम में 2 की नाममात्र बढ़ोतरी की । जो ऊंट के मुंह में जीरा जैसी कहावत को ही चरितार्थ करती है। गत आंदोलन में सरकार व प्लांट ने माना था कि वह दूध कलेक्शन सेंटर पर दूध की गुणवत्ता जांचने के लिए मशीन स्थापित करेगा परंतु डेढ़ वर्ष से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी मशीन नहीं दी गई है । उत्पादक लगातार मिल्कफेड के साथ जुड़ते रहे और बड़ी संख्या के दूध की आपूर्ति मिल्कफेड को की जा रही है । किसान सभा का मानना है कि जब तक किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य नहीं दिया जाता किसान व पशुपालन घाटे का सौदा बना रहेगा । किसान सभा की मांग है कि दूध का न्यूनतम दाम 30 रूपए दिया जाए साथ ही किसानों को पशु चारा सस्ती कीमत पर दिया जाए। ताकि लागत को कम किया जा सके । दूध कलेक्शन सेंटर पर दूध की गुणवत्ता जांचने के लिए मशीनें दी जानी चाहिए ताकि दूध उत्पादकों को कलेक्शन में उत्पाद की गुणवत्ता का पता चले और सही मूल्य भी पशुपालकों को मिल पाए ।
वही पशु चिकित्सालय में पूरे स्टाफ की तैनाती की जानी चाहिए ताकि पशुधन की सही देखभाल की जा सके।
इस दौरान सौकडो की संख्या में किसानों ने इस धरना-प्रदर्शन में भाग लिया ।

बाइट : राकेश सिंघा किसान नेता व ठियोग विधायक ।


Conclusion:
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