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NIA Arrest Case: अरविंद दिग्विजय नेगी को NIA कोर्ट से मिली जमानत, लश्कर को गोपनीय दस्तावेज लीक करने का था आरोप - national investigation agency

आईपीएस ऑफिसर अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी को गुरुवार को (NIA Arrest Case) कोर्ट जमानत मिल गई है. उन्हें 18 फरवरी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था. उन पर (IPS Arvind Digvijay Negi Get Bail) प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के गोपनीय दस्तावेज सौंपने का आरोप है.

IPS ARVIND DIGVIJAY NEGI
अरविंद दिग्विजय नेगी
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Published : Jun 2, 2022, 10:47 PM IST

Updated : Jun 2, 2022, 10:54 PM IST

शिमला: चर्चित आईपीएस ऑफिसर अरविंद दिग्विजय नेगी को NIA कोर्ट से गुरुवार को जमानत मिल गई है. वे शुक्रवार यानी कल रिहा हो सकते हैं. उल्लेखनीय है कि हिमाचल कैडर के आईपीएस अरविंद नेगी को इसी साल 18 फरवरी (IPS Arvind Digvijay Negi Get Bail) को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था. उन पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के गोपनीय दस्तावेज सौंपने का आरोप है.

एनआईए के मुताबिक शिमला के ASP रह चुके नेगी ने NIA में पोस्टिंग के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के एक ओवर ग्राउंड वर्कर को गोपनीय दस्तावेज सौंपे थे. ये ओवर ग्राउंड वर्कर देश भर में आतंकी गतिविधियों के लिए लश्कर की सहायता करते हैं. एनआईए ने (IPS Arvind Digvijay Negi Get Bail) पिछले साल 6 नवंबर 2021 को अरविंद नेगी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था. जांच में पता चला कि एनआईए के कुछ गोपनीय दस्तावेज लीक करने में अरविंद नेगी की भूमिका अहम थी.बाद में NIA ने नेगी के शिमला, किन्नौर व सिरमौर में ठिकानों पर छापेमारी की थी. गौरतलब है कि अरविंद नेगी की गिनती बहुत ही सक्षम अधिकारी के रूप में होती है. वे लंबे समय तक NIA में रहे और कई मामलों की जांच की. उनकी इन्वेस्टिगेशन स्किल को खूब सराहा जाता रहा है. उनकी गिरफ्तारी के बाद से हिमाचल के लोग हैरत में थे. फिलहाल NIA कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है.

शिमला: चर्चित आईपीएस ऑफिसर अरविंद दिग्विजय नेगी को NIA कोर्ट से गुरुवार को जमानत मिल गई है. वे शुक्रवार यानी कल रिहा हो सकते हैं. उल्लेखनीय है कि हिमाचल कैडर के आईपीएस अरविंद नेगी को इसी साल 18 फरवरी (IPS Arvind Digvijay Negi Get Bail) को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था. उन पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के गोपनीय दस्तावेज सौंपने का आरोप है.

एनआईए के मुताबिक शिमला के ASP रह चुके नेगी ने NIA में पोस्टिंग के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के एक ओवर ग्राउंड वर्कर को गोपनीय दस्तावेज सौंपे थे. ये ओवर ग्राउंड वर्कर देश भर में आतंकी गतिविधियों के लिए लश्कर की सहायता करते हैं. एनआईए ने (IPS Arvind Digvijay Negi Get Bail) पिछले साल 6 नवंबर 2021 को अरविंद नेगी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था. जांच में पता चला कि एनआईए के कुछ गोपनीय दस्तावेज लीक करने में अरविंद नेगी की भूमिका अहम थी.बाद में NIA ने नेगी के शिमला, किन्नौर व सिरमौर में ठिकानों पर छापेमारी की थी. गौरतलब है कि अरविंद नेगी की गिनती बहुत ही सक्षम अधिकारी के रूप में होती है. वे लंबे समय तक NIA में रहे और कई मामलों की जांच की. उनकी इन्वेस्टिगेशन स्किल को खूब सराहा जाता रहा है. उनकी गिरफ्तारी के बाद से हिमाचल के लोग हैरत में थे. फिलहाल NIA कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है.

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Last Updated : Jun 2, 2022, 10:54 PM IST
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