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रामपुर में अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का आगाज, जानिए स्थानीय लोग क्यों है नाराज

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Published : Nov 11, 2021, 3:56 PM IST

Updated : Nov 16, 2021, 2:57 PM IST

रामपुर में अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का आगाज हो गया है. मेला मैदान में किन्नौर के व्यापारी और रामपुर बुशहर के स्थानीय व्यापारी अपना उत्पाद बेचने के लिए पहुंच चुके हैं. इस साल भी मेले का आयोजन सूक्षम स्तर पर किया गया है. मेले में 10 से 15 व्यापारी पहुंचे हैं. वहीं, बड़े पैमाने पर मेले का आयोजन नहीं करवाने से स्थानीय लोगों में भारी रोष है.

International Lavi Fair begins in Rampur
रामपुर में अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का आगाज

रामपुर बुशहर: शिमला के रामपुर बुशहर में अंतरराष्ट्रीय लवी मेला (International Lavi Fair in Rampur) आज से शुरू हो चुका है. यह मेला अति सूक्ष्म स्तर पर ही मनाया जा रहा है. मेला मैदान में है लगभग 10 से 15 व्यापारी ही पहुंचे हैं अभी और व्यापारियों की भी आने की संभावना जताई जा रही है. जिसमें किनौरी वस्तुएं वह रामपुर में पैदा होने वाली दाल, चावल व अन्य वस्तुओं लेकर कई व्यापारी पहुंच चुके हैं. जिसकी खरीदारी के लिए काफी कम तादाद में लोग यहां पर पहुंच रहे हैं.

इस बार चिलगोजा 2 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. इसके साथ-साथ व्यापारियों का कहना है कि इस बार चिलगोजा बहुत कम मात्रा में पैदा हुआ है. इसके चलते काफी कम बेचने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा कि इसकी मांग अधिक है. वहीं, उन से बनी वस्तुएं जिसमें टोपी, शॉल दौडू व अन्य वस्तुएं भी बेचने के लिए किन्नौर के व्यापारी मेले में लाए हुए हैं. इसके अलावा सेब, खुरमानी, दालें, अखरोट इत्यादि यहां पर बेचने के लिए लाए गए हैं. हालांकि कोरोना महामारी के चलते मेले में बहुत कम तादाद में लोग खरीदारी करने के लिए पहुंच रहे हैं.

ये भी पढ़ें: HAMIRPUR: नगर परिषद के एरिया में अब घरेलू और व्यावसायिक भवनों की बनेगी यूनिक ID

वहीं, लोगों का कहना है कि इस बार रामपुर में कोरोना (Corona cases in rampur) काफी कम हो चुका है. ऐसे में स्थानीय लोगों में काफी रोष भी है कि इस बार मेला बड़े स्तर पर मनाया जाना चाहिए था. यदि अन्य विभिन्न स्थानों पर भी मेले का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन रामपुर वासियों से ही सरकार द्वारा भेदभाव क्यों किया जा रहा है. लोगों ने इस बार लवी मेले का आयोजन बड़े स्तर करवाने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन और सरकार द्वारा निर्णय लिया गया कि इस बार सूक्ष्म स्तर पर ही मेला आयोजित किया जाएगा. ऐसे में उनकी मांगें पूरी नहीं होने से स्थानीय लोगों में नाराजगी है.

बताया जा रहा है कि भाजपा की हार होने के कारण यहां पर मेले का आयोजन नहीं किया गया. कांग्रेस सरकार में यहां पर मेले का आयोजन बड़े पैमाने होता आया है, जिसको लेकर यहां पर अधिकतर आस्था लोगों की कांग्रेस पर बनी रहती है. भाजपा सरकार द्वारा यहां पर कोई भी कार्यक्रम अच्छे से नहीं किए जाते हैं.

ये भी पढ़ें: 'हिमाचल में BJP व कांग्रेस सवर्णों का करती आई है शोषण, उपचुनाव में ट्रेलर, 2022 में दिखेगी पिक्चर'

रामपुर बुशहर: शिमला के रामपुर बुशहर में अंतरराष्ट्रीय लवी मेला (International Lavi Fair in Rampur) आज से शुरू हो चुका है. यह मेला अति सूक्ष्म स्तर पर ही मनाया जा रहा है. मेला मैदान में है लगभग 10 से 15 व्यापारी ही पहुंचे हैं अभी और व्यापारियों की भी आने की संभावना जताई जा रही है. जिसमें किनौरी वस्तुएं वह रामपुर में पैदा होने वाली दाल, चावल व अन्य वस्तुओं लेकर कई व्यापारी पहुंच चुके हैं. जिसकी खरीदारी के लिए काफी कम तादाद में लोग यहां पर पहुंच रहे हैं.

इस बार चिलगोजा 2 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. इसके साथ-साथ व्यापारियों का कहना है कि इस बार चिलगोजा बहुत कम मात्रा में पैदा हुआ है. इसके चलते काफी कम बेचने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा कि इसकी मांग अधिक है. वहीं, उन से बनी वस्तुएं जिसमें टोपी, शॉल दौडू व अन्य वस्तुएं भी बेचने के लिए किन्नौर के व्यापारी मेले में लाए हुए हैं. इसके अलावा सेब, खुरमानी, दालें, अखरोट इत्यादि यहां पर बेचने के लिए लाए गए हैं. हालांकि कोरोना महामारी के चलते मेले में बहुत कम तादाद में लोग खरीदारी करने के लिए पहुंच रहे हैं.

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वहीं, लोगों का कहना है कि इस बार रामपुर में कोरोना (Corona cases in rampur) काफी कम हो चुका है. ऐसे में स्थानीय लोगों में काफी रोष भी है कि इस बार मेला बड़े स्तर पर मनाया जाना चाहिए था. यदि अन्य विभिन्न स्थानों पर भी मेले का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन रामपुर वासियों से ही सरकार द्वारा भेदभाव क्यों किया जा रहा है. लोगों ने इस बार लवी मेले का आयोजन बड़े स्तर करवाने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन और सरकार द्वारा निर्णय लिया गया कि इस बार सूक्ष्म स्तर पर ही मेला आयोजित किया जाएगा. ऐसे में उनकी मांगें पूरी नहीं होने से स्थानीय लोगों में नाराजगी है.

बताया जा रहा है कि भाजपा की हार होने के कारण यहां पर मेले का आयोजन नहीं किया गया. कांग्रेस सरकार में यहां पर मेले का आयोजन बड़े पैमाने होता आया है, जिसको लेकर यहां पर अधिकतर आस्था लोगों की कांग्रेस पर बनी रहती है. भाजपा सरकार द्वारा यहां पर कोई भी कार्यक्रम अच्छे से नहीं किए जाते हैं.

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Last Updated : Nov 16, 2021, 2:57 PM IST
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