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SHIMLA: कमेटी ने किया कच्ची घाटी का दौरा, दो भवनों को तोड़ने का दिया सुझाव

शिमला की कच्ची घाटी में एक बहुमंजिला भवन गिरने के बाद कई भवनों को खतरा हो गया है और दो भवन गिरने की कगार पर है. ये भवन मिट्टी पर बनाए गए थे. वहीं, सोमवार को शहर की अंतर विभागीय कमेटी ने स्पॉट का दौरा किया और दो भवनों को तोड़ने के सुझाव दिए. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट नगर निगम को सौंप दी है. जिसमें कहा गया है कि यहां पर बने भवनों के नीचे की जमीन बिल्कुल कच्ची है.

Inter-departmental committee visited the spot after a multi-storey building collapsed in Kachchighati shimla
फोटो.
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Published : Oct 4, 2021, 8:34 PM IST

शिमला: कच्ची घाटी में एक बहुमंजिला भवन गिरने के बाद कई भवनों को खतरा हो गया है और दो भवन गिरने की कगार पर है. ये भवन मिट्टी पर बनाए गए थे. कच्चीघाटी में सोमवार को शहर की अंतर विभागीय कमेटी ने स्पॉट का दौरा किया और दो भवनों को तोड़ने के सुझाव दिए.

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट नगर निगम को सौंप दी है. जिसमें कहा गया है कि यहां पर बने भवनों के नीचे की जमीन बिल्कुल कच्ची है. जमीन में पानी का लगातार रिसाव हो रहा है. प्राकृतिक जल स्रोत से लेकर पानी की निकासी सही न होने के कारण कई भवनों को खतरा है. इसलिए जो भवन पहले हवा में लटके हैं, इन्हें तोड़ा जाए, ताकि नीचे बने भवनों को बचाया जा सके.

नगर निगम के वास्तुकार एस्कियन, जिला के जियोलाजिस्ट सहित अन्य संबंधित सभी विभागों के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे. इन्होंने मौके का निरीक्षण कर पाया कि यहां पर जमीन के नाम पर मलबा है, इसमें लगातार ही पानी की रिसाव हो रहा है. टीम ने मौके का दौरा करने के बाद अब नगर निगम प्रशासन को सौंप दी है.

कमेटी की रिपोर्ट के आंकलन के बाद प्रशासन ने पाया कि दो भवनों को तुरंत ही तोड़ना होगा. इन्हें तीन दिन का समय दिया जाएगा. इसमें हरी पैलेस व पूजा निवास शामिल है. यदि ये तीन दिन में कार्रवाई अमल में नहीं लाते हैं तो इनके खिलाफ नियमों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. इनके नीचे बने दो भवन नारायण भवन व चौहान निवास को नोटिस तो देंगे, लेकिन इन्हें तोड़ने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा.

नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली का कहना है कि निगम की कमेटी ने मौके का दौरा किया है. इस दौरान पाया कि ये सभी भवनों के नीचे पानी का रिसाव है, इसलिए ये रहने के लिए सुरक्षित नहीं हैं. दो भवन जो दूसरे के लिए खतरा बने हैं. इन्हें तुरंत तोड़ने के लिए आदेश जारी किए जा रहे हैं. नीचे बने भवनों को समय दिया जाएगा. वहीं, पांचवें भवन को रहने के लिए अनफिट घोषित करते हुए सील किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- 'MLA विक्रमादित्य सिंह के मुंह से निकला कांग्रेस एजेंडा, भाजपा IT सेल ने बयान से नहीं की कोई छेड़छाड़'

शिमला: कच्ची घाटी में एक बहुमंजिला भवन गिरने के बाद कई भवनों को खतरा हो गया है और दो भवन गिरने की कगार पर है. ये भवन मिट्टी पर बनाए गए थे. कच्चीघाटी में सोमवार को शहर की अंतर विभागीय कमेटी ने स्पॉट का दौरा किया और दो भवनों को तोड़ने के सुझाव दिए.

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट नगर निगम को सौंप दी है. जिसमें कहा गया है कि यहां पर बने भवनों के नीचे की जमीन बिल्कुल कच्ची है. जमीन में पानी का लगातार रिसाव हो रहा है. प्राकृतिक जल स्रोत से लेकर पानी की निकासी सही न होने के कारण कई भवनों को खतरा है. इसलिए जो भवन पहले हवा में लटके हैं, इन्हें तोड़ा जाए, ताकि नीचे बने भवनों को बचाया जा सके.

नगर निगम के वास्तुकार एस्कियन, जिला के जियोलाजिस्ट सहित अन्य संबंधित सभी विभागों के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे. इन्होंने मौके का निरीक्षण कर पाया कि यहां पर जमीन के नाम पर मलबा है, इसमें लगातार ही पानी की रिसाव हो रहा है. टीम ने मौके का दौरा करने के बाद अब नगर निगम प्रशासन को सौंप दी है.

कमेटी की रिपोर्ट के आंकलन के बाद प्रशासन ने पाया कि दो भवनों को तुरंत ही तोड़ना होगा. इन्हें तीन दिन का समय दिया जाएगा. इसमें हरी पैलेस व पूजा निवास शामिल है. यदि ये तीन दिन में कार्रवाई अमल में नहीं लाते हैं तो इनके खिलाफ नियमों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. इनके नीचे बने दो भवन नारायण भवन व चौहान निवास को नोटिस तो देंगे, लेकिन इन्हें तोड़ने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा.

नगर निगम के आयुक्त आशीष कोहली का कहना है कि निगम की कमेटी ने मौके का दौरा किया है. इस दौरान पाया कि ये सभी भवनों के नीचे पानी का रिसाव है, इसलिए ये रहने के लिए सुरक्षित नहीं हैं. दो भवन जो दूसरे के लिए खतरा बने हैं. इन्हें तुरंत तोड़ने के लिए आदेश जारी किए जा रहे हैं. नीचे बने भवनों को समय दिया जाएगा. वहीं, पांचवें भवन को रहने के लिए अनफिट घोषित करते हुए सील किया जाएगा.

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