शिमला: हिमाचल सरकार के खजाने को जीएसटी कलेक्शन (GST COLLECTION IN HIMACHAL) में 18 फीसदी बढ़ोतरी से राहत मिली है. सितंबर महीने की कलेक्शन पहले के मुकाबले 18 फीसदी अधिक है. ये रकम 386 करोड़ रुपये बनती है. हिमाचल सरकार के राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त युनूस के अनुसार हिमाचल प्रदेश में वर्तमान वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीएसटी संग्रहण में 28 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि इस वित्त वर्ष में सितंबर माह के दौरान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रहण में 18 प्रतिशत प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
उन्होंने कहा कि सितंबर माह में 386 करोड़ रुपये जीएसटी संग्रहण किया गया है. उन्होंने कहा इस वित्त वर्ष के दौरान प्रथम छः माह में जीएसटी संग्रहण 2,641 करोड़ रुपये रहा है. उन्होंने कहा कि यह वृद्धि (Increase GST collection In Himachal) करदाताओं में कर अदायगी संबंधी अनुपालना में सुधार तथा विभाग द्वारा किए गए विभिन्न प्रशासनिक एवं नीतिगत प्रयासों तथा प्रवर्तन प्रणाली के सुदृढ़ीकरण से संभव हो पाई है. वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 25 प्रतिशत की वार्षिक संचयी वृद्धि का लक्ष्य हासिल करने के लिए विभाग ने रिटर्न फाइलिंग में निरंतर सुधार, रिटर्न की तीव्र छंटनी, जीएसटी ऑडिट को समय पर पूरा करना और मजबूत प्रवर्तन पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया है.
विभाग ने वर्तमान वित्त वर्ष में अपने रोड चेकिंग अभियान में छः लाख 70 हजार ई-वे बिल सत्यापित किए हैं. विभाग स्वैच्छिक अनुपालन में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और टैक्स हाट कार्यक्रम के तहत समयबद्ध रूप से हितधारकों के मुद्दों का निवारण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में हितधारकों के लिए 7 सितंबर, 2022 को विभिन्न स्थानों पर कर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. इस कार्यक्रम में आम व्यापारियों, उद्यमियों, उद्योगपतियों और अन्य हितधारकों ने काफी उत्साह दिखाया तथा एक साथ इतनी बड़ी संख्या में भाग लिया.
इस कार्यक्रम को इण्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में यूनिक रिकॉर्ड के तौर पर पंजीकृत किया गया है. उन्होंने कहा कि जागरूकता कार्यक्रमों से स्वैच्छिक अनुपालना में सुधार आने की संभावना है. उन्होंने कहा कि विभाग टैक्स अधिकारियों के ज्ञान में वृद्धि तथा क्षमता निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है. गत सात माह के दौरान 400 कर अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है. प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा विभागीय पुनर्गठन की सैद्धांतिक मंजूरी और प्रशिक्षित अधिकारियों के सशक्त प्रयासों से विभाग को राजस्व लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
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