शिमलाः राजधानी शिमला में स्थित भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (आईआईएएस) ने सेंटर फॉर इंडियन सिविलाइजेशन स्टडीज खोलने का प्रस्ताव तैयार किया है. इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए एमएचआरडी को भेजा गया है. अब संस्थान को एमएचआरडी की मंजूरी का इंतजार है.
संस्थान के निदेशक प्रो. मकरंद परांजपे ने इस प्रोजेक्ट का प्रपोजल एमएचआरडी को भेजा गया है. उन्होंने बताया कि संस्थान यूजीसी से भी नई फैलोशिप के लिए भी बात कर रहा है. निदेशक ने बताया कि शिमला के इतिहास की जानकारी और अनछुए पहलुओं के बारे में जानने के लिए संस्थान की ओर से ओरल हिस्ट्री प्रोजेक्ट फॉर शिमला भी शुरू किया जाएगा. जिसमें शिमला के अनसुने किस्सों को संजोया जाएगा.
निदेशक ने बताया कि संस्थान में समय समय स्वछता के साथ ही नशा निवारण और अन्य कई मुद्दों पर कार्यक्रम आयोजन किए जाते हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी माना की संस्थान में कर्मचारियों की कमी है जिसकी वजह से दिक्कतें उन्हें झेलनी पड़ रही है. यहां तक निदेशक पद पर भी यहां नियमित नियुक्ति नहीं है.
बता दें कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज में साल भर में लाखों पर्यटक घूमने के लिए और इस भवन की ऐतिहासिकता को जानने के लिए आते हैं. संस्थान को यहां आने वाले पर्यटकों से ही हर साल 56 लाख के करीब आमदनी हो रही है. जिसे संस्थान के रखरखाव पर ही खर्च किया जा रहा है. संस्थान में साल भर में अलग-अलग विषयों पर व्यख्यान भी करवाए जा रहे हैं और देश भर के प्रसिद्ध व्यक्ति भी इस संस्थान में व्याख्यान के लिए आते है.
संस्थान की प्रॉपर्टी पर चल रहा एचपीयू का संस्थान, आईआईएएस लेगा वापस
भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के पास संस्थान के कैंपस के अलावा दूसरी भी कई प्रॉपर्टी हैं, जिन्हें एनक्रोच कर लिया गया है. यहां तक कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पास भी संस्थान की प्रॉपर्टी है. एचपीयू के संस्थान भी आईआईएएस की प्रॉपर्टी पर ही चल रहे है. संस्थान के निदेशक ने कहा कि उनके पास उस प्रॉपर्टी के सभी कागजात मौजूद हैं और जल्दी एचपीयू से वह प्रॉपर्टी संस्थान वापस लेगा, ताकि उसका इस्तेमाल संस्थान कर सके.
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