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HRTC पेंशनर्स ने निकाला सचिवालय तक मार्च, सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

प्रदेश के एचआरटीसी पेंशनर्स ने पेंशन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. प्रदेश भर से आए सैकड़ों पेंशनर्स ने टॉलेंड से सचिवालय मार्च (HRTC pensioners protest in Shimla)निकाला

सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
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Published : Jun 8, 2022, 1:00 PM IST

शिमला: प्रदेश के एचआरटीसी पेंशनर्स ने पेंशन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. प्रदेश भर से आए सैकड़ों पेंशनर्स ने टॉलेंड से सचिवालय मार्च (HRTC pensioners protest in Shimla)निकाला. हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन (एचआरटीसी) पेंशनर्स कल्याण संगठन के प्रधान सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि हम करीब 7 हजार पेंशनर हैं. समय पर पेंशन न मिलने के कारण हमें घर का खर्च चलाना मुश्किल हाे गया. हमें अपने हक के लिए सरकार से भीख मांगनी पड़ रही. सरकार के पास पेंशनर्स के 3.50 करोड़ रुपए के वित्तीय लेनदेन बकाया है,लेकिन सरकार नहीं दे रही है.

अतिरिक्त पेंशन का कोई लाभ नहीं मिल रहा: एचआरटीसी पेंशनर्स संगठन का कहना है कि उन्हें 5, 10 और 15 प्रतिशत की अतिरिक्त पेंशन का कोई लाभ नहीं मिल रहा. अधिकतर पेंशनर ऐसे हैं, जिनकी पेंशन के माध्यम से ही घर चलता है, लेकिन उन्हें पेंशन नहीं मिलने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वर्ष 2015 से उन्हें ग्रेच्युटी अन्य तरह के भत्तों का भुगतान नहीं हुआ.

1100 करोड़ के घाटे में एचआरटीसी: एचआरटीसी करीब 1100 करोड़ के घाटे में है, इसलिए महीने का खर्च चलाना निगम प्रबंधन के लिए मुश्किल हो रहा है. निगम की बसों से होने वाली आय का एक भाग जहां बसाें की मरम्मत पर चला जाता. वहीं, वर्तमान में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को सैलरी भी देना होती है. एचआरटीसी के पास बजट ही नहीं है. ऐसे में एचआरटीसी पेंशनर्स संगठन का कहना है कि उन्हें पेंशन के लिए हर बार लंबा इंतजार करना पड़ता है, जबकि सभी पेंशन धारकों ने अपने कार्यकाल के दौरान उत्कृष्ट सेवाएं निगम प्रबंधन को दी है.

शिमला: प्रदेश के एचआरटीसी पेंशनर्स ने पेंशन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. प्रदेश भर से आए सैकड़ों पेंशनर्स ने टॉलेंड से सचिवालय मार्च (HRTC pensioners protest in Shimla)निकाला. हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन (एचआरटीसी) पेंशनर्स कल्याण संगठन के प्रधान सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि हम करीब 7 हजार पेंशनर हैं. समय पर पेंशन न मिलने के कारण हमें घर का खर्च चलाना मुश्किल हाे गया. हमें अपने हक के लिए सरकार से भीख मांगनी पड़ रही. सरकार के पास पेंशनर्स के 3.50 करोड़ रुपए के वित्तीय लेनदेन बकाया है,लेकिन सरकार नहीं दे रही है.

अतिरिक्त पेंशन का कोई लाभ नहीं मिल रहा: एचआरटीसी पेंशनर्स संगठन का कहना है कि उन्हें 5, 10 और 15 प्रतिशत की अतिरिक्त पेंशन का कोई लाभ नहीं मिल रहा. अधिकतर पेंशनर ऐसे हैं, जिनकी पेंशन के माध्यम से ही घर चलता है, लेकिन उन्हें पेंशन नहीं मिलने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वर्ष 2015 से उन्हें ग्रेच्युटी अन्य तरह के भत्तों का भुगतान नहीं हुआ.

1100 करोड़ के घाटे में एचआरटीसी: एचआरटीसी करीब 1100 करोड़ के घाटे में है, इसलिए महीने का खर्च चलाना निगम प्रबंधन के लिए मुश्किल हो रहा है. निगम की बसों से होने वाली आय का एक भाग जहां बसाें की मरम्मत पर चला जाता. वहीं, वर्तमान में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को सैलरी भी देना होती है. एचआरटीसी के पास बजट ही नहीं है. ऐसे में एचआरटीसी पेंशनर्स संगठन का कहना है कि उन्हें पेंशन के लिए हर बार लंबा इंतजार करना पड़ता है, जबकि सभी पेंशन धारकों ने अपने कार्यकाल के दौरान उत्कृष्ट सेवाएं निगम प्रबंधन को दी है.

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