शिमलाः हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम ने निगम ने प्रमोशन में फर्जीवाड़े का खंडन किया है. परिवहन निगम का कहना है कि निगम में भर्ती और पदोन्नति नियम के अनुसार की जाती है. इसके लिए 25 प्रतिशत सीधी भर्ती और 75 प्रतिशत वरिष्ठता के आधार पर कार्य प्रबंधक के पद पर पदोन्नति की जाती है. इसमें शैक्षणिक योग्यता का कोई मापदंड नहीं है.
परिवहन निगम ने बताया कि पदोन्नति की बैठक 5 मई, 2020 को महाप्रबन्धक नवीन कप्लस की अध्यक्षता में हुई थी. अन्य सदस्यों की ओर से रिकार्ड व अवलोकन करने के बाद अपनी सिफारिश उच्च अधिकारियों को दी गई थी.
निगम ने कहा कि प्रताप चन्द के मामले में कहा कि पदोन्नति में न तो ने इस पद के लिए उन्हें विभाग को अपनी उपस्थिति सूचना दी है और न ही उनको कोई पदोन्नति पर मिलने वाला वित्तीय लाभ दिया गया है. उन्होंने मौखिक तौर पर यह सूचित कर दिया है कि वे भर्ती व पदोन्नति नियम के अनुसार कार्य प्रबन्धक की पदोन्नति के लिए योग्य हैं.
इस पदोन्नति से पहले फोरमैन की वरिष्ठता सूची अस्थाई तौर पर 26 जून, 2017 को जारी की गई थी. इसके ऊपर कोई भी आपत्ति नहीं आई थी और उस सूची को 1 दिसम्बर, 2018 को अन्तिम रूप दे दिया था.
इसके बाद 2 सितम्बर, 2019 वरिष्ठता सूची अस्थाई तौर पर जारी की गई थी. इस पर भी कोई आपत्ति नहीं आई जबकि प्रताप चन्द फोरमैन की वरिष्ठता सूची में फोरमैन के पद पर नियुक्ति की तिथि को गलत अंकित किया गया था. निगम का कहना है कि इस पर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है. इस पदोन्नति में किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा नहीं हुआ है.
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