शिमला: अर्धसैनिक बलों ने अपने अस्तित्व की लड़ाई को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अर्धसैनिक बलों ने अर्धसैनिक बोर्ड के गठन की मांग की (HP Ex Para Military Association) है. उनका कहना है कि प्रदेश में 10 से 12 लाख अर्धसैनिक है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हमें मजबूर न करे की हम सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन (Ex Para Military Association demand) करे. उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने में असमर्थ रही है.
इस दौरान हिमाचल प्रदेश पूर्व अर्धसैनिक संघ के अध्यक्ष एवं पूर्व डाईजीपी वीके शर्मा ने कहा कि सरकार हमारे साथ अछूता व्यवहार कर रही है. उनका कहना है कि प्रदेश में अर्धसैनिक बोर्ड होने से उन्हें कैंटीन की सुविधा नहीं मिल पा रही है और न ही उन्हें पेंशन दी जा रही (demand for formation of paramilitary board) है. वीके शर्मा ने कहा कि सेना की तर्ज पर संघ के पूर्व और सेवारत सशस्त्र बलों को टोल टैक्स में छूट दे.
उन्होंने मांग कि है कि हिमाचल सरकार हमारे केवल एक पूर्व अर्धसैनिक संघ (पंजीकृत) को मान्यता प्रदान (HP Ex Para Military Association) करें. जवानों, विधवाओं के कल्याण के लिए कार्यालय चलाने के लिए सभी जिलों और राज्य स्तर पर राज्य संघों को न्यूनतम बुनियादी ढांचे के साथ आवास प्रदान करें. एसोसिएशन के अध्यक्ष और अन्य रैंक धारकों को सभी राज्य सर्किट/अतिथि गृहों में राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार अपने अधिकारियों और अन्य संघों के कल्याणकारी बैठक आंदोलनों के दौरान रियायतें दें.
राज्य समिति द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए सभी पत्रों का उत्तर निर्धारित समय सीमा में (Ex Para Military Association demand) दें. उन्होंने कहा कि एक वर्ष से अधिक समय के बाद भी अब तक उत्तर नहीं दिया गया. यह एक बार फिर दोहराया जाता है कि सरकार लंबे समय से लंबित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करके उनके सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए तत्काल बैठक बुलाए. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती तो आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.
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