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किन्नौर में बारिश के बाद बर्फबारी ने दी दस्तक, किसानों व बागवानों की बढ़ी मुश्किलें - बारिश और बर्फवारी

किन्नौर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में हल्की बारिश हुई है. जिससे इन क्षेत्रों में तापमान नीचे लुढ़क गया है. पूरा इलाका ठंड की चपेट में आ गया है. इससे सेब की फसल के साथ दूसरी फसलों को भी नुकसान होने की संभावना बनी हुई है.

snowfall in kinnaur may month
snowfall in kinnaur may month
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Published : May 6, 2020, 8:41 PM IST

Updated : May 19, 2020, 6:06 PM IST

किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर में बुधवार को हल्की बारिश के बाद अब ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी ने दस्तक दी है. बर्फबारी के चलते ऊंचाई वाले क्षेत्र के बागवानों को फ्लावरिंग के दौरान दिक्कतें भी आ सकती हैं. वहीं, निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश से सेब की सेटिंग अच्छी होने की उम्मीद जताई जा रही है.

ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगातार बर्फबारी के चलते अब निचले क्षेत्रो में भी बर्फबारी होने की आशंका जताई जा रही है. जिला के छितकुल, रकच्छम, सांगला, कल्पा, कुनोचारनग में एक इंच से अधिक बर्फ गिरी है, जिससे इन क्षेत्रों में तापमान नीचे लुढ़क गया है. पूरा इलाका ठंड की चपेट में आ गया है. जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मई के महीने में बर्फबारी से लोगों की चिंता बढ़ने लगी है.

बर्फबारी से सेब की फसल के साथ दूसरी फसलों को भी नुकसान होने की संभावना बनी हुई है. ऐसे में ऊंचाई वाले क्षेत्र के बागवान परेशान हैं तो निचले क्षेत्र के बागवान खुश हैं. इन दिनों निचले क्षेत्रों में सेब की सेटिंग हो चुकी है, लेकिन ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी से सेब की फ्लावरिंग पर असर पड़ सकता है.

बता दें कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश जारी है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी तरह बर्फबारी व बारिश जारी रही तो जिलावासियों को आगामी दिनों में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. मई महीने में बर्फबारी से एक बार फिर किन्नौर की पहाड़िया व ऊंचे क्षेत्र सफेद चादर में लिपट गए हैं.

ये भी पढ़ें- EXCLUSIVE: कोरोना केसिज आने के बाद क्या कदम उठा रहा है मंडी प्रशासन ?

किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर में बुधवार को हल्की बारिश के बाद अब ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी ने दस्तक दी है. बर्फबारी के चलते ऊंचाई वाले क्षेत्र के बागवानों को फ्लावरिंग के दौरान दिक्कतें भी आ सकती हैं. वहीं, निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश से सेब की सेटिंग अच्छी होने की उम्मीद जताई जा रही है.

ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगातार बर्फबारी के चलते अब निचले क्षेत्रो में भी बर्फबारी होने की आशंका जताई जा रही है. जिला के छितकुल, रकच्छम, सांगला, कल्पा, कुनोचारनग में एक इंच से अधिक बर्फ गिरी है, जिससे इन क्षेत्रों में तापमान नीचे लुढ़क गया है. पूरा इलाका ठंड की चपेट में आ गया है. जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मई के महीने में बर्फबारी से लोगों की चिंता बढ़ने लगी है.

बर्फबारी से सेब की फसल के साथ दूसरी फसलों को भी नुकसान होने की संभावना बनी हुई है. ऐसे में ऊंचाई वाले क्षेत्र के बागवान परेशान हैं तो निचले क्षेत्र के बागवान खुश हैं. इन दिनों निचले क्षेत्रों में सेब की सेटिंग हो चुकी है, लेकिन ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी से सेब की फ्लावरिंग पर असर पड़ सकता है.

बता दें कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश जारी है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी तरह बर्फबारी व बारिश जारी रही तो जिलावासियों को आगामी दिनों में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. मई महीने में बर्फबारी से एक बार फिर किन्नौर की पहाड़िया व ऊंचे क्षेत्र सफेद चादर में लिपट गए हैं.

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Last Updated : May 19, 2020, 6:06 PM IST
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