शिमलाः छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल की राजधानी शिमला खूबसूरती के साथ-साथ अपने भीतर कई ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे हुए हैं. यहां बनी ऐतिहासिक इमारतें सभी को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. इन इमारतों का भी अपना अलग इतिहास है. साल 1864 में शिमला के ब्रिटिश शासन काल की राजधानी बनने के बाद यहां कई बड़ी इमारतों का निर्माण किया गया.
इन्हीं में से एक है साल 1887 में बना ऐतिहासिक गेयटी थिएटर(Gaiety Theater). इस ऐतिहासिक इमारत का निर्माण हेनरी इरविन ने करवाया था. यह ऐतिहासिक इमारत विक्टोरियन गोथिक शैली (Victorian Gothic Style) में बनी है. दिलचस्प बात यह है कि दुनिया में केवल 6 ही गेयटी हैं, जिनमें एक पहाड़ों की रानी शिमला में है. ब्रिटिश शासन काल में ग्रीष्मकालीन राजधानी रही शिमला में थिएटर कलाकार दूर-दूर से प्रस्तुति देने आते थे, लेकिन प्रस्तुति देने के लिए कलाकारों के पास कोई मंच नहीं था.
कलाकार प्रस्तुति कभी अनाडेल ग्राउंड में देते, तो कभी ब्रिटिश अधिकारियों के घर पर. ऐसे में ब्रिटिश शासकों ने शिमला में एक थिएटर की जरूरत महसूस की. इसके बाद ब्रिटिश हुक्मरानों ने शिमला को कल्चरल सेंटर बनाने के उद्देश्य से गेयटी थिएटर का निर्माण कराया. शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर से बेंडन पॉवेल, मेजर जनरल सर गोडफ्रे विलियम्स, रुडयार्ड किपलिंग, लार्ड किचनर, पृथ्वी राज कपूर, अनुपम खेर, नसीरुद्दीन शाह और कुंदन लाल सहगल का नाता रहा है.
विक्टोरियन गोथिक शैली में बने इस गेयटी थिएटर (Gaiety Theater) की एक खास बात यह भी है कि यहां कलाकार बिना माइक प्रस्तुति देते हैं. थिएटर को इस तरह बनाया गया है कि कलाकार की फुसफुसाहट भी आखरी पंक्ति में बैठे दर्शक को आसानी से सुनाई दे जाती है. थिएटर का निर्माण यू शेप में किया गया है.
गेयटी थियेटर में प्रस्तुति हॉल के अलावा मल्टीपर्पज हॉल भी है. इसके अलावा थिएटर के बाहर ओपन थिएटर का भी निर्माण किया गया है, जिसमें कलाकार अपनी प्रस्तुति देते हैं. साथ ही, थिएटर में कला अकादमी की गैलरी और आर्मी क्लब के साथ पुलिस कंट्रोल रूम भी चलाया जा रहा है.
1887 में बने गेयटी थिएटर का साल 2008 में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देशों के मुताबिक पुनरुद्धार भी किया गया. इसमें कुल 7 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. मशहूर आर्किटेक्ट वेद सिंघल की देखरेख में पुनरुद्धार के दौरान थिएटर की बनावट से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई. केवल यहां लगी मैरून रंग की कुर्सियों को हरे रंग की कुर्सियों के साथ बदला गया.
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