शिमला: ऊर्जा राज्य हिमाचल 15 जून से सितंबर महीने तक 40 करोड़ रुपये प्रतिदिन के हिसाब बिजली (Himachal will sell electricity ) बेचेगा. ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अरुणाचल पावर कॉर्पोरेशन से समझौते के अनुसार 15 लाख यूनिट प्रति दिन बिजली उनको दी जाती है. जब हिमाचल को जरूरत होगी तो उनसे 25 प्रतिशत बिजली बढ़ाकर वापस ली जाएगी.
सुखराम चौधरी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अप्रैल महीने में बिजली की कमी महसूस की गई, इसका मुख्य कारण कोयले की कमी था. प्रदेश सरकार के 4 थर्मल प्लांट में 50 प्रतिशत उत्पादन कम हो गया था, लेकिन बिजली बोर्ड ने इंटर्नल एजमेंट के तहत इसको पूरा कर लिया था. मंत्री ने कहा पिछले 10-15 दिनों से सरकार के शेयर के जो कि बनता 12 प्रतिशत उसके अनुसार प्रतिदिन 80 लाख यूनिट करीब 8 करोड़ रुपए का रेवेन्यू इससे प्राप्त हो रहा है. सुखराम चौधरी ने कहा कि सर्विस सलेक्शन बोर्ड को 700 से अधिक भरने का आग्रह किया गया है.
हिमाचल के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी (Himachal Energy Minister Sukhram Chaudhary) ने कहा 60 यूनिट तक की फ्री बिजली वाली योजना को विभाग पहले ही लागू कर चुका है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की घोषणा के बाद अब जुलाई महीने के बिलों में 125 यूनिट फ्री बिजली की घोषणा को लागू किया जाएगा. इससे सरकार पर करीब 200 करोड़ का आर्थिक बोझ पड़ेगा. सुखराम चौधरी ने कहा कि किसानों को भी प्रदेश की जयराम सरकार ने बड़ी राहत दी है. प्रदेश के 38 हजार किसानों को जिन्होंने ट्यूबवेल लगाए हैं उनको 50 पैसे प्रति यूनिट बिजली के हिसाब से जुलाई से बिल आना शुरू हो जाएंगे.
सुखराम चौधरी ने कहा कि देश के कई राज्यों में कोयले की कमी के कारण बिजली की कमी है, लेकिन हिमाचल में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट (hydro power project in himachal) के कारण बिजली उत्पादन सरप्लस चला हुआ है. इसी कारण प्रदेश की हालत अन्य प्रदेशों से कहीं बेहतर है. हिमाचल के भी 4 थर्मल प्लांट हैं जिनसे एमओयू हैं 250 मेगावाट बिजली खरीदी जाती है. इन प्लांट से जरूरत के हिसाब से प्रदेश बिजली बोर्ड बिजली लेता है. इन थर्मल प्लांट को हिमाचल अपने पास ही रखेगा और अगर ऊर्जा अधिक सरप्लस (Surplus electricity generation in Himachal) होती है तो अन्य राज्यों को बिजली बेची जाएगी.
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