शिमलाः कोरोना की इस संकट की घड़ी में जहां विधायक अपनी सैलरी सीएम रिलीफ फंड में दे रहे हैं. वहीं, अब प्रदेश के कर्मचारियों के साथ शिक्षक संघ भी इस पहल का हिस्सा बन गए है. इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए प्रदेश के महाविद्यालय शैक्षिक संघ के साथ ही अनुबंध शिक्षक संघ पीटीए भी मुख्यमंत्री राहत कोष में एक दिन का वेतन दान करने जा रहे हैं.
शिक्षक संगठनों ने यह निर्णय लिया है कि वह मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना एक दिन का वेतन दान करेंगे. संघों ने सभी शिक्षकों से यह आग्रह किया है कि वह अपने वेतन से एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दें, जिससे कि इस संकट की घड़ी में जरूरत मंदों की मदद हो सके.
संघ के अध्यक्ष रविंद्र ठाकुर सहित अन्य पदाधिकारियों ने कॉलेज प्राध्यापकों से अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की अपील की है. संघ ने दावा किया है कि इस दौरान 3 से 5 लाख तक की राशि एकत्रित की जाएगी, जिसे मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया जाएगा.
इससे पूर्व भी महाविद्यालय शैक्षिक संघ ने विशेष अभियान के तहत कॉलेज के प्राध्यापकों से 2,20,500 की राशि इकट्ठा कर मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए थे. वहीं, हिमाचल प्रदेश अनुबंध शिक्षक संघ पीटीए ने भी अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का ऐलान किया है.
संघ के अध्यक्ष बॉविल ठाकुर ने बताया कि जिला व राज्य कार्यकारिणी से विचार विमर्श करने के बाद शिक्षकों ने अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का फैसला लिया है. संघ के अध्यक्ष ने कहा है कि यदि इस दौरान सरकार को किसी भी कार्य के लिए शिक्षकों की जरूरत पड़ती है, तो वह इसके लिए तैयार है.
इस दौरान संघ के अध्यक्ष ने आग्रह किया है कि सरकार मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किए जाने वाले एक दिन के वेतन के संबंध में कोई दिशा निर्देश या सूचना स्कूलों को जारी करें ताकि स्वतः ही एक दिन का वेतन सीधे मुख्यमंत्री राहत कोष में प्रेषित हो सके.
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