शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रेणुका जी बांध परियोजना (renuka ji dam project) को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) प्रस्ताव के एक हिस्से के रूप में अनुमोदन प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है. हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में यमुना नदी की सहायक नदी गिरि (dam on giri river in himachal) पर इस भंडारण परियोजना की एक राष्ट्रीय परियोजना के रूप में परिकल्पना की गई है. नई दिल्ली में आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक (central cabinet meeting in delhi) में बुधवार को रेणुका जी परियोजना को पीएमकेएसवाई के हिस्से के रूप में अनुमोदन प्रदान किया गया.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2015 में टीएसी ने इस परियोजना की विस्तृत योजना रिपोर्ट को 4596.76 करोड़ रुपये के कुल मूल्य पर स्वीकार किया, हालांकि लाभार्थी राज्यों के बीच अन्तरराज्यीय समझौते पर हस्ताक्षर नहीं होने के कारण परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सका. भारत सरकार के दृढ़ प्रयासों के कारण 9 जनवरी, 2019 को लाभार्थी राज्यों दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश ने अन्तरराज्यीय समझौते पर हस्ताक्षर किए.
उन्होंने कहा कि इस तरह समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद 9 दिसंबर, 2019 को जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 6946.99 करोड़ रुपये मूल्य की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को पुनः स्वीकार किया गया. इस परियोजना में 148 मीटर ऊंचे राॅक फिल डैम की परिकल्पना की गई है जो कि मानसून जल का संग्रहण करेगा और इससे 24 किलोमीटर लंबे जलाशय का निर्माण होगा. बांध का लाइव स्टोरेज 498 मिलियन क्यूबिक मीटर होगा, जिसका उपयोग राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को 23 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड की दर से पेयजल आपूर्ति के लिए किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि यह 40 मेगावाट क्षमता के सतही ऊर्जा घर में 200 मिलियन यूनिट ऊर्जा उत्पादन भी करेगा, जिसका उपयोग राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा. सीएम ने कहा कि परियोजना का निर्माण दिसंबर, 2022 (renuka ji dam project will started) तक शुरू होने की उम्मीद है और यह छह साल में पूर्ण हो जाएगा. उन्होंने कहा कि कैट जलग्रहण क्षेत्र में विभिन्न सुधार कार्यों पर 160.34 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि परियोजना के कार्यशील होने के बाद प्रभावित क्षेत्र में हर वर्ष वार्षिक राजस्व का एक प्रतिशत वितरित किया जाएगा.