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हिमाचल बजट सत्र: ओल्ड पेंशन बहाली के लिए चर्चा न होने पर विपक्ष का सदन से वॉकआउट

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Published : Mar 3, 2022, 1:03 PM IST

हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Vidhan Sabha) में गुरुवार को प्रश्नकाल के शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने सदन में हंगामा कर दिया. दरअसल विपक्ष ने नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाकर ओल्ड पेंशन स्कीम पर चर्चा की मांग की. जिस पर सदन में विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी व्यवस्था नहीं दी (HP budget session 2022) और प्रश्नकाल शुरू कर दिया. जिसके बाद विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया.

HP budget session 2022
हिमाचल बजट सत्र

शिमला: ओल्ड पेंशन बहाली (old pension scheme) को लेकर प्रदेश भर के कर्मचारी आंदोलनरत (protest in shimla) हैं. विधानसभा की कार्यवाही (HP budget session 2022) शुरू होते ही विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, जगत नेगी, रामलाल ठाकुर, सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाकर ओल्ड पेंशन स्कीम पर चर्चा की मांग की. जिस पर सदन में विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी व्यवस्था नहीं दी और प्रश्नकाल शुरू कर दिया.

चर्चा की अनुमति नहीं मिलने पर विपक्ष ने सदन में ही हंगामा शुरू कर दिया है और वेल में आकर काफी देर तक नारेबाजी करते रहे. इसके बाद सदन से वॉकआउट कर बाहर चले गए. कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश का कर्मचारी काफी लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहा है. पूरे प्रदेश से कर्मचारी शिमला विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन करने पहुंचे हैं, लेकिन इस सरकार द्वारा इन कर्मचारियों को डराया धमकाया जा रहा है.

हिमाचल बजट सत्र

कर्मचारियों को आंदोलन करने पर कार्रवाई करने की धमकियां दी जा रही हैं. ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर आज सदन में काम रोको प्रस्ताव लाकर चर्चा करने की मांग की गई थी, लेकिन यह सरकार चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास प्रधानमंत्री के मन की बात सुनने का समय है, लेकिन प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की बात सुनने का उनके पास समय नहीं है.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा ही पुरानी पेंशन को बंद (old pension scheme in himachal pradesh) करने का फरमान जारी किया था. इसलिए यह सरकार चर्चा करने से भाग रही है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह सरकार कर्मचारियों को डराने धमकाने में लगी है और जो भी धरना प्रदर्शन करने जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने की धमकियां दी जा रही है. उनका वेतन काटने की बात कही जा रही है.

मुख्य सचिव राम सुभग सिंह द्वारा इसको लेकर बाकायदा पत्र जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि सभी को अपनी आवाज रखने का लोकतांत्रिक अधिकार है. यह सरकार उसे कुचलने में लगी है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार यदि ओल्ड पेंशन बहाल नहीं करती है तो कांग्रेस के सत्ता में आते ही प्रदेश में ओल्ड पेंशन को बहाल किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: Himachal Budget 2022: कैसे होगा कर्ज के मर्ज का इलाज, क्या जयराम सरकार के पास है कोई जादुई छड़ी?

शिमला: ओल्ड पेंशन बहाली (old pension scheme) को लेकर प्रदेश भर के कर्मचारी आंदोलनरत (protest in shimla) हैं. विधानसभा की कार्यवाही (HP budget session 2022) शुरू होते ही विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, जगत नेगी, रामलाल ठाकुर, सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाकर ओल्ड पेंशन स्कीम पर चर्चा की मांग की. जिस पर सदन में विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी व्यवस्था नहीं दी और प्रश्नकाल शुरू कर दिया.

चर्चा की अनुमति नहीं मिलने पर विपक्ष ने सदन में ही हंगामा शुरू कर दिया है और वेल में आकर काफी देर तक नारेबाजी करते रहे. इसके बाद सदन से वॉकआउट कर बाहर चले गए. कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश का कर्मचारी काफी लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहा है. पूरे प्रदेश से कर्मचारी शिमला विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन करने पहुंचे हैं, लेकिन इस सरकार द्वारा इन कर्मचारियों को डराया धमकाया जा रहा है.

हिमाचल बजट सत्र

कर्मचारियों को आंदोलन करने पर कार्रवाई करने की धमकियां दी जा रही हैं. ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर आज सदन में काम रोको प्रस्ताव लाकर चर्चा करने की मांग की गई थी, लेकिन यह सरकार चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास प्रधानमंत्री के मन की बात सुनने का समय है, लेकिन प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की बात सुनने का उनके पास समय नहीं है.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा ही पुरानी पेंशन को बंद (old pension scheme in himachal pradesh) करने का फरमान जारी किया था. इसलिए यह सरकार चर्चा करने से भाग रही है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह सरकार कर्मचारियों को डराने धमकाने में लगी है और जो भी धरना प्रदर्शन करने जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने की धमकियां दी जा रही है. उनका वेतन काटने की बात कही जा रही है.

मुख्य सचिव राम सुभग सिंह द्वारा इसको लेकर बाकायदा पत्र जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि सभी को अपनी आवाज रखने का लोकतांत्रिक अधिकार है. यह सरकार उसे कुचलने में लगी है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार यदि ओल्ड पेंशन बहाल नहीं करती है तो कांग्रेस के सत्ता में आते ही प्रदेश में ओल्ड पेंशन को बहाल किया जाएगा.

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