शिमला: शिमला के फागली स्थित कुष्ठ कॉलोनी में मूलभूत सुविधाओं (Himachal Pradesh High Court)की कमी से जुड़े मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने उपायुक्त शिमला को कुष्ठ कॉलोनी फागली स्थित (Leprosy Colony Fagli in shimla) कुष्ठ रोग गृह का निरीक्षण करने व चार सप्ताह की अवधि के भीतर आवश्यक मरम्मत कार्य सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायमूर्ति (High Court order to DC shimla) ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह आदेश नीरज शाश्वत द्वारा दायर याचिका पर पारित किए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि लगभग एक दशक पहले सरकार द्वारा कुष्ठ रोगियों को शिमला के फागली में एक इमारत आवंटित की गई थी, जो अब जर्जर हालत में बदल गई है.
प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि तब से राज्य सरकार द्वारा उस भवन में कोई रखरखाव नहीं किया गया है. आरोप है कि कुष्ठ रोगियों के पास शौचालय तक नहीं है. इसके अलावा वहां पानी की उचित सुविधा भी नहीं है और बिजली की फिटिंग खतरनाक स्थिति में है. जबकि खिड़कियां और दरवाजे टूटे हुए हैं और सीवरेज सिस्टम में रिसाव हो रहा है. जिसके कारण मरीजों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है.
इस मामले को विभिन्न अधिकारियों के समक्ष भी उठाया गया था, लेकिन उनमें से किसी ने भी इन लोगों की स्थिति में सुधार के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. याचिकाकर्ता का कहना है कि अब सर्दी का मौसम शुरू हो गया है और बर्फबारी (Snowfall in shimla) से मरीजों की परेशानी हो रही है. याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार को तत्काल प्रभाव से कुष्ठ कॉलोनी को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है. वहीं, कोर्ट ने मामले को अनुपालना के लिए 07.03.2022 के लिए सूचीबद्ध किया है.
ये भी पढ़ें: गेयटी थियेटर शिमला में गेयटी ड्रामेटिक सोसाइटी ने एक अकेली औरत नाटक का किया मंचन