ETV Bharat / city

रेणुका डैम प्रोजेक्ट में गरीबों की मुआवजा राशि हड़पने के आरोप, हाईकोर्ट ने गठित की एसआईटी - himachal pradesh news

Renuka Dam project, रेणुका डैम प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण में मुआवजा राशि बांटने को लेकर गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. हाईकोर्ट ने पूरे घोटाले की व्यापक जांच दो महीने में पूरी कर रिपोर्ट सील्ड कवर में अदालत के समक्ष रखने के आदेश जारी किए.

Himachal Pradesh High Court
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
author img

By

Published : Aug 23, 2022, 9:29 PM IST

शिमला: रेणुका डैम प्रोजेक्ट के निर्माण (Renuka Dam project) कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण में मुआवजा राशि बांटने को लेकर हेराफेरी की शिकायतें मिलने पर हाईकोर्ट ने जांच के लिए एसआईटी गठित की है. आरोप है कि मुआवजा राशि वितरण में गड़बड़ी की जा रही है. शिकायत किए जाने पर (Himachal Pradesh High Court) हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने एसपी सिरमौर की अगुवाई में एसआईटी गठित की है. विशेष जांच टीम यानी एसआईटी में एसपी सिरमौर के अलावा ददाहू के डीएसपी सहित राजगढ़ व संगड़ाह के डीएसपी शामिल किए गए हैं.

मामले के अनुसार एचपीपीसीएल ने रेणुका डैम प्रोजेक्ट के लिए 12 हजार बीघा से अधिक भूमि अधिगृहित की है. इसके लिए भू मालिकों को लगभग 2500 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा अदा किया जाना है. मामले पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि मुआवजे के रूप में रेणुकाजी क्षेत्र में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में गरीब और निरक्षर भू-मालिकों को देने के लिए भारी धन राशि का आकलन किया गया. वहीं, रेणुकाजी डैम प्रोजेक्ट प्रबंधन की ओर से अदालत को बताया गया कि कुछ दलालों ने वकीलों और राजस्व कर्मियों सहित बैंक कर्मियों से मिलीभगत कर वास्तविक भू-मालिकों के साथ धोखा किया है. दलालों ने गरीबों के हक की बड़ी रकम हड़प ली है.

वास्तविक भू मालिकों को यह भी नहीं बताया गया कि उनकी भूमि का कितना मुआवजा उनके पक्ष में तय हुआ है. इतना ही नहीं फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाकर और अदालतों में फर्जी आवेदन दायर कर मुआवजा राशि निकलवा लेने के आरोप भी कुछ भू-मालिकों ने लगाए हैं. हाईकोर्ट ने इन सभी तथ्यों के मद्देनजर पूरे घोटाले की व्यापक जांच दो महीने में पूरी कर रिपोर्ट सील्ड कवर में अदालत के समक्ष रखने के आदेश जारी किए.

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दिव्यांगजनों की अनुबंध आधार पर नियुक्ति गैर कानूनी

शिमला: रेणुका डैम प्रोजेक्ट के निर्माण (Renuka Dam project) कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण में मुआवजा राशि बांटने को लेकर हेराफेरी की शिकायतें मिलने पर हाईकोर्ट ने जांच के लिए एसआईटी गठित की है. आरोप है कि मुआवजा राशि वितरण में गड़बड़ी की जा रही है. शिकायत किए जाने पर (Himachal Pradesh High Court) हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने एसपी सिरमौर की अगुवाई में एसआईटी गठित की है. विशेष जांच टीम यानी एसआईटी में एसपी सिरमौर के अलावा ददाहू के डीएसपी सहित राजगढ़ व संगड़ाह के डीएसपी शामिल किए गए हैं.

मामले के अनुसार एचपीपीसीएल ने रेणुका डैम प्रोजेक्ट के लिए 12 हजार बीघा से अधिक भूमि अधिगृहित की है. इसके लिए भू मालिकों को लगभग 2500 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा अदा किया जाना है. मामले पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि मुआवजे के रूप में रेणुकाजी क्षेत्र में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में गरीब और निरक्षर भू-मालिकों को देने के लिए भारी धन राशि का आकलन किया गया. वहीं, रेणुकाजी डैम प्रोजेक्ट प्रबंधन की ओर से अदालत को बताया गया कि कुछ दलालों ने वकीलों और राजस्व कर्मियों सहित बैंक कर्मियों से मिलीभगत कर वास्तविक भू-मालिकों के साथ धोखा किया है. दलालों ने गरीबों के हक की बड़ी रकम हड़प ली है.

वास्तविक भू मालिकों को यह भी नहीं बताया गया कि उनकी भूमि का कितना मुआवजा उनके पक्ष में तय हुआ है. इतना ही नहीं फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाकर और अदालतों में फर्जी आवेदन दायर कर मुआवजा राशि निकलवा लेने के आरोप भी कुछ भू-मालिकों ने लगाए हैं. हाईकोर्ट ने इन सभी तथ्यों के मद्देनजर पूरे घोटाले की व्यापक जांच दो महीने में पूरी कर रिपोर्ट सील्ड कवर में अदालत के समक्ष रखने के आदेश जारी किए.

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दिव्यांगजनों की अनुबंध आधार पर नियुक्ति गैर कानूनी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.