शिमला: 29 अप्रैल को शिमला में खालिस्तानी झंडे फहराने की धमकी के बाद हिमाचल प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी संजय कुंडू को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दिए हैं. यह आदेश आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीएस राणा ने जारी किए हैं. मानवाधिकार आयोग की अदालत ने पुलिस महानिदेशक को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की सुरक्षा से संबंधित हलफनामे के साथ एक विस्तृत जवाब देने के निर्देश दिए हैं. साथ ही आदेश की प्रमाणित प्रति को प्रेषित करने के भी निर्देश दिए हैं.
बता दें कि सिख फॉर जस्टिस (Sikh For Justice) के अध्यक्ष गुरपतवंत सिंह पन्नू ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को चेतावनी पत्र भेजा है. मुख्यमंत्री को भेजे गए धमकी पत्र में 29 अप्रैल को शिमला में खालिस्तान का झंडा फहराने की चेतावनी दी गई है. पत्र के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस की ओर से शिमला में खालिस्तान का झंडा फहराने के लिए 50 हजार डॉलर जुटाने की बात भी कही गई है. पन्नू के पत्र के बाद प्रदेश में खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं.
चिट्ठी में बताया गया है कि 29 अप्रैल को उस शिमला में झंडा फहराया जाएगा जो 1966 तक पंजाब की राजधानी थी. गौरतलब है कि 1966 में पंजाब से अलग होकर हिमाचल राज्य का गठन किया गया था. इस चिट्ठी में भिंडरावाले के तस्वीर और खालिस्तानी झंडे पर प्रतिबंध लगाने को लेकर सीएम जयराम ठाकुर का भी जिक्र किया गया है. एसएफजे के मुताबिक इसके बारे में हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी शुक्रवार 25 मार्च को जानकारी दी जा चुकी है. ये चिट्ठी शिमला के पत्रकारों को ई-मेल पर भेजी गई है.
पत्रकारों को जारी ई मेल के द्वारा पन्नू ने हिमाचल में भिंडरावाले की फोटो और खालिस्तानी झंडे लगी गाड़ियों को रोकने पर ऐतराज जताया है. मेल के माध्यम से पन्नू ने कहा कि वर्ष 1966 तक शिमला पंजाब की राजधानी रही है. ऐसे में सिखों के हक वापस लेने के लिए शिमला से शुरूआत की जाएगी. पन्नू ने कहा कि 29 अप्रैल 1986 को खालिस्तान घोषणा दिवस की घोषणा हुई थी. इसके चलते ही इस वर्ष 29 अप्रैल को शिमला में आवाज बुलंद करने का फैसला लिया गया है. इससे पहले 15 अगस्त को भी एसएफजे की ओर से प्रदेश में तिरंगा फहराने को लेकर विरोध किया गया था.
आखिर क्या है मामला: बता दें बीते दिनों हिमाचल के ऊना, मंडी और कुल्लू में पंजाब से कुछ युवा अपने वाहनों में प्रतिबंधित झंडे लगाकर आए थे, जिस पर पुलिस की ओर से मोटर वाहन एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी. बताया गया कि पंजाब से आए युवकों की गाड़ियों पर जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर और कुछ प्रतिबंधित झंडे भी लगे थे. जिन्हें पुलिस ने उतरवाया था. उसके बाद हिमाचल में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ पंजाब के किरतपुर में हिमाचल से आने वाले वाहनों को रोकने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो में हिमाचल प्रदेश से आ रहे वाहनों को रोकते हुए देखा जा सकता है.
धमकी में कोई गंभीरता नहीं: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पन्नू द्वारा 29 अप्रैल को शिमला में खालिस्तानी झंडे फहराने की धमकी पर बोलते हुए कहा कि वह पहले भी इस प्रकार की बातें बोल चुके हैं. इस प्रकार की बातों में कोई गंभीरता नहीं है और न ही जांच की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पन्नू की धमकी कोई गंभीरता नहीं है. इस तरह की धमकी का कोई औचित्य नहीं है.
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