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HIMACHAL HIGH COURT: सरकारी धन का गबन करने वाले बस कंडक्टर की याचिका खारिज - HIGH COURT NEWS

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खण्डपीठ ने बस कंडक्टर की याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि कंडक्टर की ओर से (HIMACHAL HIGH COURT) निगम को गलत नुकसान और खुद के लिए गलत लाभ ही उसके खिलाफ अपराध दर्ज करने के लिए पर्याप्त है. पढे़ं पूरा मामला...

HIMACHAL HIGH COURT
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय
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Published : May 10, 2022, 8:36 PM IST

शिमला: न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खण्डपीठ ने बस कंडक्टर की याचिका को खारिज करते हुए कहा की इस तरह का अपराध करने वाले कर्मी का नौकरी में कोई स्थान नहीं रह जाता. न्यायालय ने (HIMACHAL HIGH COURT) यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में गबन किए गए धन की राशि नगण्य है. बता दें कि सेवा से बर्खास्त किये गये हिमाचल परिवहन के बस कंडक्टर ने अपनी बर्खास्तगी को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी.

अदालत ने कहा कि कंडक्टर की ओर से निगम को गलत नुकसान और खुद के लिए गलत लाभ ही उसके खिलाफ अपराध दर्ज करने के लिए पर्याप्त है. अदालत ने कहा कि यदि कंडक्टर को इस आधार पर दोषमुक्त किया जाता है कि धन की राशि कम थी तो ऐसी स्थिति में कंडक्टर गबन करने में अभ्यस्त हो जायेगा और गबन एक बड़ी राशि में बदल जायेगा. बता दें कि याचिकाकर्ता को करीब 11 हजार रूपये गबन किये जाने के मामले में सेवा से बर्खास्त किया गया था. याचिकाकर्ता ने यह राशि इस आधार जमा नहीं करवाई कि वह बीमार रहता था और मानसिक रूप से परेशान था. जांच के दौरान याचिकाकर्ता के इस आधार को झूठा पाया गया था. अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता ने सेवा से बर्खास्त किये गये निर्णय को अपील के माध्यम से चुनौती दी गयी थी. जिसे अपीलीय प्राधिकारी ने खारिज कर दिया था.

चौगान के चारों तरफ नगर परिषद चंबा द्वारा दुकानों का निमार्ण किये जाने के मामले में हाईकोर्ट का कड़ा संज्ञान- चंबा के चौगान के चारों तरफ नगर परिषद चंबा द्वारा दुकानों का निमार्ण किये जाने के मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने(HIMACHAL HIGH COURT) कड़ा संज्ञान लिया है. मुख्य न्यायाधीश मोहम्द रफीक और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खण्डपीठ ने स्थानीय निवासी की ओर से मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर संज्ञान लिया है. खण्डपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव सहित प्रधान सचिव नगर नियोजन, डीसी चंबा और नगर परिषद चंबा को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है.

पत्र के माध्यम से आरोप लगाया गया है कि नगर परिषद चंबा द्वारा चंबा के चौगान के चारों तरफ दुकानों का निमार्ण (Construction of shops around Chaugan) किया जा रहा है. जबकि राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2007 में जारी अधिसूचना के तहत चंबा के चौगान के चारों तरफ किसी भी प्रकार के निमार्ण पर रोक लगाई गयी है. यह भी आरोप लगाया गया है कि इस अवैध निर्माण से चौगान को नुकसान पहुंच रहा है.

ये भी पढ़ें: शिमला में पानी की किल्लत: हाईकोर्ट ने जल प्रबंधन बोर्ड से मांगे सुझाव

शिमला: न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खण्डपीठ ने बस कंडक्टर की याचिका को खारिज करते हुए कहा की इस तरह का अपराध करने वाले कर्मी का नौकरी में कोई स्थान नहीं रह जाता. न्यायालय ने (HIMACHAL HIGH COURT) यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में गबन किए गए धन की राशि नगण्य है. बता दें कि सेवा से बर्खास्त किये गये हिमाचल परिवहन के बस कंडक्टर ने अपनी बर्खास्तगी को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी.

अदालत ने कहा कि कंडक्टर की ओर से निगम को गलत नुकसान और खुद के लिए गलत लाभ ही उसके खिलाफ अपराध दर्ज करने के लिए पर्याप्त है. अदालत ने कहा कि यदि कंडक्टर को इस आधार पर दोषमुक्त किया जाता है कि धन की राशि कम थी तो ऐसी स्थिति में कंडक्टर गबन करने में अभ्यस्त हो जायेगा और गबन एक बड़ी राशि में बदल जायेगा. बता दें कि याचिकाकर्ता को करीब 11 हजार रूपये गबन किये जाने के मामले में सेवा से बर्खास्त किया गया था. याचिकाकर्ता ने यह राशि इस आधार जमा नहीं करवाई कि वह बीमार रहता था और मानसिक रूप से परेशान था. जांच के दौरान याचिकाकर्ता के इस आधार को झूठा पाया गया था. अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता ने सेवा से बर्खास्त किये गये निर्णय को अपील के माध्यम से चुनौती दी गयी थी. जिसे अपीलीय प्राधिकारी ने खारिज कर दिया था.

चौगान के चारों तरफ नगर परिषद चंबा द्वारा दुकानों का निमार्ण किये जाने के मामले में हाईकोर्ट का कड़ा संज्ञान- चंबा के चौगान के चारों तरफ नगर परिषद चंबा द्वारा दुकानों का निमार्ण किये जाने के मामले में प्रदेश हाईकोर्ट ने(HIMACHAL HIGH COURT) कड़ा संज्ञान लिया है. मुख्य न्यायाधीश मोहम्द रफीक और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खण्डपीठ ने स्थानीय निवासी की ओर से मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर संज्ञान लिया है. खण्डपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव सहित प्रधान सचिव नगर नियोजन, डीसी चंबा और नगर परिषद चंबा को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है.

पत्र के माध्यम से आरोप लगाया गया है कि नगर परिषद चंबा द्वारा चंबा के चौगान के चारों तरफ दुकानों का निमार्ण (Construction of shops around Chaugan) किया जा रहा है. जबकि राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2007 में जारी अधिसूचना के तहत चंबा के चौगान के चारों तरफ किसी भी प्रकार के निमार्ण पर रोक लगाई गयी है. यह भी आरोप लगाया गया है कि इस अवैध निर्माण से चौगान को नुकसान पहुंच रहा है.

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