शिमला: हिमाचल प्रदेश की निजी यूनिवर्सिटी मानव भारती से जुड़े फर्जी डिग्री मामले (Manav Bharati University Fake degree scam) में हाईकोर्ट ने मार्क्स सर्टिफिकेट की जांच करने वाली कमेटी को फटकार लगाई है. अदालत के निर्देश पर डिटेल मार्क्स सर्टिफिकेट का सत्यापन करने वाली कमेटी जल्द मीटिंग बुलाने के लिए कहा. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने जांच कमेटी की मीटिंग का विवरण देखने पर कहा कि इसमें ऐसे कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है कि दस्तावेजों की प्रतिलिपियां किस तरह छात्रों को दी जानी है.
मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने जांच कमेटी को जल्द से जल्द मीटिंग करने के आदेश (Himachal High court on Fake degree scam) दिए. अदालत ने जांच कमेटी को स्पष्ट रूप से ऐसे मानदंड और मापदंड तय करने के आदेश दिए, जिनके आधार पर छात्रों को दस्तावेजों की प्रतिलिपियां दी जा सकें. अदालत ने उम्मीद जताई कि मामले पर अगली सुनवाई तक कुछ छात्रों को किसी न किसी रूप में दस्तावेजों की प्रतिलिपियां प्रदान कर दी जाएंगी. जांच कमेटी को स्टेट्स रिपोर्ट सहित मीटिंग का विवरण कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश भी दिए गए हैं.
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार हिमाचल प्रदेश राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने मानव भारती यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्रियों से संबंधित दस्तावेजों की जांच और उनका सत्यापन करने के लिए कमेटी गठित करने का आदेश दिया था. छात्रों का कहना था कि डिटेल मार्क्स सर्टिफिकेट का सत्यापन न होने से उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है. यूनिवर्सिटी पर फर्जी डिग्रियां बांटने का आरोप है.
इसे लेकर विशेष जांच टीम मामले की पहले से ही पड़ताल कर रही है. जांच जारी होने के कारण मानव भारती यूनिवर्सिटी (Manav Bharati University) से पढ़े विद्यार्थियों को डिग्रियां और डिटेल मार्क्स सर्टिफिकेट नहीं मिल पा रहे हैं. जांच कमेटी गठित होने के बाद से सैंकड़ों विद्यार्थियों ने अपने प्रमाणपत्रों को जांचने के लिए आवेदन किए हैं. अब जांच कमेटी को हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार जल्द मीटिंग करनी होगी.
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