शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने किरतपुर-नेरचौक फोरलेन निर्माण में देरी होने पर कड़ा संज्ञान लिया है. कोर्ट ने ठेकेदार से निर्माण कार्य पूरा करने में लगने वाले समय सीमा की जानकारी मांगी है. खंडपीठ ने ठेकेदार से सड़क निर्माण सम्बंधित पूरा ब्यौरा भी तलब किया है. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ को यह जानकारी दी गई कि ठेकेदार फोरलेन के निर्माण में देरी के लिए कोई न कोई बहाना बना रहे हैं. (kiratpur nerchowk fourlane) (Delay Construction Of Kiratpur Nerchowk Fourlane)
मामले की सुनवाई पहली नवंबर को निर्धारित की गई है. कोर्ट ने बिजली विभाग को भी आदेश दिए है कि वह आगामी सुनवाई तक वांछित ट्रांसफार्मर लगाए. कोर्ट को बताया गया कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी से स्वीकृति न मिलने पर ट्रांसफार्मर नहीं लगाया जा सका है. गौर रहे कि किरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर 5 सुरंगे, 22 बड़े पुल बनने हैं. यह मार्ग मनाली को जोड़ता है और इससे किरतपुर और मनाली के बीच चार घंटे का सफर कम हो जाएगा. (kiratpur nerchowk fourlane court order) (Himachal High Court)
इससे प्रदेश में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग के अनुसार दूसरे फेज का निर्माण कार्य दिसंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा. दूसरे फेज में कैंचीमोड़ से भवाणा तक 48 किलोमीटर निर्माण कार्य होना है. बता दें कि तय सीमा में फोरलेन निर्माण कार्य पूरा न करने के कारण हिमाचल हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है.
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