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Himachal GST collection: हिमाचल के जीएसटी संग्रह में 17 प्रतिशत की वृद्धि - Himachal State Tax and Excise department

हिमाचल प्रदेश में पिछले एक साल के दौरान जीएसटी संग्रह में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज (Himachal GST collection) की गई है. फरवरी, 2022 में हिमाचल प्रदेश में जीएसटी संग्रह 322.41 करोड़ रुपये रहा, जो फरवरी, 2021 में 276.74 करोड़ रुपये था. वर्तमान वित्त वर्ष में फरवरी, 2022 तक संचयी जीएसटी संग्रह 3826.76 करोड़ रुपये जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि के दौरान 2856.11 करोड़ रुपये था. यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है.

GST in Himachal
हिमाचल में जीएसटी
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Published : Mar 1, 2022, 9:18 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पिछले एक साल के दौरान जीएसटी संग्रह में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज (Himachal GST collection) की गई है. फरवरी, 2022 में हिमाचल प्रदेश में जीएसटी संग्रह 322.41 करोड़ रुपये रहा, जो फरवरी, 2021 में 276.74 करोड़ रुपये था. वर्तमान वित्त वर्ष में फरवरी, 2022 तक संचयी जीएसटी संग्रह 3826.76 करोड़ रुपये जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि के दौरान 2856.11 करोड़ रुपये था. यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है.

राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त यूनुस (Himachal State Tax and Excise department) ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी राजस्व में सकारात्मक वृद्धि पिछले कुछ महीनों में सुधार की दिशा में किए गए विभिन्न नीति और प्रशासनिक उपायों के कारण संभव हुई है. विभाग ने जीएसटीएन द्वारा विकसित विभिन्न आईटी उपकरणों की मदद से काफी संख्या में जीएसटी चोरी के मामलों का पता लगाया है. उन्होंने कहा कि आईटी उपकरण संदिग्ध करदाताओं पर नजर रखने के लिए रिटर्न, चालान और ई-वे बिल डेटा का उपयोग करते हैं.

उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में सिस्टम क्षमता में वृद्धि, रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि के बाद गैर-फाइलर्स को नकारना, फील्ड कर्मियों के प्रदर्शन की निगरानी, भौतिक सत्यापन एवं ई-बिलों को ब्लॉक करना जैसी कई पहल की गई हैं. ई-वे बिल और गैर-फाइलरों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट के पारित होने से पिछले कुछ महीनों में रिटर्न दाखिल करने में लगातार सुधार हुआ है.

यूनुस ने कहा कि विभाग ने जनवरी, 2022 के महीने में हितधारकों की समस्याओं के समयबद्ध निवारण के लिए टैक्स हाट कार्यक्रम शुरू किया और साथ ही उन्हें विभाग द्वारा प्रशासित जीएसटी और अन्य संबद्ध करों के तहत होने वाले नए बदलावों से अवगत करवाया. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, व्यापार और उद्योग के मुद्दों को प्राथमिकता और शीघ्रता से हल करने के उद्देश्य से व्यापारी सुविधा प्रकोष्ठ भी बनाया गया है. यह आशा की जाती है कि इन पहलों से आने वाले समय में जीएसटी राजस्व में और सकारात्मक वृद्धि होगी.

ये भी पढ़ें: राज्यसभा सांसद के चयन पर चौंका सकती है भाजपा हाईकमान, हिमाचल में संभव है सियासी फेरबदल

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पिछले एक साल के दौरान जीएसटी संग्रह में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज (Himachal GST collection) की गई है. फरवरी, 2022 में हिमाचल प्रदेश में जीएसटी संग्रह 322.41 करोड़ रुपये रहा, जो फरवरी, 2021 में 276.74 करोड़ रुपये था. वर्तमान वित्त वर्ष में फरवरी, 2022 तक संचयी जीएसटी संग्रह 3826.76 करोड़ रुपये जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि के दौरान 2856.11 करोड़ रुपये था. यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है.

राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त यूनुस (Himachal State Tax and Excise department) ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी राजस्व में सकारात्मक वृद्धि पिछले कुछ महीनों में सुधार की दिशा में किए गए विभिन्न नीति और प्रशासनिक उपायों के कारण संभव हुई है. विभाग ने जीएसटीएन द्वारा विकसित विभिन्न आईटी उपकरणों की मदद से काफी संख्या में जीएसटी चोरी के मामलों का पता लगाया है. उन्होंने कहा कि आईटी उपकरण संदिग्ध करदाताओं पर नजर रखने के लिए रिटर्न, चालान और ई-वे बिल डेटा का उपयोग करते हैं.

उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में सिस्टम क्षमता में वृद्धि, रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि के बाद गैर-फाइलर्स को नकारना, फील्ड कर्मियों के प्रदर्शन की निगरानी, भौतिक सत्यापन एवं ई-बिलों को ब्लॉक करना जैसी कई पहल की गई हैं. ई-वे बिल और गैर-फाइलरों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट के पारित होने से पिछले कुछ महीनों में रिटर्न दाखिल करने में लगातार सुधार हुआ है.

यूनुस ने कहा कि विभाग ने जनवरी, 2022 के महीने में हितधारकों की समस्याओं के समयबद्ध निवारण के लिए टैक्स हाट कार्यक्रम शुरू किया और साथ ही उन्हें विभाग द्वारा प्रशासित जीएसटी और अन्य संबद्ध करों के तहत होने वाले नए बदलावों से अवगत करवाया. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, व्यापार और उद्योग के मुद्दों को प्राथमिकता और शीघ्रता से हल करने के उद्देश्य से व्यापारी सुविधा प्रकोष्ठ भी बनाया गया है. यह आशा की जाती है कि इन पहलों से आने वाले समय में जीएसटी राजस्व में और सकारात्मक वृद्धि होगी.

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