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राज्यपाल ने सुना पीएम का संबोधन, किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का किया आह्वान

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश व प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा (natural and organic farming in himachal) दिया जा रहा है और इस दिशा में कई कारगर कदम उठाए जा रहें हैं. वहीं, वीरवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन शिमला में वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्राकृतिक खेती पर संबोधन सुना (himachal governor listened pm modi address) और प्रदेश के सभी किसानों से प्राकृतिक खेती को अपनाने का आह्वान (governor told farmers to adopt natural farming) किया.

Himachal Governor heard PM 's address
राज्यपाल ने सुना पीएम का संबोधन
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Published : Dec 16, 2021, 8:11 PM IST

शिमला: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन शिमला में वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन (himachal governor listened pm modi address) सुना. इस अवसर पर प्राकृतिक खेती को अपनाने वाले प्रदेश के प्रगतिशील किसानों को राजभवन में आमंत्रित (himachal governor in rajbhavan with farmer) किया गया था. इन किसानों ने भी राज्यपाल के साथ प्रधानमंत्री का संबोधन सुना. इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पूर्ण रूप से प्राकृतिक खेती वाला राज्य बनने की दिशा की ओर अग्रसर है.

इस दौरान राज्यपाल ने परामर्श दिया कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम प्राकृतिक खेती (governor told to adopt natural farming) को जन आंदोलन बनाएंगे और अमृत महोत्सव के अवसर पर हम हर पंचायत के कम से कम एक गांव को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लक्ष्य को पूरा करेंगे.

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कई बार हिमाचल प्रदेश का उल्लेख किया (PM mentions Himachal Pradesh) है, क्योंकि प्राकृतिक खेती की शुरुआत सबसे पहले हिमाचल से हुई थी, इसलिए प्राकृतिक खेती को अपनाने में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें दृढ़ प्रयास करने चाहिए. ताकि वर्ष 2022 तक हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक खेती अपनाने वाले राज्य के रूप में जाना जाए. राज्यपाल ने किसानों से भी बातचीत की और किसानों ने प्राकृतिक खेती के बारे में अपने अनुभव साझा किए.

इससे पूर्व राज्यपाल के सचिव प्रियतु मंडल ने किसानों को कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत करवाया. परियोजना निदेशक, सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती राकेश कंवर ने राज्यपाल का स्वागत किया और हिमाचल प्रदेश में कृषि पद्धति की वर्तमान स्थिति के बारे में अवगत करवाया और उन्हें इस दिशा में किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी भी दी.

प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय कॉन्क्लेव (National Conclave on Natural Farming) के दौरान प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश के प्रयासों की सराहना की और इस खेती विधि को जन आंदोलन बनाने के लिए किसानों को आगे आने के लिए कहा. प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती न सिर्फ किसानों की कृषि लागत को कम कर उनकी आय को बढ़ा रही है बल्कि यह खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण में भी अहम योगदान दे रही है.

उन्होंने देश के किसानों से अपने खेतों में इस खेती विधि को अपनाने के साथ हर एक पंचायत में एक गांव को प्राकृतिक खेती (natural and organic farming in himachal) गांव बनाने का भी आग्रह किया. इस कॉन्क्लेव के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृह मंत्री अमित शाह ने भी किसानों से प्राकृतिक खेती विधि को अपनाने का आह्वान किया.

ये भी पढ़ें: शिमला जिला परिषद की मासिक बैठक से नदारद रहे विभागीय अधिकारी, सदस्यों ने किया हंगामा

शिमला: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन शिमला में वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन (himachal governor listened pm modi address) सुना. इस अवसर पर प्राकृतिक खेती को अपनाने वाले प्रदेश के प्रगतिशील किसानों को राजभवन में आमंत्रित (himachal governor in rajbhavan with farmer) किया गया था. इन किसानों ने भी राज्यपाल के साथ प्रधानमंत्री का संबोधन सुना. इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पूर्ण रूप से प्राकृतिक खेती वाला राज्य बनने की दिशा की ओर अग्रसर है.

इस दौरान राज्यपाल ने परामर्श दिया कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम प्राकृतिक खेती (governor told to adopt natural farming) को जन आंदोलन बनाएंगे और अमृत महोत्सव के अवसर पर हम हर पंचायत के कम से कम एक गांव को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लक्ष्य को पूरा करेंगे.

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कई बार हिमाचल प्रदेश का उल्लेख किया (PM mentions Himachal Pradesh) है, क्योंकि प्राकृतिक खेती की शुरुआत सबसे पहले हिमाचल से हुई थी, इसलिए प्राकृतिक खेती को अपनाने में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें दृढ़ प्रयास करने चाहिए. ताकि वर्ष 2022 तक हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक खेती अपनाने वाले राज्य के रूप में जाना जाए. राज्यपाल ने किसानों से भी बातचीत की और किसानों ने प्राकृतिक खेती के बारे में अपने अनुभव साझा किए.

इससे पूर्व राज्यपाल के सचिव प्रियतु मंडल ने किसानों को कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत करवाया. परियोजना निदेशक, सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती राकेश कंवर ने राज्यपाल का स्वागत किया और हिमाचल प्रदेश में कृषि पद्धति की वर्तमान स्थिति के बारे में अवगत करवाया और उन्हें इस दिशा में किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी भी दी.

प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय कॉन्क्लेव (National Conclave on Natural Farming) के दौरान प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश के प्रयासों की सराहना की और इस खेती विधि को जन आंदोलन बनाने के लिए किसानों को आगे आने के लिए कहा. प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती न सिर्फ किसानों की कृषि लागत को कम कर उनकी आय को बढ़ा रही है बल्कि यह खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण में भी अहम योगदान दे रही है.

उन्होंने देश के किसानों से अपने खेतों में इस खेती विधि को अपनाने के साथ हर एक पंचायत में एक गांव को प्राकृतिक खेती (natural and organic farming in himachal) गांव बनाने का भी आग्रह किया. इस कॉन्क्लेव के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृह मंत्री अमित शाह ने भी किसानों से प्राकृतिक खेती विधि को अपनाने का आह्वान किया.

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