शिमलाः केरोना वारस के संक्रमण के कारण पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध श्रमशक्ति को मजबूत करने के लिए सेवानिवृत्ति के समय को बढ़ाने का फैसला लिया है. सरकार ने 30 जून, 2020 तक सेवानिवृत्त हो रहे चिकित्सा अधिकारियों, संकाय सदस्यों और पैरा-मेडिकल स्टाफ की सेवानिवृत्ति को स्थगित करने और इसे अगामी अवधि तक बढ़ाने करने का आदेश जारी किया है.
यह आदेश स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा अनुसंधान में काम करने वाले सभी श्रेणियों के चिकित्सा अधिकारी, संकाय सदस्य और पैरामेडिकल स्टाफ पर लागू होगा जो 31 मार्च, 30 अप्रैल और 31 मई, 2020 तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं.
मंगलवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, जो चिकित्सा अधिकारी और पैरामेडिकल कर्मचारी 31 दिसंबर, 2017 से 29 फरवरी, 2020 की अवधि में सेवानिवृत्त हुए हैं, उनको भी अंतिम पद पर 1 अप्रैल, 2020 से आगामी आदेशों तक पुनर्रोजगार दिया जाएगा.
इसके लिए उनकी लिखित सहमति, उपलब्धता और स्वस्थता को ध्यान में रखा जाएगा. वे जिला के संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी या मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्यों के कार्यालयों में अपनी ड्यूटी के बारे में रिपोर्ट करेंगे, जिन्हें आवश्यकता के आधार पर फिर रोजगार के आदेश जारी करने और अपने अधिकार क्षेत्र में स्वास्थ्य संस्थानों में तैनात करने के लिए अधिकृत किया गया है.
सेवा विस्तार या फिर रोजगार को इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा प्रसारित मानक अवधि और शर्तों द्वारा विनियमित किया जाएगा. सेवा विस्तार या फिर रोजगार देने के उद्धेश्य से जिले अथवा मेडिकल कॉलेजों में समतुल्य या अनुरूप पदों में उपलब्ध रिक्तियां वेतन और परिलब्धियों के आहरण के लिए उपयोग की जाएंगी.
प्रमोशनल पदों के विरुद्ध विस्तार या फिर रोजगार के मामले में, यदि कोई और पदोन्नति के लिए उपलब्ध नहीं है या इस उद्देश्य से मौजूदा या प्रत्याशित रिक्तियों के खिलाफ पैनल नहीं बना है, तो वर्तमान पद या पदों का उपयोग किया जाएगा. यदि विस्तार या फिर रोजगार प्रदान करने के लिए कोई उपयुक्त पद उपलब्ध नहीं है, तो इस उद्देश्य के लिए एक्स-कैडर पद या पदों का सृजन किया जाएगा.
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