शिमला: एनपीएस कर्मियों के विधानसभा घेराव से पहले सरकार ने 3 मार्च को कर्मचारियों के अवकाश (Government banned employees from taking leave) पर रोक लगा दी है. इसे लेकर कई विभागों ने बाकायदा आदेश भी जारी कर दिए हैं. सभी विभागाध्यक्षों को सरकार ने कर्मचारियों के 3 मार्च के अवकाश पर रोक को लेकर लिखित में आदेश जारी किए हैं. सरकार ने यह आदेश सिविल सर्विस रूल्स 3 और 7 का हवाला देते हुए जारी किए हैं.
आदेशों के अनुसार कर्मचारी प्रदर्शन, घेराव, हड़ताल, बायकॉट, पेन डाउन स्ट्राइक और सामूहिक अवकाश लेने और इस तरह की अन्य गतिविधियों में शामिल सरकारी कर्मचारियों का वेतन काटा जाएगा. वहीं, ऐसे कर्मचारियों पर आपराधिक मामला भी दर्ज हो सकता है. यही नहीं संबंधित विभाग द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी. कार्मिक विभाग ने आदेशा में साफ कहा है कि ऐसी गतिविधियों के लिए अगर कर्मचारी विभाग को नोटिस भी देते हैं, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.
आदेशों में स्पष्ट कहा गया है कि अभी विधानसभा का बजट सत्र (Himachal vidhan sabha Budget session) जारी है, लिहाजा कर्मचारियों को छुट्टियां देने पर रोक लगाई गई है. शिक्षा विभाग के उप निदेशक के आदेशों के मुताबिक प्रधानाचार्यों को कर्मचारियों को अवकाश न देने को कहा गया है. किसी भी कर्मचारी को आपात स्थिति में उप निदेशक से ही अवकाश लेना होगा. इन आदेशों में मुख्य सचिव के बीते दिनों कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन पर रोक के पत्र का हवाला दिया गया है.
एनपीएस कर्मियों (NPS employees demands in Himachal) के विधानसभा घेराव से पहले जारी इन आदेशों के बाद सरकार और कर्मचारियों में टकराव बढ़ने का अंदेशा जताया जा रहा है. साथ ही विपक्ष वीरवार को इस मुद्दे को विधान सभा में भी उठा सकता है. कर्मचारियों के अवकाश पर रोक के आदेशों को कर्मचारियों और विपक्ष के पास बेवजह मुद्दा देने के समान माना जा रहा है. एनपीएस कर्मी उन्हें ओपीएस के स्थान पर वरिष्ठता का लाभ देने की मांग भी सरकार से करने लगे हैं. इन कर्मियों का कहना है कि ओपीएस लागू होने के बावजूद उनकी नियमित सर्विस कम होगी. लिहाजा सरकार को वरिष्ठता का लाभ देना चाहिए.
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