शिमला: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर (Kuldeep rathore on Poisonous Liquor case) ने प्रदेश में अवैध शराब कांड की न्यायिक जांच की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि अभी तक कि जांच से जिस तरह सामने आया है कि यह अंतरराज्यीय स्तर तक जाल फैला है. ऐसे में इसकी निष्पक्ष जांच तभी संभव होगी, जब इसकी न्यायिक जांच करवाई जाए. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्षों से अवैध शराब की फैक्ट्री चालू थी और पुलिस एवं आबकारी विभाग इसको लेकर क्यों चुप थे.
उन्होंने कहा कि 7 लोगों की मृत्यु के बाद पुलिस हरकत में आई और इस अवैध शराब के धंधे (Poisonous Liquor case in Mandi) का पर्दाफाश करने की बात कर रही है. लेकिन, चार वर्षों से पुलिस इसका पता क्यों नहीं लगा सकी. यह संभव नहीं है कि पुलिस और आबकारी विभाग को इसकी जानकारी न हो. यह सरकार की नाकामी है. कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पिछले चार वर्षों से सरकार को कहती आ रही है कि माफिया पूर्ण रूप से सरकार पर हावी है.
उन्होंने कहा कि शराब माफिया, खनन माफिया, नशा माफिया और वन माफिया के खिलाफ सरकार कोई भी ठोस कदम नहीं उठा पाई है. पिछले चार सालों से शराब नीति पर सरकार का ढुलमुल रवैया यह दर्शाता है कि सरकार की शराब माफिया (Illegal liquor trade in Himachal) के साथ सांठगांठ है. राठौर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में असामाजिक तत्वों के लिए कोई जगह नहीं है. अगर कोई भी पार्टी पदाधिकारी किसी भी तरह के असामाजिक कार्यों में संलिप्त पाया जाता है, तो उसे तुरंत प्रभाव से पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा और ऐसे असामाजिक तत्वों की सहायता या पैरवी करने वाले भी बख्शे नहीं जाएंगे.
कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि शराब कांड में सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है. प्रदेश को शराब और नशा माफिया ने अपनी गिरफ्त में ले रखा है. उन्होंने कहा कि इस कांड पर जिस तरह से सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है, वह उचित नहीं है. सभी विभाग बराबर के दोषी हैं. राठौर ने कहा कि क्योंकि माफियाओं ने अपनी जड़ें गांव तक फैला रखी हैं और इसमें कई बड़ी मछलियां संलिप्त होने की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि सरकार इसकी न्यायिक जांच करवाए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.
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