शिमला: कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर (Kuldeep Rathore on orchardist) ने भाजपा सरकार पर प्रदेश के बागवानों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार बागवानों के हितों को पूरी तरह नजरअंदाज कर रही है. उन्होंने कहा कि विदेशों से आयात होने वाले सेब की वजह से प्रदेश में पांच हजार करोड़ की सेब आर्थिकी पर विपरीत (Himachal apple economy) असर पड़ रहा है. सरकार सेब पर से आयात शुल्क बढ़ाने के अपने वायदे से पीछे हट रही है.
कुलदीप राठौर ने केंद्रीय बजट में सेब पर आयात शुल्क (Import duty on apples) बढ़ाने का प्रस्ताव न लाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश के बागवानों की परेशानियों को देखते हुए विदेशों से आयात होने वाले सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का भरोसा दिया था. लेकिन, इस बार भी केंद्रीय बजट में उसे पूरी तरह दरकिनार किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पैदा होने वाले उच्च गुणवत्ता वाले सेब को उसका उचित भाव न मिलने के कारण बागवानों को पहले ही भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. ऊपर से विदेशों से भारी मात्रा में आने वाला सेब बाजार में इसके भाव को प्रभावित कर रहे हैं.
पीसीसी चीफ ने प्रदेश की भाजपा सरकार से बागवानों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार के समक्ष बागवानों की परेशानियों की प्रभावी ढंग से पैरवी करने का आग्रह किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बागवानों से किए वायदे को याद दिलाने व विदेशों से आने वाले सेब पर शत प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सेब बागवानी का एक बहुत बड़ा क्षेत्र है और हजारों की संख्या में लोग इस कारोबार से जुड़े हैं.
राठौर ने एचपीएमसी और हिमफेड में सेब बागवानों के बकाया भुगतान को भी जल्द जारी करने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि उर्वरकों पर भी सब्सिडी बहाल की जानी चाहिए. वहीं, बागवानी और कृषि उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी देने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में बागवानी और कृषि को बढ़वा देने के लिए कोई प्रोत्साहन योजना शुरू की जानी चाहिए, जिससे प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी से कुछ राहत मिल सके.
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