शिमला: आज विजय दिवस है, आज ही के दिन 50 साल पहले भारतीय सेना ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी और इतिहास के इस सबसे छोटे युद्ध में पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था. विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ पर (Swarnim Vijay Diwas program hp) हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने (cm jairam thakur on vijay diwas) सैनिकों के शौर्य को याद किया.
सीएम जयराम ठाकुर ने (cm jairam thakur on vijay diwas) ट्वीट किया, ''भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम के प्रतीक 'विजय दिवस' पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. 16 दिसंबर, 1971 में भारतीय सेना की वीरता के आगे पाकिस्तान की सेना ने आत्मसमर्पण किया और बांग्लादेश को आजादी मिली थी. इस ऐतिहासिक विजय के नायक भारतीय सेना के वीर जवानों को नमन''
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भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम के प्रतीक "विजय दिवस" पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) December 16, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
16 दिसम्बर, 1971 में भारतीय सेना की वीरता के आगे पाकिस्तान की सेना ने आत्मसमर्पण किया और बांग्लादेश को आजादी मिली थी।
इस ऐतिहासिक विजय के नायक भारतीय सेना के वीर जवानों को नमन।
#VijayDiwas pic.twitter.com/0guPRGipZw
">भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम के प्रतीक "विजय दिवस" पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) December 16, 2021
16 दिसम्बर, 1971 में भारतीय सेना की वीरता के आगे पाकिस्तान की सेना ने आत्मसमर्पण किया और बांग्लादेश को आजादी मिली थी।
इस ऐतिहासिक विजय के नायक भारतीय सेना के वीर जवानों को नमन।
#VijayDiwas pic.twitter.com/0guPRGipZwभारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम के प्रतीक "विजय दिवस" पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) December 16, 2021
16 दिसम्बर, 1971 में भारतीय सेना की वीरता के आगे पाकिस्तान की सेना ने आत्मसमर्पण किया और बांग्लादेश को आजादी मिली थी।
इस ऐतिहासिक विजय के नायक भारतीय सेना के वीर जवानों को नमन।
#VijayDiwas pic.twitter.com/0guPRGipZw
आपको बता दें कि आज के दिन ही 16 दिसंबर साल 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान भारत ने पाकिस्तान पर विजय हासिल की थी और उसी जीत को पूरा हिंदुस्तान 'विजय दिवस' के रूप में मनाता है. भारत-पाक युद्ध के समय जनरल सैम मानेकशॉ भारतीय सेना के प्रमुख थे. इस जंग के बाद बांग्लादेश के रूप में विश्व मानचित्र पर नये देश का उदय हुआ. इस जंग में तकरीबन 3,900 भारतीय जवान शहीद हुए और 9,851 जवान घायल हुए थे.
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