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अटल टनल रोहतांग के आसपास फैली गंदगी पर हाईकोर्ट सख्त, मुख्य सचिव सहित कई अफसरों को नोटिस - अटल टनल रोहतांग

अटल टनल रोहतांग (Atal Tunnel Rohtang) आसपास सैलानियों द्वारा गंदगी फैलाए जाने से जुड़ी खबर पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने संज्ञान लिया है. इस मामले में मुख्य न्यायाधीश अमजद एहतेशाम सईद (Chief Justice Amjad Ehtesham Saeed) और न्यायाधीश ज्योत्सान रिवाल दुआ की खंडपीठ ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव सहित कई अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

High Court notice to Chief Secretary and officers
अटल टनल रोहतांग के आसपास फैली गंदगी पर हाईकोर्ट सख्त
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Published : Jul 20, 2022, 7:47 PM IST

शिमला: सामरिक महत्व वाली अटल टनल रोहतांग के आसपास फैली गंदगी (Garbage spread around Atal Tunnel Rohtang) को लेकर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने सख्ती दिखाई है. दुनिया में सबसे ऊंचाई वाली टनल के आसपास सैलानियों द्वारा गंदगी फैलाए जाने से जुड़ी खबर पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. अदालत ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव सहित कई अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने जिन अन्य अफसरों व संस्थाओं को नोटिस जारी किया है उनमें पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव, लाहौल-स्पीति व कुल्लू जिला के डीसी, दीपक प्रोजेक्ट के अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व नगर परिषद मनाली शामिल हैं.

मुख्य न्यायाधीश अमजद एहतेशाम सईद (Chief Justice Amjad Ehtesham Saeed) और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने ये नोटिस जारी किया है. मामले की सुनवाई अब 17 अगस्त को होगी. हाईकोर्ट के संज्ञान में आया था कि अटल टनल में आसपास कचरा फैला है. रोहतांग में इस टनल के बनने के बाद यहां बड़ी संख्या में पर्यटक लाहौल घाटी व अटल टनल को देखने के लिए आ रहे हैं. अटल टनल के आसपास सैलानी भारी कचरा फैला रहे हैं. वहां गंदगी के ढेर लग गए हैं. हाईकोर्ट ने पीड़ा जताई कि गंदगी के ढेर से वहां का स्वच्छ पर्यावरण दूषित हो रहा है. अटल टनल के आसपास न तो पर्याप्त संख्या में कूड़ेदान है और न ही पुरुषों व महिलाओं के लिए समुचित शौचालय बनाए गए हैं.

न्यायाधीश अमजद सईद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए प्रतिवादियों को शपथ पत्र दाखिल कर अटल टनल के आसपास फैली गंदगी को हटाने के लिए उठाए जाने वाले एक्शन प्लान की जानकारी अदालत के समक्ष रखने के आदेश दिए. कोर्ट ने गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना लगाने वाले नियम व पिछले एक वर्ष में वसूल किए गए जुर्माने की रकम की जानकारी भी मांगी है.

अटल टनल रोहतांग (Atal Tunnel Rohtang) के आसपास गंदगी को रोकने के लिए बनाए गए अथवा बनाए जाने वाले प्रावधानों की जानकारी भी मांगी गई है. अदालत ने पूछा है कि प्रशासन व संबंधित एजेंसियों ने चेतावनी बोर्ड, डस्टबिन, पुरुषों व महिलाओं के लिए शौचालय और क्षेत्र को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए उठाए जाने वाले कौन-कौन से उपाय किए हैं. उल्लेखनीय है कि अटल टनल हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला के उत्तरी क्षेत्र में रोहतांग दर्रे के नीचे बनाई गई है. इसे बनाने में 3200 करोड़ रुपए की लागत आई है. इसका लोकार्पण दो साल पहले अक्टूबर महीने में किया गया था. फिलहाल मामले की सुनवाई 17 अगस्त को तय की गई है.

ये भी पढ़ें: 250 करोड़ के स्कॉलरशिप घोटाले में CBI को फटकार, हाईकोर्ट ने कहा: जांच पूरी करने की समय सीमा बताए एजेंसी

शिमला: सामरिक महत्व वाली अटल टनल रोहतांग के आसपास फैली गंदगी (Garbage spread around Atal Tunnel Rohtang) को लेकर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने सख्ती दिखाई है. दुनिया में सबसे ऊंचाई वाली टनल के आसपास सैलानियों द्वारा गंदगी फैलाए जाने से जुड़ी खबर पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. अदालत ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव सहित कई अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने जिन अन्य अफसरों व संस्थाओं को नोटिस जारी किया है उनमें पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव, लाहौल-स्पीति व कुल्लू जिला के डीसी, दीपक प्रोजेक्ट के अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व नगर परिषद मनाली शामिल हैं.

मुख्य न्यायाधीश अमजद एहतेशाम सईद (Chief Justice Amjad Ehtesham Saeed) और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने ये नोटिस जारी किया है. मामले की सुनवाई अब 17 अगस्त को होगी. हाईकोर्ट के संज्ञान में आया था कि अटल टनल में आसपास कचरा फैला है. रोहतांग में इस टनल के बनने के बाद यहां बड़ी संख्या में पर्यटक लाहौल घाटी व अटल टनल को देखने के लिए आ रहे हैं. अटल टनल के आसपास सैलानी भारी कचरा फैला रहे हैं. वहां गंदगी के ढेर लग गए हैं. हाईकोर्ट ने पीड़ा जताई कि गंदगी के ढेर से वहां का स्वच्छ पर्यावरण दूषित हो रहा है. अटल टनल के आसपास न तो पर्याप्त संख्या में कूड़ेदान है और न ही पुरुषों व महिलाओं के लिए समुचित शौचालय बनाए गए हैं.

न्यायाधीश अमजद सईद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए प्रतिवादियों को शपथ पत्र दाखिल कर अटल टनल के आसपास फैली गंदगी को हटाने के लिए उठाए जाने वाले एक्शन प्लान की जानकारी अदालत के समक्ष रखने के आदेश दिए. कोर्ट ने गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना लगाने वाले नियम व पिछले एक वर्ष में वसूल किए गए जुर्माने की रकम की जानकारी भी मांगी है.

अटल टनल रोहतांग (Atal Tunnel Rohtang) के आसपास गंदगी को रोकने के लिए बनाए गए अथवा बनाए जाने वाले प्रावधानों की जानकारी भी मांगी गई है. अदालत ने पूछा है कि प्रशासन व संबंधित एजेंसियों ने चेतावनी बोर्ड, डस्टबिन, पुरुषों व महिलाओं के लिए शौचालय और क्षेत्र को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए उठाए जाने वाले कौन-कौन से उपाय किए हैं. उल्लेखनीय है कि अटल टनल हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला के उत्तरी क्षेत्र में रोहतांग दर्रे के नीचे बनाई गई है. इसे बनाने में 3200 करोड़ रुपए की लागत आई है. इसका लोकार्पण दो साल पहले अक्टूबर महीने में किया गया था. फिलहाल मामले की सुनवाई 17 अगस्त को तय की गई है.

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