शिमला: हाईकोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करने पर प्रार्थियों की याचिका को 1 लाख 20 हजार कॉस्ट सहित खारिज कर दिया((Petition filed dismissed)). न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान(Judge Tarlok Singh Chauhan) व न्यायाधीश सत्येन वैद्य(Judge Satyen Vaidya) की खंडपीठ ने अजय कुमार पांटा(Ajay Kumar Panta) व अन्य दो प्रार्थीयो द्वारा दायर याचिका को गुणवत्ताहीन पाते हुए उपरोक्त आदेश पारित किए. याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थियों एवं निजी प्रतिवादियों को शिक्षा विभाग ने वर्ष 1997 में शारीरिक शिक्षा अध्यापकों के पद पर नियुक्त किया था.
याचिकाकर्ताओं ने शिक्षा विभाग(education Department) द्वारा वर्ष 2018 में जारी वरिष्ठता सूची को हाईकोर्ट में यह कहकर चुनौती(challenge seniority list) दी थी कि विभाग ने सूची में निजी प्रतिवादियों को उनसे ऊपर दर्शाया, जबकि वे उनसे जूनियर है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति नियमों के विपरीत हुई थी और उन्हें नियमों के तहत लगे निजी प्रतिवादियों की वरिष्ठता को चुनौती देने का कोई अधिकार नहीं है. कोर्ट ने याचिका में दिए तथ्यों से पाया कि प्रार्थीयो ने बेवज़ह प्रतिवादियों को तंग करने के उद्देश्य से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया. कोर्ट ने प्रार्थीयो को कास्ट राशि 90 दिनो के भीतर 12 निजी प्रतिवादियों को 10 हज़ार के हिसाब से भुगतान करने के आदेश जारी किए. मामले को आदेशों की अनुपालना के लिए 23 फरवरी 2022 को रखा गया है.
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