शिमला: प्रदेश उच्च न्यायालय ने त्यागपत्र से जुड़े मामले में यह स्पष्ट किया कि त्याग पत्र वापस लेने की अनुमति केवल त्याग पत्र (Himachal High Court on resignation) स्वीकार करने से पूर्व ही ली जा सकती है. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा कि अगर प्रार्थी त्यागपत्र को वापस लेना ही था तो उसे तुरंत व्यक्तिगत तौर पर प्रतिवादी से मिलकर अपने त्यागपत्र को वापस लेने की प्रार्थना करनी चाहिए थी.
प्रार्थी 18 मई 2017 को आंगनबाड़ी वर्कर ट्रेनिंग सेंटर वुमन हॉस्टल मंडी में चौकीदार के पद पर नियुक्त हुआ था. इसके पश्चात उसने 3 अगस्त 2017 को सेवा से त्यागपत्र दे दिया था. जिसे हिमाचल प्रदेश राज्य बाल कल्याण परिषद (Himachal State Council for Child Welfare) ने 9 अगस्त 2017 को स्वीकार कर लिया था. हालांकि प्रार्थी ने 7 अगस्त 2017 को अपना त्यागपत्र वापस लेने के लिए आवेदन भेजा था, लेकिन प्रतिवादी कार्यालय में 10 अगस्त 2017 को पहुंचा. न्यायालय ने उपरोक्त तथ्यों के दृष्टिगत प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया.
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