शिमला: कैंसर के लिए पेट स्कैन टेस्ट (Positron Emission Tomography) की सुविधा अभी तक हिमाचल में संभव नहीं है. हिमाचल में एकमात्र पेट स्कैन मशीन आईजीएमसी में (pet scan machine in igmc) लगाने का प्रयास किया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल (health minister dr rajiv saizal) ने विधानसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि आईजीएमसी में मशीन लगाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए धनराशि भी स्वीकृत की जा चुकी है, लेकिन अभी तक फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिल पाई है. इस वजह से भवन निर्माण का कार्य अटका है. जैसे ही फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिल जाएगी, तुरंत भवन निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस टेस्ट के लिए मरीजों को प्रदेश से बाहर जाना पड़ता है और अगर आर्थिक रूप से कमजोर कोई व्यक्ति प्रदेश सरकार से मांग करता है तो मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना ( Mukhyamantri Swasthya Sahayata Yojana) के तहत उसे आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है. प्रश्नकाल के दौरान विधायक रामलाल ठाकुर (MLA Ramlal Thakur) ने पूछा कि एक्स-रे वाले मरीजों से दोगुना दाम वसूल कर रहे हैं. इसके अलावा प्रदेश के 12 अस्पतालों सीटी स्कैन और 72 अस्पतालों में अल्ट्रा साउंड की सुविधा उपलब्ध है. इनमें कितने मरीजों को सुविधा दी गई. इसके अलावा पेट स्कैन टेस्ट (Positron Emission Tomography) के लिए क्या सुविधा उपलब्ध है.
इसपर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 118 स्वास्थ्य केंद्रों (health centers) पर पीपीपी मोड पर एक्स-रे सुविधा (X-ray facility) दी जा रही है. 3 मार्च 2021 से यह सुविधा निःशुक्ल है. उन्होंने कहा कि पुराने हो जाने के कारण कई स्थानों पर मशीनें खराब हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने माना कि प्राइवेट में अधिक दाम वसूले जा रहे हैं. इसे रोकने के लिए जिन अस्पतालों में मशीनें खराब हैं उन्हें ठीक किया जाएगा. पेट स्कैन मशीन हिमाचल में नहीं है, इनको देखते हुए बजट में प्रावधान किया गया है कि आईजीएमसी में फॉरेस्ट क्लियरेंस के बाद यह मशीन लगा दी जाएगी.
इसपर रामलाल ठाकुर ने पूछा कि जब तक हिमाचल में पेट स्कैन नहीं है तब तक मरीजों को बाहरी राज्यों में लूटपाट से बचने के लिए क्या कर रहे हैं. इसपर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के तहत ऐसे रोगियों की सहायता की जाती हैं, जिनके पास महंगे टेस्ट करवाने के पैसे नहीं है. इसके बारे में अभी कोई निश्चित योजना नहीं है लेकिन इसपर विचार किया जा सकता है. इसपर किन्नौर से विधायक जगत सिंह नेगी (MLA Jagat Singh Negi) ने कहा कि कई सालों से इस मशीन को लगाने की बात की जा रही है. अभी तक यह मशीन क्यों नहीं लगाई गई. इसपर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा जैसे कि क्लियरेंस मिलेगी वैसे ही मशीन लगा दी जाएगी.
ये भी पढ़ें: देश में 'सिरमौर' होगा हिमाचल का आलू, यहां विकसित हो चुकी है आलू की कैंसर रोधी किस्म
ये भी पढ़ें: कोरोना के बीच पर्यटन कारोबार को पटरी पर लाना बड़ी चुनौती, सरकार का सपना कैसे होगा साकार?