ग्वालियर/शिमला: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने कथित रूप से धर्म परिवर्तन करके धार्मिक संस्थानों से मैरिज सर्टिफिकेट हासिल करने को लेकर बड़ा फैसला दिया है. हाईकोर्ट (High Court Decision on Hindu Muslim Marriage) ने कहा है कि किसी भी धार्मिक संस्था को युवक अथवा युवती का धर्म परिवर्तन कराने का अधिकार नहीं है. यह विधिवत रूप से कलेक्टर के यहां आवेदन देने के बाद ही हो सकता है. लिहाजा कोर्ट ने आर्य मंदिर में शादी करने वाले राहुल और हिना की शादी को शून्य घोषित कर दिया है. (Hindu Muslim Marriage) (Gwalior High Court News) (High Court declared marriage of conversion void)
हिन्दू मुस्लिम शादी पर हाईकोर्ट का फैसला: धर्म परिवर्तन करके मुस्लिम से हिंदू बनी युवती (Hindu Muslim Marriage in himachal) के मामले में कोर्ट ने कहा है कि नारी निकेतन में रह रही इस लड़की को एक सप्ताह के अंदर वहां से आजाद किया जाए. चूंकि लड़की बालिग है, इसलिए वह कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र है. अगर लड़की अपने माता-पिता के साथ जाने के लिए तैयार नहीं होती है तो वह अपने प्रेमी के साथ भी जा सकती है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राहुल और हिना खान के धर्म परिवर्तन करने के बाद की गई शादी को शून्य घोषित कर दिया है. फिलहाल यह आदेश धर्म परिवर्तन कराके की गई शादी पर लागू होगा.
धार्मिक संस्था नहीं करा सकती धर्म परिवर्तन: दरअसल ग्वालियर के रहने वाले राहुल यादव और हिना खान (High Court Decision on Hindu Muslim Marriage) ने गाजियाबाद के एक आर्य समाज मंदिर से धर्म पर परिवर्तन करके शादी का सर्टिफिकेट हासिल किया था. इस बीच राहुल के खिलाफ लड़की के घरवालों ने मामला दर्ज करा दिया. राहुल और हिना को पुलिस ने बरामद कर लिया है, लेकिन हिना अपने माता-पिता के साथ जाने के लिए तैयार नहीं हुई. तब उसे नारी निकेतन भेज दिया गया. ग्वालियर हाईकोर्ट ने कहा है कि कोई भी धार्मिक संस्था किसी का धर्म परिवर्तन नहीं करा सकती. इसके लिए धर्म परिवर्तन की चाह (High Court Decision on Arya Samaj Marriage) रखने वाले लोगों को जिला कलेक्टर के सामने अपना विधिवत आवेदन पेश करना होगा. इसमें दावे आपत्तियों को सुनने के बाद ही धर्म परिवर्तन की अनुमति कलेक्टर द्वारा प्रदान की जाएगी.
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