शिमला: राजधानी शिमला में शनिवार को तीन कोरोना मामले सामने आए हैं जिनमें से एक कोरोना संक्रमित शिमला के स्केंडल पॉइंट स्थित जीपीओ जनरल पोस्ट ऑफिस की कर्मचारी है. कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद जनरल पोस्ट ऑफिस में प्रशासन की ओर से पोस्ट ऑफिस को सील नहीं किया गया है.
विभाग ने कोरोना पॉजिटिव आई महिला कर्मचारी के संपर्क में आए कर्मचारियों और लोगों को ही क्वारंटाइन किया है लेकिन पोस्ट ऑफिस को बंद न करने के विरोध में डाक कर्मियों ने धरना प्रदर्शन किया. गुस्साए डाक कर्मचारियों ने पोस्ट ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया और पोस्ट ऑफिस को बंद करने की मांग की है.
कर्मचारियों का कहना है कि महिला कर्मी के पॉजिटिव आने के बाद पोस्ट ऑफिस को सील किया जाना चाहिए था लेकिन पोस्टल प्रशासन की ओर से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने कहा कि महिला कर्मी के संपर्क में आए कर्मचारियों के कोविड टेस्ट नहीं किए गए है. केवल पोस्ट ऑफिस को सेनिटाइज किया गया है जबकि पोस्ट ऑफिस को सील कर एहतियात के तौर पर कर्मचारियों के टेस्ट भी किए जाने चाहिए थे.
जीपीओ शिमला कर्मचारी संघ के डिवीजनल सेकेट्री पुरषोत्तम धीमान ने कहा कि पोस्ट ऑफिस में कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर से जीपीओ के पूरे भवन को सेनिटाइज किया गया है. प्रशासन ने कोरोना संक्रमित कर्मचारी के संपर्क में आए लोगों और कर्मचारियों के नामों की सूची भी जारी की है.
पुरषोत्तम धीमान ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव कर्मचारी के संपर्क में आए थे. ऐसे में जो 10 के करीब कर्मचारी जो उनके डायरेक्ट कॉन्टेक्ट में आए हैं, उन्हें होम क्वारंटाइन करने के साथ ही उनके टेस्ट लिए जाए और जब तक टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आती तब तक जीपीओ को बंद किया जाए.
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