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जमीन से जुड़ी सोच को आगे लेकर चलने की आवश्यकता: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर

अखिल भारतीय किसान संघ (All India Farmers Association Shimla) के सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि किसानों को अपनी उपज की लागत कम करने के उपाय करने चाहिए. उन्होंने कहा कि आज जमीन की उर्वरा शक्ति भी कम हो रही है और किसानों को गौ आधारित कृषि पद्धति को अपनाने की ओर अधिक ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र आज पूंजी की कमी से जूझ रहा है और किसानों से संबंधित मुद्दों में पारदर्शिता होनी चाहिए, क्योंकि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में ही किसानों को लाभ होगा. बाजार व्यवस्था जितनी विकेंद्रीकृत होगी, किसानों को उतना ही लाभ होगा.

Governor Rajendra Vishwanath Arlekar
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
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Published : Dec 6, 2021, 9:54 PM IST

शिमला: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि मैकाले की पद्धति का आज हर क्षेत्र में प्रादुर्भाव हुआ है, जिससे प्रत्येक क्षेत्र में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि हमें इससे बाहर आने तथा जमीन से जुड़ी सोच को आगे लेकर चलने की आवश्यकता है.

अखिल भारतीय किसान संघ (All India Farmers Association Shimla) के सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि किसानों को अपनी उपज की लागत कम करने के उपाय करने चाहिए. उन्होंने कहा कि आज जमीन की उर्वरा शक्ति भी कम हो रही है और किसानों को गौ आधारित कृषि पद्धति को अपनाने की ओर अधिक ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसान की भूमिका आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है और उन्हें कम करके नहीं आंका जा सकता है. उन्होंने हिमाचल प्रदेश भारतीय किसान संघ (Himachal Pradesh Indian Farmers Association) का गौ आधारित कृषि के लिए सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया.

भारतीय किसान संघ सार्थक विषयों और प्रेरणा के साथ आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज हम कृषि क्षेत्र में भी पश्चिमी पद्धति को अपनाने के लिए उत्सुक रहते हैं और अपनी पारम्परिक पद्धति को भूल रहे हैं. इस अवसर पर अखिल भारतीय किसान संघ के संगठन महामंत्री दिनेश कुलकर्णी ने कहा कि पिछले 42 वर्षों से संघ किसानों के बीच प्रेरणा व विश्वास जगाने का कार्य कर रहा है और उन्हें सम्मान देने के लिए प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र आज पूंजी की कमी से जूझ रहा है और किसानों से संबंधित मुद्दों में पारदर्शिता होनी चाहिए, क्योंकि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में ही किसानों को लाभ होगा. बाजार व्यवस्था जितनी विकेंद्रीकृत होगी, किसानों को उतना ही लाभ होगा.

हिमाचल प्रदेश भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष डॉ. सोमदेव ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि किसानों को सक्षम बनाना होगा, ताकि उनका आत्मविश्वास बना रहे. उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक से उद्यमी बनें और विपणन अपने हाथ में लें, इसके लिए उन्हें जागरूक और जागृत करने की जरूरत है और भारतीय किसान संघ इस दिशा में कार्य कर रहा है. बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. परमिंदर कौशल तथा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एससी चैधरी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

ये भी पढ़ें- दिसंबर में हिमाचल में बर्फबारी, 4 हजार करोड़ के लाल रसीले सेब को 1600 चिलिंग आवर्स मिलने की उम्मीद

शिमला: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि मैकाले की पद्धति का आज हर क्षेत्र में प्रादुर्भाव हुआ है, जिससे प्रत्येक क्षेत्र में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि हमें इससे बाहर आने तथा जमीन से जुड़ी सोच को आगे लेकर चलने की आवश्यकता है.

अखिल भारतीय किसान संघ (All India Farmers Association Shimla) के सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि किसानों को अपनी उपज की लागत कम करने के उपाय करने चाहिए. उन्होंने कहा कि आज जमीन की उर्वरा शक्ति भी कम हो रही है और किसानों को गौ आधारित कृषि पद्धति को अपनाने की ओर अधिक ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसान की भूमिका आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है और उन्हें कम करके नहीं आंका जा सकता है. उन्होंने हिमाचल प्रदेश भारतीय किसान संघ (Himachal Pradesh Indian Farmers Association) का गौ आधारित कृषि के लिए सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया.

भारतीय किसान संघ सार्थक विषयों और प्रेरणा के साथ आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज हम कृषि क्षेत्र में भी पश्चिमी पद्धति को अपनाने के लिए उत्सुक रहते हैं और अपनी पारम्परिक पद्धति को भूल रहे हैं. इस अवसर पर अखिल भारतीय किसान संघ के संगठन महामंत्री दिनेश कुलकर्णी ने कहा कि पिछले 42 वर्षों से संघ किसानों के बीच प्रेरणा व विश्वास जगाने का कार्य कर रहा है और उन्हें सम्मान देने के लिए प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र आज पूंजी की कमी से जूझ रहा है और किसानों से संबंधित मुद्दों में पारदर्शिता होनी चाहिए, क्योंकि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में ही किसानों को लाभ होगा. बाजार व्यवस्था जितनी विकेंद्रीकृत होगी, किसानों को उतना ही लाभ होगा.

हिमाचल प्रदेश भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष डॉ. सोमदेव ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि किसानों को सक्षम बनाना होगा, ताकि उनका आत्मविश्वास बना रहे. उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक से उद्यमी बनें और विपणन अपने हाथ में लें, इसके लिए उन्हें जागरूक और जागृत करने की जरूरत है और भारतीय किसान संघ इस दिशा में कार्य कर रहा है. बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. परमिंदर कौशल तथा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एससी चैधरी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

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