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शिक्षकों को सोशल मीडिया पर न्यूज चैनल जैसे मंच चलाने पर चेतावनी, शिक्षा निदेशक ने दिए ये आदेश

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूल के शिक्षकों (Government teachers in Himachal ) को सोशल मीडिया पर न्यूज चैनल जैसे मंच चलाना भारी पड़ सकता है. इस संदर्भ में उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा (Higher Education Director Amarjeet Sharma) ने सभी जिलों के डिप्टी डायरेक्टर्स एजुकेशन को निर्देश जारी किए हैं. निर्देश के अनुसार जो शिक्षक सोशल मीडिया मंचों पर सरकारी नीतियों को लेकर आलोचनात्मक रुख अपनाता तो उसे कंडक्ट रूल का उल्लंघन माना जाएगा.

Himachal Higher Education Department
हिमाचल उच्च शिक्षा विभाग
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Published : Sep 20, 2022, 10:58 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिक्षकों (Teachers in Himachal Pradesh government schools) को सोशल मीडिया पर मुखर होने की सजा मिल सकती है. उच्च शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को सोशल मीडिया पर न्यूज चैनल सरीखे मंच चलाने को लेकर चेतावनी जारी की गई है. इस संदर्भ में उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा (Higher Education Director Amarjeet Sharma) ने सभी जिलों के डिप्टी डायरेक्टर्स एजुकेशन को निर्देश जारी किए हैं.

निर्देश में कहा गया है कि जो शिक्षक सोशल मीडिया मंचों पर सरकार की नीतियों (Government teachers in Himachal) आदि को लेकर आलोचनात्मक रुख अपनाते हैं, वो कंडक्ट रूल का उल्लंघन माना जाएगा. इसे सिविल सर्विस कंडक्ट रूल के उल्लंघन के तौर पर माना जाएगा. ऐसे में सभी को सोशल मीडिया पर न्यूज चैनल सरीखा मंच चलाने को लेकर चेतावनी जारी की गई है. ऐसे शिक्षकों पर एक्शन लेने के लिए निर्देश दिए गए हैं.

Notification.
नोटिफिकेशन.

सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सोशल मीडिया पर खूब मुखर रहते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कर्मचारी संगठनों के ग्रुप बने हैं और एक-एक ग्रुप में हजारों सदस्य हैं. कर्मचारियों से जुड़े सोशल मीडिया समूहों में सरकारी फैसलों की आलोचना भी होती है. हिमाचल में सबसे बड़ा विभाग शिक्षा विभाग (Himachal Higher Education Department ) है. इस विभाग में शिक्षक और गैर शिक्षकों की सबसे अधिक संख्या है. शिक्षक अपने मसलों पर मीडिया में भी राय रखते हैं और सोशल मीडिया पर भी बात कहते हैं.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी शिक्षा विभाग ने शिक्षक संगठनों के नेताओं को नोटिस जारी किए थे. पिछले साल अप्रैल महीने में राजकीय अध्यापक संघ के नेताओं को नोटिस जारी किए गए थे. राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष को नोटिस दिया गया था. हालांकि शिक्षक संगठनों ने ऐसे फैसलों को विरोध पहले भी किया और अब भी कर रहे हैं.

सोशल मीडिया पर शिक्षा विभाग के निदेशक की तरफ से जारी चेतावनी पत्र (reacting against government policies on social media) को साझा कर शिक्षक संगठनों से जुड़े लोग अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं. यही नहीं, आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल पड़ा है. शिक्षा विभाग के निदेशक (director of education department) का कहना है कि सर्विस कंडक्ट रूल्स का उल्लंघन सहन नहीं किया जाएगा और सभी उप निदेशकों को ऐसे लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कहा गया है.

ये भी पढ़ें: Chandigarh university viral video case: जांच के लिए हिमाचल लाए जाएंगे तीनों आरोपी

शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिक्षकों (Teachers in Himachal Pradesh government schools) को सोशल मीडिया पर मुखर होने की सजा मिल सकती है. उच्च शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को सोशल मीडिया पर न्यूज चैनल सरीखे मंच चलाने को लेकर चेतावनी जारी की गई है. इस संदर्भ में उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा (Higher Education Director Amarjeet Sharma) ने सभी जिलों के डिप्टी डायरेक्टर्स एजुकेशन को निर्देश जारी किए हैं.

निर्देश में कहा गया है कि जो शिक्षक सोशल मीडिया मंचों पर सरकार की नीतियों (Government teachers in Himachal) आदि को लेकर आलोचनात्मक रुख अपनाते हैं, वो कंडक्ट रूल का उल्लंघन माना जाएगा. इसे सिविल सर्विस कंडक्ट रूल के उल्लंघन के तौर पर माना जाएगा. ऐसे में सभी को सोशल मीडिया पर न्यूज चैनल सरीखा मंच चलाने को लेकर चेतावनी जारी की गई है. ऐसे शिक्षकों पर एक्शन लेने के लिए निर्देश दिए गए हैं.

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नोटिफिकेशन.

सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सोशल मीडिया पर खूब मुखर रहते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कर्मचारी संगठनों के ग्रुप बने हैं और एक-एक ग्रुप में हजारों सदस्य हैं. कर्मचारियों से जुड़े सोशल मीडिया समूहों में सरकारी फैसलों की आलोचना भी होती है. हिमाचल में सबसे बड़ा विभाग शिक्षा विभाग (Himachal Higher Education Department ) है. इस विभाग में शिक्षक और गैर शिक्षकों की सबसे अधिक संख्या है. शिक्षक अपने मसलों पर मीडिया में भी राय रखते हैं और सोशल मीडिया पर भी बात कहते हैं.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी शिक्षा विभाग ने शिक्षक संगठनों के नेताओं को नोटिस जारी किए थे. पिछले साल अप्रैल महीने में राजकीय अध्यापक संघ के नेताओं को नोटिस जारी किए गए थे. राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष को नोटिस दिया गया था. हालांकि शिक्षक संगठनों ने ऐसे फैसलों को विरोध पहले भी किया और अब भी कर रहे हैं.

सोशल मीडिया पर शिक्षा विभाग के निदेशक की तरफ से जारी चेतावनी पत्र (reacting against government policies on social media) को साझा कर शिक्षक संगठनों से जुड़े लोग अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं. यही नहीं, आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल पड़ा है. शिक्षा विभाग के निदेशक (director of education department) का कहना है कि सर्विस कंडक्ट रूल्स का उल्लंघन सहन नहीं किया जाएगा और सभी उप निदेशकों को ऐसे लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कहा गया है.

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