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आउटसोर्स कर्मियों पर फैसला ले सकती है सरकार, सीएम जयराम ने मांगा ब्यौरा

हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh) में विभिन्न विभागों में आउटसोर्स(outsource) आधार पर सेवाएं देने वाले कर्मियों के लिए राहत की खबर की संभावना है. मुख्यमंत्री कार्यालय से सभी विभागों के आउटसोर्स कर्मियों की जानकारी मांगी(Outsourced personnel information sought) गई है. इसके लिए एक कैबिनेट सब कमेटी का गठन (constitution of cabinet sub committee)भी किया गया.

Jairam Government
सीएम जयराम ने मांगा ब्यौरा
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Published : Nov 24, 2021, 10:00 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh) में विभिन्न विभागों में आउटसोर्स(outsource) आधार पर सेवाएं देने वाले कर्मियों के लिए राहत की खबर की संभावना है. चुनावी साल में जयराम सरकार(Jairam Government) उनके हितों को लेकर कोई फैसला ले सकती है. सरकार आउटसोर्स कर्मियों के लिए किसी तरह के वित्तीय लाभ पर भी विचार कर सकती है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद इस मामले को लेकर गंभीर है.

मुख्यमंत्री कार्यालय से सभी विभागों के आउटसोर्स कर्मियों की जानकारी मांगी(Outsourced personnel information sought) गई है. इसके लिए एक कैबिनेट सब कमेटी का गठन ( cabinet sub committee)भी किया गया.जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर(Water Power Minister Mahendra Singh Thakur) को इस कमेटी का जिम्मा दिया गया .

वीडियो

महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि इस मसले पर सरकार गंभीर है. सभी विभागों से आउटसोर्स कर्मियों का ब्यौरा(ब्यौरा) मांगा गया. बता दें कि प्रदेश में इस समय 25 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी हैं. उनकी मुख्य मांग पॉलिसी बनाने की है. उन्हें नियमित करने का सरकार चाहे कोई फैसला न ले, परंतु उन्हें कोई आर्थिक लाभ दिया जा सकता है. आउटसोर्स कर्मचारियों का मुद्दा 27 नवंबर को प्रस्तावित जेसीसी की मीटिंग(JCC meeting) में भी चर्चा में होगा.

वहीं, कर्मचारी राजनीति में एक अहम घटनाक्रम के तहत जेसीसी मीटिंग का वैन्यू बदला गया(Venue of JCC meeting changed) है. अब ये मीटिंग स्टेट गेस्ट हाउस पीटर हॉफ (State Guest House Peterhoff)में रखी गई. पहले ये बैठक सचिवालय(Secretariat) में तय की गई थी. बैठक 27 सितंबर को पूर्वाह्न 11 बजे होगी. सरकार ने इसके लिए 250 कर्मियों के भाग लेने की सीमा तय की. इस बारे में बुधवार को नए सिरे से आदेश जारी किए गए.

उधर, आउटसोर्स कर्मचारियों के मसले पर गठित कैबिनेट सब कमेटी के मुखिया जल शक्ति मंत्री, जिनके पास बागवानी विभाग भी है, ने बुधवार को एचपीएमसी की बीओडी की बैठक की अध्यक्षता की. इस मीटिंग में एचपीसएमसी की दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई आदि स्थानों पर मौजूद संपत्ति को लेकर विचार किया गया. महेंद्र ठाकुर ने बताया कि इस मसले पर एक नोट तैयार किया जाएगा और उसे कैबिनेट में चर्चा के लिए लाया जाएगा.

सरकार उस संपत्ति का सदुपयोग सुनिश्चित करना चाहती है. एचपीएमसी की मुंबई में भी जमीन है.इस बैठक में बागवानी के 1334 करोड़ रुपए के एचपी शिवा प्रोजेक्ट पर भी चर्चा (HP Shiva project also discussed)हुई. साथ ही जल शक्ति विभाग के हर घर को नल योजना को देश में सबसे पहले पूरा करने पर भी चर्चा की गई. सरकार 2022 के शुरुआती महीनों में ही हर घर को नल का जल प्रदान करने का लक्ष्य लेकर चली है.

ये भी पढ़ें :हिमाचल में गिरा बिजली उत्पादन, पड़ोसी राज्यों पर बढ़ी निर्भरता

शिमला: हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh) में विभिन्न विभागों में आउटसोर्स(outsource) आधार पर सेवाएं देने वाले कर्मियों के लिए राहत की खबर की संभावना है. चुनावी साल में जयराम सरकार(Jairam Government) उनके हितों को लेकर कोई फैसला ले सकती है. सरकार आउटसोर्स कर्मियों के लिए किसी तरह के वित्तीय लाभ पर भी विचार कर सकती है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद इस मामले को लेकर गंभीर है.

मुख्यमंत्री कार्यालय से सभी विभागों के आउटसोर्स कर्मियों की जानकारी मांगी(Outsourced personnel information sought) गई है. इसके लिए एक कैबिनेट सब कमेटी का गठन ( cabinet sub committee)भी किया गया.जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर(Water Power Minister Mahendra Singh Thakur) को इस कमेटी का जिम्मा दिया गया .

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महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि इस मसले पर सरकार गंभीर है. सभी विभागों से आउटसोर्स कर्मियों का ब्यौरा(ब्यौरा) मांगा गया. बता दें कि प्रदेश में इस समय 25 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी हैं. उनकी मुख्य मांग पॉलिसी बनाने की है. उन्हें नियमित करने का सरकार चाहे कोई फैसला न ले, परंतु उन्हें कोई आर्थिक लाभ दिया जा सकता है. आउटसोर्स कर्मचारियों का मुद्दा 27 नवंबर को प्रस्तावित जेसीसी की मीटिंग(JCC meeting) में भी चर्चा में होगा.

वहीं, कर्मचारी राजनीति में एक अहम घटनाक्रम के तहत जेसीसी मीटिंग का वैन्यू बदला गया(Venue of JCC meeting changed) है. अब ये मीटिंग स्टेट गेस्ट हाउस पीटर हॉफ (State Guest House Peterhoff)में रखी गई. पहले ये बैठक सचिवालय(Secretariat) में तय की गई थी. बैठक 27 सितंबर को पूर्वाह्न 11 बजे होगी. सरकार ने इसके लिए 250 कर्मियों के भाग लेने की सीमा तय की. इस बारे में बुधवार को नए सिरे से आदेश जारी किए गए.

उधर, आउटसोर्स कर्मचारियों के मसले पर गठित कैबिनेट सब कमेटी के मुखिया जल शक्ति मंत्री, जिनके पास बागवानी विभाग भी है, ने बुधवार को एचपीएमसी की बीओडी की बैठक की अध्यक्षता की. इस मीटिंग में एचपीसएमसी की दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई आदि स्थानों पर मौजूद संपत्ति को लेकर विचार किया गया. महेंद्र ठाकुर ने बताया कि इस मसले पर एक नोट तैयार किया जाएगा और उसे कैबिनेट में चर्चा के लिए लाया जाएगा.

सरकार उस संपत्ति का सदुपयोग सुनिश्चित करना चाहती है. एचपीएमसी की मुंबई में भी जमीन है.इस बैठक में बागवानी के 1334 करोड़ रुपए के एचपी शिवा प्रोजेक्ट पर भी चर्चा (HP Shiva project also discussed)हुई. साथ ही जल शक्ति विभाग के हर घर को नल योजना को देश में सबसे पहले पूरा करने पर भी चर्चा की गई. सरकार 2022 के शुरुआती महीनों में ही हर घर को नल का जल प्रदान करने का लक्ष्य लेकर चली है.

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