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IGMC में बेसहारा मरीजों को तुरंत मिलेगा निशुल्क इलाज, मरीज से नहीं की जाएगी पूछताछ

शिमला के आईजीएमसी में बेसहारा मरीज को पूछताछ के बिना ही तुरंत इलाज किया जाएगा. नए आदेशों के अनुसार जैसे ही मरीज आईजीएमसी पहुंचेगा उसे तुरंत सीएमओ एडमिट करेगा और जांच की जाएगी.

Free treatment IGMC, निशुल्क इलाज आइजीएमसी
निशुल्क इलाज आइजीएमसी
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Published : Dec 18, 2019, 3:25 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला के आईजीएमसी में बेसहारा मरीज को इंक्वायरी के बिना ही तुरंत इलाज मिलेगा. मरीज के अस्पताल में पहुंचते ही उसे तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवा दी जाएंगी. इसके लिए एमएस ने सभी एचओडी और सीएमओ को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं.

बता दें कि नए आदेशों के अनुसार जैसे ही मरीज आईजीएमसी पहुंचेगा उसे तुरंत सीएमओ एडमिट करेगा और जांच की जाएगी. एचओडी की जिम्मेदारी होगी की मरीज को तुरंत इलाज दिया जाए. मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिलेगा तो प्रशासन संबंधित विभाग पर कार्रवाई कर सकता है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट भी काफी पहले आदेश जारी कर चुका है.

वीडियो रिपोर्ट

आदेशों के अनुसार अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति से कोई भी पूछताछ नहीं की जा सकती है. प्रशासन ने अस्पताल में इलाज भी फ्री कर दिया है. एमएस ने आदेशों में कहा है कि जिस भी विभाग में मरीज का इलाज होगा, उस विभाग के अध्यक्ष मरीज पर होने वाले खर्चे की पूरी डिटेल रखेंगे. मरीज पर जितना भी खर्चा आएगा उसका सारा खर्च प्रशासन उठाएगा.

रोगी कल्याण समिति या सीएम रिलिफ फंड से संबंधित मरीज का इलाज का पूरा खर्च किया जाएगा. एचओडी को केवल खर्चे का ब्यौरा प्रशासन को देना होगा. आईजीएमसी में हर महीने 10 से 15 मरीज ऐसे आते है जिनका कोई नहीं होता है. इन मरीजों का इलाज तो किया जाता है लेकिन ऑपरेशन नहीं किया जाता है. इन आदेशों के बाद इलाज और ऑपरेशन दोनों फ्री हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें: रेहड़ी फड़ी धारकों के अब आएंगे 'अच्छे दिन', प्रशासन ने खोखे को पक्का करने का लिया फैसला

शिमला: राजधानी शिमला के आईजीएमसी में बेसहारा मरीज को इंक्वायरी के बिना ही तुरंत इलाज मिलेगा. मरीज के अस्पताल में पहुंचते ही उसे तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवा दी जाएंगी. इसके लिए एमएस ने सभी एचओडी और सीएमओ को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं.

बता दें कि नए आदेशों के अनुसार जैसे ही मरीज आईजीएमसी पहुंचेगा उसे तुरंत सीएमओ एडमिट करेगा और जांच की जाएगी. एचओडी की जिम्मेदारी होगी की मरीज को तुरंत इलाज दिया जाए. मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिलेगा तो प्रशासन संबंधित विभाग पर कार्रवाई कर सकता है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट भी काफी पहले आदेश जारी कर चुका है.

वीडियो रिपोर्ट

आदेशों के अनुसार अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति से कोई भी पूछताछ नहीं की जा सकती है. प्रशासन ने अस्पताल में इलाज भी फ्री कर दिया है. एमएस ने आदेशों में कहा है कि जिस भी विभाग में मरीज का इलाज होगा, उस विभाग के अध्यक्ष मरीज पर होने वाले खर्चे की पूरी डिटेल रखेंगे. मरीज पर जितना भी खर्चा आएगा उसका सारा खर्च प्रशासन उठाएगा.

रोगी कल्याण समिति या सीएम रिलिफ फंड से संबंधित मरीज का इलाज का पूरा खर्च किया जाएगा. एचओडी को केवल खर्चे का ब्यौरा प्रशासन को देना होगा. आईजीएमसी में हर महीने 10 से 15 मरीज ऐसे आते है जिनका कोई नहीं होता है. इन मरीजों का इलाज तो किया जाता है लेकिन ऑपरेशन नहीं किया जाता है. इन आदेशों के बाद इलाज और ऑपरेशन दोनों फ्री हो जाएंगे.

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Intro:आइजीएमसी में बेसहारा मरीजो को तुरंत मिलेगा निशुल्क ईलाज


शिमला।

अब अाईजीएमसी बेसहारा मरीज काे बिना किसी इंक्वायरी के तुरंत इलाज मिलेगा। अाईजीएमसी पहुंचाने वाले व्यक्ति से भी काेई पूछताछ नहीं हाेगी। पेशेंट के अस्पताल में पहुंचते ही उसे तमाम सुविधाएं तुरंत उपलब्ध करवा दी जाएगी। इसके लिए एमएस ने सभी एचअाेडी अाैर सीएमअाे काे लिखित अादेश जारी कर दिए गए हैं। नए अादेशाें के अनुसार जैसे ही पेशेंट अाईजीएमसी पहुंचेगा, तुरंत सीएमअाे उसे एडमिट करेगा, उसके बाद उसकी जांच हाेगी। फिर जिस भी विभाग का पेशेंट हाेगा, संबंधित एचअाेडी काे इसकी जानकारी दी जाएगी। Body:एचअाेडी की जिम्मेवारी हाेगी की मरीज काे तुरंत इलाज दिया जाए। अगर समय पर मरीज काे इलाज नहीं मिलेगा ताे प्रशासन संबंधित विभाग पर कार्रवाई कर सकता है। नए अादेशाें के अनुसार अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति या पुलिस कर्मी से भी काेई इंक्वायरी नहीं हाेगी। उनका काम बेसहारा पेशेंट काे अस्पताल पहुंचाने के बाद खत्म हाे जाएगा। इसके लिए सुप्रीम काेर्ट भी काफी पहले अादेश जारी कर चुका है। उन अादेशाें के अनुसार अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति से काेई भी पूछताछ नहीं की जा सकती। प्रशासन ने मगर अब यहां पर इलाज भी फ्री कर दिया है।

इलाज भी फ्री मिलेगा
एमएस ने अादेशाें में यह भी कहा है कि जिस भी विभाग में पेशेंट का इलाज हाेगा, उस विभाग के अध्यक्ष मरीज पर हाेने वाले खर्चे की पूरी डिटेल रखेंगे। मरीज पर जितना भी खर्चा अाएगा उसका सारा खर्च प्रशासन उठाएगा। राेगी कल्याण समिति या सीएम रिलिफ फंड से संबंधित मरीज का इलाज का पूरा खर्च किया जाएगा। एचअाेडी काे केवल खर्चे का ब्याैरा प्रशासन काे देना हाेगा। इससे पहले कई बार पैसे ना हाेने के कारण मरीज का इलाज समय पर नहीं हाे पाता था, मगर नए अादेशाें के बाद अब बेसहारा मरीजाें काे इलाज में दिक्कत नहीं अाएगी।


कई पेशेंट रहते हैं बेसहारा
अाईजीएमसी में हर माह 10 से 15 पेशेंट एेसे अाते हैं, जिनका काेई नहीं हाेता। उन्हें या ताे लाेग इमरजेंसी में छाेड़ जाते हैं या फिर पुलिस उन्हें यहां पर लाती है। कई बार ताे पेशेंट एक-एक माह तक भी यहां पर पड़ा रहता है। उसे प्राथमिक उपचार ताे दे दिया जाता है। अगर अाॅपरेशन की जरूरत हाेती है ताे बिना पैसाें के उसका अाॅपरेशन नहीं किया जाता। मगर प्रशासनिक अादेशाें के बाद अब तुरंत ही उसका इलाज अाैर अाॅपरेशन तक फ्री में हाे जाएगा।
Conclusion:
काेट
सभी एचअाेडी अाैर सीएमअाे काे अादेश जारी कर दिए गए हैं कि अगर काेई भी व्यक्ति या पुलिस कर्मी किसी भी बेसहारा पेशेंट काे अाईजीएमसी में लाता है ताे उसे तुरंत इलाज दिया जाए। अगर उसका अाॅपरेशन भी हाेना है ताे एचअाेडी तुरंत अाॅपरेशन कर दें। मरीज के इलाज में जाे भी खर्चा हाेगा, वह प्रशासन उठाएगा। किसी भी बेसहारा व्यक्ति काे बिना इलाज के नहीं रहने दिया जाएगा। सीएम अाैर हेल्थ मिनिस्टर के भी यही अादेश हैं।
डाॅ. जनकराज वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी अाईजीएमसी शिमला
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