शिमला: कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह के खलड़ी वाले बयान पर वन मंत्री राकेश पठानिया (rakesh pathania on vikramaditya singh ) ने पलटवार किया है. राकेश पठानिया ने कहा कि आज के समय में एक सीनियर मेंबर के विरुद्ध इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करना ठीक नहीं है.
बता दें, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र (himachal budget 2022) के दौरान प्रश्नकाल के बाद शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के बेटे एवं विधायक विक्रमादित्य सिंह और वन मंत्री राकेश पठानिया सदन में भिड़ गए. सदन में शनिवार को विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री राकेश पठानिया को अपनी खलड़ी (स्थायीय भाषा में 'चमड़ी' SKin को खलड़ी कहा जाता है) में रहने की नसीहत दे डाली. इस पर वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि कोई किसी से नहीं डरता है. अभी आप पैदा ही हुए हैं और समझाने लगे हैं. यहां भी कोई नहीं डरता, आप भी खलड़ी (खाल)में रहें. इससे सदन के माहौल में तल्खी आ गई.
वन मंत्री ने कहा कि कल के बच्चे आकर हमें खलड़ी में रहने की आदत सिखाएंगे. ऐसी भाषा की उनसे उम्मीद नहीं थी. विक्रमादित्य सिंह पूर्व सीएम स्व. वीरभद्र सिंह के बेटे एवं विधायक हैं. यह विक्रमादित्य सिंह की फ्रस्ट्रेशन को दर्शाता है. इससे साफ नजर आता है कि कितना बुरा हाल है. राकेश पठानिया ने कहा कि उन्होंने हाउस में जो कुछ बोला है, उसकी कॉपी सोमवार को प्रेस के माध्यम से जारी करेंगे.
विक्रमादित्य सिंह पर निशाना साधते हुए वन मंत्री ने कहा कि जिस तरीके से उन्होंने लैंग्वेज का इस्तेमाल किया ये सही नहीं है. राकेश पठानिया ने कहा कि सोमवार को विधानसभा में इस मसले को उठाएंगे. पहली बार सुना किसी विधायक को इस तरह की भाषा का प्रयोग करना कि दो तिहाई हिमाचल में हमारा राज है. यह रजवाड़ा साही का एक ओपन एग्जांपल है.